जनसंख्या विस्फोट हमारे देश और विश्व के लिए एक गंभीर समस्या बन चुकी है। जब किसी देश की जनसंख्या उसकी संसाधनों की क्षमता से अधिक हो जाती है, तो उसे जनसंख्या विस्फोट कहा जाता है। भारत जैसे देश में, जहां पहले से ही सीमित संसाधन हैं, बढ़ती जनसंख्या के कारण कई समस्याएँ पैदा हो रही हैं, जैसे बेरोजगारी, शिक्षा की कमी, और स्वास्थ्य सेवाओं पर बढ़ता दबाव। अगर इस समस्या पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया, तो यह हमारे विकास को रोक सकती है और जीवन स्तर को प्रभावित कर सकती है। इस विषय पर कई बार स्टूडेंट्स से निबंध लिखने को दिया जाता है। इसलिए इस ब्लॉग में हम आपको जनसंख्या विस्फोट पर निबंध कैसे लिखें, इसके बारे में बताएँगे।
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जनसंख्या विस्फोट पर 100 शब्दों में निबंध
जनसंख्या विस्फोट पर निबंध (Population Explosion Essay in Hindi) इस प्रकार है :
जैसा कि आप सभी जानते हैं, भारत की जनसंख्या में निरंतर वृद्धि होने के कारण भारत चीन को पछाड़कर दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है। यह एक ऐसी उपलब्धि होगी जिस पर गर्व करना संभव नहीं होगा। यही वजह है कि भारत में 2 चाइल्ड पालिसी को लागू करना कंसीडर किया जा रहा है। सरल शब्दों में कहा जाए तो जब किसी देश की जनसँख्या की मृत्यु दर में कमी होती है, बाल मृत्यु दर में कमी होती है और जन्मदर और जीवन प्रत्याशा (लाइफ एक्सपेक्टेंसी) में वृद्दि होती है तो इन सबके कंबाइंड इफ़ेक्ट के कारण जनसंख्या में बहुत तेज़ी से बढ़ोत्तरी देखी जाती है। इसको ही जनसँख्या विस्फोट कहते हैं। यह अक्सर कम विकसित देशों में देखने को मिलता है।
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जनसँख्या विस्फोट पर 200 शब्दों में निबंध
जनसंख्या विस्फोट पर निबंध (Population Explosion Essay in Hindi) इस प्रकार है :
भारत के लिए जनसँख्या का विषय काफ़ी चिंताजनक बन चुका है। आपकी जानकारी के लिए बता दें की हर 10 साल के अंतराल में जनगणना की जाती है। इस जनगणना में जनसँख्या वृद्धि दर, जनसँख्या घनत्व, जनसँख्या और उपभोक्ता, मृत्यु- दर, जन्म- दर के आंकड़े भी शामिल होते हैं। जैसा कि हम सब जानते हैं कि पिछली जनगणना 2011 में की गई थी। इसके बाद 2021 में अगली जनगणना आयोजित की जानी थी लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया। जनसँख्या वृद्धी एक ओर जहाँ देश के विकास में सहायक साबित होती है वहीं यह शोषण का बहुत बड़ा कारण भी बनती है।
जनसँख्या विस्फोट प्राकर्तिक संसाधनों और पर्यावरण की दृष्टि से बहुत हानिकारक है। जनसँख्या में वृद्धि होना, प्राकर्तिक संसाधनों की खपत में वृद्धि से सीधा सम्बंधित है। यह सभी जानते हैं कि चीन को पछाड़कर वर्तमान में सबसे ज़्यादा जनसंख्या वाला देश भारत ही है। आंकड़ों के अनुसार, दुनिया का हर छठा व्यक्ति भारतीय है। रिपोर्ट्स के अनुसार ऐसा अनुमानित है कि 2030 तक भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा।
बाल विवाह, अशिक्षा, गरीबी, रूढ़िवादिता आदि जैसी समस्याओं के निवारण से ही भारत की बढ़ती जनसँख्या दर में रोकथाम संभव है। व्यग्तिगत स्तर पर हम सरकार से आग्रह कर सकते हैं कि जनसँख्या से जुड़े सख्त कानून बनाए जाएं और उनका दृणता से पालन किया जाए। इसके साथ ही हमें जन-जन तक जनसँख्या वृद्धि से सम्बंधित जागरूकता फैलानी चाहिए।
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जनसँख्या विस्फोट पर 500 शब्दों में निबंध
Jansankhya Visfot Par Nibandh (Population Explosion Essay in Hindi) पर 400 शब्दों में निबंध इस प्रकार है :
किसी भी चीज़ का विस्फोट होना तब कहा जाता है जब वह अनियंत्रित तरीके से बढ़ती है। जब इस तरह इंसानों की जनसँख्या में वृद्धि होती है तो इसे जनसँख्या विस्फोट कहा जाता है। यह चिंताजनक बात है कि जनसँख्या 5 अरब के पार पहुँच चुकी है। इसके साथ ही स्त्री- पुरुष लिंगानुपात में बहुत बड़ा अंतर आ चुका है।
जनसंख्या विस्फोट का मुख्य कारण शिक्षा की कमी, निरक्षरता, उचित सेक्स एजुकेशन की कमी और अंधविश्वास है। उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश और बिहार को देख लीजिए- यह दोनों राज्य देश के सबसे अधिक जनसँख्या वाले क्षेत्र हैं। भविष्य में अधिक जनसंख्या संसाधनों के विकास और शोषण की कमी की ओर ले जाती है। भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है लेकिन विभिन्न क्षेत्रों में वैश्विक दुनिया में ताकत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
इस तरह की स्थिति में हमारा देश भारत 70 के दशक में फंस गया था। इसके ही कारण है भारत की नीति निर्माताओं द्वारा उस समय “हम दो हमारे दो” का नारा दिया था। इस प्रकार यह बात स्पष्ट होती है कि जनसँख्या विस्फोट की स्थिति सभी देशों के विकास में बाधक होती है। यह इस तरह की वृद्धि है जिस पर अल्प विकसित देशों को घमंड करने की वजाय शर्म आती है। दूसरी तरफ़ विश्व में जापान, रूस और फ़्रांस जैसे देश हैं जहाँ की जनसँख्या वृद्धि नकारात्मक दौर में पहुँच गयी है। ऐसे देशों की सरकारों द्वारा लोगों से जनसँख्या बढ़ाने की रिक्वेस्ट करी जा रही है और कुछ देशों में एक से अधिक बच्चे पैदा करने पर सरकार के द्वारा नागरिकों को पैसा भी दिया जा रहा है।
जनसंख्या विस्फोट में बहुत नकारात्मक तत्त्व हैं और इसमें कुछ भी सकारात्मक देखने को नहीं मिलता है। इसका नियंत्रण करने के लिए हमें एक निश्चित नियम लाना चाहिए। हालाँकि केंद्र सरकार द्वारा कई लाभ प्रदान किए जाते हैं, फिर भी कई ऐसे हैं जो इसके बारे में जानते भी नहीं हैं। लोगों में इसके प्रति जागरूकता विकसित करने के लिए विभिन्न तरह के कार्यक्रम और अभियानों को चलाया जाना चाहिए। इसके अलावा, जन जागरूकता बढ़ाकर और विभिन्न सख्त जनसंख्या नियंत्रण मानदंडों का आयोजन करके इन समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है। हमें व्यक्तिगत स्तर पर बस इतना करना है कि संभव उपाय करें और देश के अच्छे नागरिक बनें।
जनसँख्या विस्फोट पर निबंध कैसे लिखें?
जनसँख्या विस्फोट पर निबंध लिखने के लिए निम्नलिखित टिप्स को फॉलो करें :
- निबंध में शीर्षक हमेशा आकर्षक होना चाहिए।
- निबंध में सरल भाषा का प्रयोग करें।
- निबंध की भाषा जनसँख्या विस्फोट विषय के अनुरूप होनी चाहिए।
- जनसँख्या विस्फोट से संबंधित समस्त तथ्यों की चर्चा की जानी चाहिए।
- निबंध के अंतिम अनुच्छेद या उप संहार के अंतर्गत पूरे निबंध का सारांश दिया होना चाहिए।
- निर्धारित शब्द सीमा का ध्यान रखते हुए निबंध लिखा जाना चाहिए।
- निबंध की शुरुआत में प्रस्तावना जरुर जोड़ें।
- भाषा और शब्द चिन्ह का खास ध्यान दें।
- निबंध में उचित जानकारी ही दें।
जनसँख्या विस्फोट पर 10 लाइन
जनसँख्या विस्फोट पर 10 लाइन इस प्रकार है :
- जनसंख्या विस्फोट का अर्थ है जनसंख्या का तेजी से बढ़ना।
- यह समस्या मुख्यतः विकासशील देशों में देखने को मिलती है।
- भारत में जनसंख्या वृद्धि की दर विश्व में सबसे अधिक है।
- अधिक जनसंख्या के कारण बेरोजगारी, गरीबी, और भूखमरी बढ़ती है।
- स्वास्थ्य, शिक्षा और संसाधनों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है।
- पर्यावरण पर भी जनसंख्या विस्फोट का दुष्प्रभाव पड़ता है।
- जागरूकता और परिवार नियोजन से इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।
- सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं।
- संतुलित जनसंख्या विकास के लिए हर नागरिक का योगदान जरूरी है।
- जनसंख्या विस्फोट पर काबू पाकर ही एक खुशहाल और समृद्ध समाज का निर्माण हो सकता है।
FAQs
एक शोध के अनुसार भारत में प्रति मिनट 250 से अधिक बच्चे पैदा होते हैं, और हर साल औसतन 120 मिलियन बच्चे पैदा होते हैं। साल 2023 की गणना के अनुसार, भारत की जनसंख्या 142 करोड़ हैं।
मृत्यु दर में तेज़ गिरावट भारत की जनसंख्या में वृद्धि की दर का मुख्य कारण देखा गया है।
बेबी बूम- जनसँख्या विस्फोट का अच्छा उदाहरण है। अमेरिका में, 1946 और 1964 के बीच जन्म दर में वृद्धि; साथ ही, उस अवधि के दौरान अमेरिका में पैदा हुई पीढ़ी।
बढ़ती जनसंख्या के कारण रोजगार के अवसर सीमित हो जाते हैं। बेरोजगारी के कारण गरीबी और अपराध बढ़ते हैं।
मुख्यतः यह समस्या विकासशील देशों में अधिक है, लेकिन कुछ विकसित देशों में भी असंतुलित जनसंख्या वृद्धि समस्याएँ पैदा कर सकती है।
उत्तर प्रदेश, बिहार, और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में जनसंख्या वृद्धि दर अधिक है।
हाँ, जनसंख्या नियंत्रण से संसाधनों का कुशल उपयोग होगा, जिससे पर्यावरण संतुलन और आर्थिक स्थिरता प्राप्त की जा सकती है।
बेरोजगारी में वृद्धि।
प्राकृतिक संसाधनों का तेजी से क्षय।
शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं पर दबाव।
शहरी क्षेत्रों में झुग्गी-झोपड़ी और अव्यवस्था।
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