किताबी कीड़ा मुहावरे का अर्थ (Kitabi Kida Muhavare Ka Arth) होता है, जिस व्यक्ति को किताबों को पढ़ने का बहुत अधिक शौक होता है और उसे जब समय मिलता है, वह किताबों में ही अपना समय बिताता है। तो उसके लिए हम किताबी कीड़ा मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप किताबी कीड़ा मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग और इसकी व्याख्या के बारे में जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
किताबी कीड़ा मुहावरे का अर्थ क्या है?
किताबी कीड़ा मुहावरे का अर्थ (Kitabi Kida Muhavare Ka Arth) होता है- पुस्तकों में ही खोया रहनेवाला व्यक्ति आदि।
किताबी कीड़ा पर व्याख्या
इस मुहावरे में “किताबी कीड़ा मुहावरे का अर्थ” अनुराग को किताबों को पढ़ने का बहुत अधिक शौक है, वह कहीं भी जाते हैं अपने साथ किताबों को जरूर ले जाते है। उनको देख कर सब कहते हैं वो तो किताबी कीड़ा।
किताबी कीड़ा मुहावरे का वाक्य प्रयोग
किताबी कीड़ा मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है;
- नीरज को किताब पढ़ना बहुत पसंद है, वह किताबी कीड़ा है।
- गौरी एग्जाम के समय एक मिनट भी नहीं उठती है, उसके पिता जी उसको किताबी कीड़ा बुलाते हैं।
- मोहित के घर में सब लोग बैठकर बातें कर रहे थे और मोहित किताबी कीड़े की तरह किताब पढ़ रहा था।
- राखी, रिया को किताबी कीड़ाकहती है, क्योंकि वह सारा दिन किताबों में ही खोई रहती है।
संबंधित आर्टिकल
आशा है कि किताबी कीड़ा मुहावरे का अर्थ (Kitabi Kida Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।