डॉक्टर अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन क्यों कहा जाता है?

1 minute read

भारत एक ऐसा महान देश है जिसने अपने ज्ञान और विज्ञान से संपूर्ण विश्व का मार्गदर्शन किया। भारत जैसे महान देश में कई ऐसे महान वैज्ञानिक हुए, जिनके समर्पण ने विश्व कल्याण और लोकहित में एक मुख्य भूमिका निभाई। इन्ही में से एक भारत के पूर्व राष्ट्रपति भारतरत्न ए पी जे अब्दुल कलाम भी थे। भारतरत्न एपीजे अब्दुल कलाम की जीवन यात्रा से प्रेरणा लेकर आप देशहित में खुद को समर्पित कर सकते हैं। इस पोस्ट के माध्यम से आपको डॉक्टर अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन क्यों कहा जाता है, के बारे में जानकारी प्राप्त होगी।

डॉक्टर अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन क्यों कहा जाता है?

एपीजे अब्दुल कलाम भारत के उन महान वैज्ञानिकों की श्रेणी में आते हैं, जिनका उद्देश्य भारत को आत्मनिर्भर बनाकर सशक्त करने का था। इसरो में परियोजना निदेशक के तौर पर एपीजे अब्दुल कलाम ने एक मुख्य भूमिका निभाई, जिसमें डॉ. कलाम ने भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान “एसएलवी-3” के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

इस परियोजना के पीछे उनका लक्ष्य भारत को आत्मनिर्भरता के युग में ले जाना था, इस यान से भारत ने रोहिणी उपग्रह सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा था। इस मिसाइल को बनाने में उनकी कड़ी मेहनत थी, इसी कारण उन्हें मिसाइल मैन कहा गया। इस सफल परियोजना के बाद, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने देश को कई सारे मिसाइल दिए।

1998 में हुए पोखरण-2 परीक्षण में उनकी भूमिका

1998 में हुए पोखरण-2 परमाणु परीक्षण में डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण थी। उस समय डॉ. कलाम रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार थे और परमाणु कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे थे। पोखरण-2 परीक्षण भारत के लिए एक ऐतिहासिक घटना थी, जिसने देश को एक परमाणु शक्ति के रूप में स्थापित किया। डॉ. कलाम ने वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की टीम का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया और परीक्षण की तकनीकी चुनौतियों का समाधान किया। उनकी विशेषज्ञता मिसाइल तकनीक में थी, लेकिन उन्होंने परमाणु हथियारों के विकास और उनके मिसाइलों के साथ एकीकरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस तरह पोखरण-2 के सफल परीक्षण के बाद, डॉ. कलाम को “मिसाइल मैन” और “भारत के रक्षक” के रूप में पहचान मिली, और वे भारत के भविष्य के निर्माण में एक प्रेरणास्त्रोत बन गए।

ए पी जे अब्दुल कलाम की जीवन यात्रा से सीखने योग्य बातें

डॉक्टर अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन क्यों कहा जाता है, के बारे में जानने के बाद आपको एपीजे अब्दुल कलाम की जीवन यात्रा से सीखने योग्य बातों के बारे में जानना चाहिए। इन बातों को आप निम्नलिखित बिंदुओं से समझ सकते हैं;

  • डॉ. कलाम का जीवन संघर्ष से भरपूर था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
  • एपीजे अब्दुल कलाम ने युवाओं को यह सीख दी कि हालात चाहे जैसे भी हों, हार मानने का विचार न करें, बल्कि आगे बढ़ें और मेहनत करें।
  • एपीजे अब्दुल कलाम अपने सपनों को पूरा करने के लिए कितना भी संघर्ष करने को तैयार थे, यह गुण उनसे सीखा जा सकता है।
  • डॉ. कलाम हमें शिक्षा के महत्व के बारे में भी सिखाते हैं। वे शिक्षा को समृद्धि और विकास की कुंजी मानते थे, और युवाओं को शिक्षा की ओर प्रोत्साहित करते थे।
  • एपीजे अब्दुल कलाम गरीब परिवार से आते थे, उन्होंने अपने जीवन के एक लंबे दौर तक गरीबी का दुःख झेला था। लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत, ज्ञान, और संघर्ष के माध्यम से स्वयं को आत्मनिर्भर बनाया। आत्मनिर्भरता का यह गुण उनसे सीखा जा सकता है।
  • डॉ. कलाम एक गर्वपूर्ण भारतीय थे और उनका देश से गहरा संबंध था। ए पी जे अब्दुल कलाम ने जीवन भर “राष्ट्र सर्वोपरि” की विचारधारा का अनुसरण किया, यह गुण ही हम में देशभक्ति की भावना जगा सकता है।

FAQs 

एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम क्या था?

एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम “अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम” था।

अब्दुल कलाम कौन सी मिसाइल बनाई थी?

अब्दुल कलाम ने अग्नि और पृथ्वी मिसाइलों के सफल विकास में मुख्य भूमिका निभाई थी।

भारत की पहली मिसाइल का क्या नाम है?

भारत की पहली मिसाइल का नाम “पृथ्वी” है।

आशा है कि आप इस पोस्ट के माध्यम से डॉक्टर अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन क्यों कहा जाता है, के बारे में जानकारी प्राप्त कर पाए होंगे। इसी तरह के अन्य जनरल नॉलेज के ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

प्रातिक्रिया दे

Required fields are marked *

*

*