दिल पसीजना मुहावरे का अर्थ (Dil Paseejna Muhavare Ka Arth) होता है। जब कोई व्यक्ति परेशानी में देख दया या रहम आ जाती है, तो उसके लिए हम दिल पसीजना मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप दिल पसीजना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग और इसकी व्याख्या के बारे में जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
दिल पसीजना मुहावरे का अर्थ क्या है?
दिल पसीजना मुहावरे का अर्थ (Dil Paseejna Muhavare Ka Arth) होता है- दया आना/किसी पर रहम आना/किसी पर तरस खाना आदि।
दिल पसीजना पर व्याख्या
इस मुहावरे में “दिल पसीजना मुहावरे का अर्थ” अनुराग का मुझे दर्द में देखकर भी बिलकुल भी दिल पसीजा नहीं।
दिल पसीजना मुहावरे का वाक्य प्रयोग
दिल पसीजना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है;
- कितना भी कह लो पर शिखर का दिल पसीजता ही नहीं है।
- कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनका दिल कभी नहीं पसीजता है, किसी भी चीज को लेकर।
- जब मैं अपने माँ और पिता जी को काम करते देखता हूँ, तो मेरा दिल पसीज जाता है।
- कल एक छोटे से बच्चे को सड़क पर ठंड से कांपते देख कर मेरा दिल पसीज गया।
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आशा है कि दिल पसीजना मुहावरे का अर्थ (Dil Paseejna Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।