सेंट्रल टीचर्स एलिजिबिल्टी टेस्ट (CTET) परीक्षा के माध्यम से कैंडिडेट्स को प्राइमरी टीचर बनने का अवसर प्रदान होता है। इस एग्जाम में बैठने वाले कैंडिडेट्स को एग्जाम की सम्पूर्ण जानकारी होनी चाहिए। CTET एग्जाम क्वालीफाई करने के बाद आप प्राईमरी स्कूल के टीचर बनने के योग्य बन जाते हैं। इस वर्ष CTET परीक्षा का आयोजन 20 अगस्त 2023 में होने जा रहा है, जिसके लिए आपको इस एग्जाम के बारे में और इसके सिलेबस के बारे में पता होना चाहिए। Child Development and Pedagogy for CTET में आपको CTET एग्जाम के लिए बाल विकास और शिक्षा शास्त्र के महत्व के बारे में पता चलेगा।
परीक्षा का नाम | सेंट्रल टीचर्स एलिजिबिल्टी टेस्ट (CTET) |
परीक्षा के आयोजनकर्ता | सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंड्री एजुकेशन (CBSE) |
परीक्षा का मोड | ऑफलाइन |
परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्न | MCQ (मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन) |
परीक्षा के लिए मिलने वाला कुल समय | 150 मिनट |
परीक्षा की तिथि | 20 अगस्त 2023 |
कुल पेपर्स | 2 (पेपर 1 और पेपर 2) |
आधिकारिक वेबसाइट | ctet.nic.in |
Child Development and Pedagogy for CTET सिलेबस क्या है?
Child Development and Pedagogy for CTET सिलेबस निम्नलिखित है-
- चाइल्ड डेवलपमेंट ऑन इंटेलिजेंस प्रिंसिपल
- कांसेप्ट ऑफ़ डेवलपमेंट
- बेसिक कांसेप्ट ऑफ़ CDP
- सोशलाइज़ेशन प्रोसेस
- जेंडर एस ए सोशल स्ट्रक्चर प्रिंसिपल ऑफ़ चाइल्ड डेवलपमेंट
- फीलिंग और व्यवहार
- लर्निंग डेवेलपमेंट थ्योरी
- चाइल्ड थिंकिंग
- टीचिंग मेथड
- थिंकिंग एंड लर्निंग चाइल्ड डेवलपमेंट विथ स्पेशल नीड
- कांसेप्ट ऑफ़ चाइल्ड एंड प्रोग्रेसिव एजुकेशन
- डिफरेंस बिटवीन अस्सेस्मेंट ऑफ़ लर्निंग एंड अस्सेस्मेंट ऑफ़ लर्निंग
- फीलिंग एंड इमोट इत्यादि।
Child Development and Pedagogy for CTET का महत्व
Child Development and Pedagogy for CTET का महत्व समझकर ही आप CTET एग्जाम के लिए इस टॉपिक को अच्छे से कवर कर सकते हैं, जिसके महत्व को निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से आसानी से समझा जा सकता है-
- इसके माध्यम से ही बाल विकास की नीतियों पर चर्चा होती है।
- इसके माध्यम से ही कैंडिडेट्स शिक्षा के उस स्तर को समझ पाते हैं, जहाँ से वह बच्चों के दृश्टिकोण को एक नया आयाम देते हैं।
- यह सिलेबस कैंडिडेट्स को सोशल एंड पर्सनेलिटी डेवलपमेंट पर फोकस करना सिखाता है।
- इसके माध्यम से कैंडिडेट्स सामाजिक दृश्टिकोण को भी अपना पाते हैं।
- इस सिलेबस का मुख्य उद्देश्य बाल विकास के साथ-साथ शिक्षा के स्तर को सरल बनाने का होता है।
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