कोरोना काल के समय देश-दुनिया ने शिक्षा से जुड़ी चुनौतियों को झेला है, लेकिन अब गांव और शहरों में नेटवर्क और टेक्नोलाॅजी के लगातार बढ़ रहे उपयोग से ऑनलाइन एजुकेशन को बढ़ावा मिल रहा है। साथ ही यह भी माना जा रहा है कि 5जी टेक्नोलाॅजी से एजुकेशन की फील्ड में बड़े बदलाव आएंगे।
एजुकेशन की फील्ड में 5जी की शुरुआत से स्टूडेंट की पहुंच और सिलेबस या कोर्स से जुड़ने के तरीके बदल जाएंगे। काॅलेज और यूनिवर्सिटीज 5G की बढ़ी हुई डाउनलोड और अपलोड स्पीड, हाई बैंडविड्थ और कम समय में एजुकेशन संबंधित समस्याएं ऑनलाइन हल करने में सक्षम होंगे।
शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के अलावा 5G की बेहतर स्पीड डेटा ट्रांसफर रेट और अधिक विश्वसनीय कनेक्टिविटी कैंपस कनेक्टिविटी को बढ़ावा दे सकती है, जिससे स्टूडेंट्स, फैकल्टी और कर्मचारियों के लिए इंटरनेट और अन्य चीजों का उपयोग करना आसान हो जाता है।
इनोवेशन और एंटरप्रोन्योरशिप को बढ़ावा मिलेगा
5जी टेक्नोलाॅजी इंटरनेट ऑफ थिंग्स गैजेट्स, स्मार्ट सेंसर और ऑटोमेटिक सिस्टम जैसी माडर्न टेक्नोलाॅजी के उपयोग में मदद करेगी। जब 5G को शिक्षा के माहौल में लागू किया जाता है, तो इससे इनोवेशन और एंटरप्रोन्योरशिप को बढ़ावा मिलेगा। छात्र और अन्य लोग डिजिटल प्रोडक्ट्स के डेवलपमेंट से लाभ उठा सकेंगे।
5G सर्विस को लॉन्च कर चुके हैं प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी
प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी 5G सर्विस को लॉन्च कर चुके हैं और बड़ी टेलीकॉम कंपनियां अपने-अपने प्लेटफॉर्म पर 5G सर्विसेज को रोल आउट कर रही हैं। कई बड़ी कंपनियों के सीईओ और डायरेक्टर का भी यही कहना है कि 5G के आने के बाद एजुकेशन इंडस्ट्री में कई बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
रिमोटली पढ़ाई में दूर होगी कनेक्टिविटी की समस्या
स्टूडेंट्स को 5जी के जरिए डिजिटल और रिमोट के जरिए पढ़ाई का एक्सपीरियंस मिलेगा। कमजोर नेटवर्क के चलते जो कनेक्टिविटी की समस्या रहती थी, वह भी दूर होगी। ऑनलाइन क्लासेज, डिस्टेंस एजुकेशन और पढ़ाई में रिसर्च को तेजी और बढ़ावा मिलेगा।
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