छाती पर मूँग दलना मुहावरे का अर्थ (Chati Par Moong Dalna Muhavare Ka Arth) होता है। जब कोई व्यक्ति किसी को पास रहकर कष्ट देता है या परेशान करता है, तो उसके लिए हम छाती पर मूँग दलना मुहावरे का प्रयोग करते हैं। इस ब्लॉग के माध्यम से छाती पर मूँग दलना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग और इसकी व्याख्या के बारे में जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
छाती पर मूँग दलना मुहावरे का अर्थ क्या है?
छाती पर मूँग दलना मुहावरे का अर्थ (Chati Par Moong Dalna Muhavare Ka Arth) होता है- पास रखकर दुःख देना, पास रहकर कष्ट देना आदि।
छाती पर मूँग दलना पर व्याख्या
- इस मुहावरे में “छाती पर मूँग दलना मुहावरे का अर्थ” सक्सेना जी का बेटा बड़ा हो गया है,फिर भी कोई काम नहीं करता है। जिससे उनकी कोई मदद हो जाएं। पता नहीं वह कब तक छाती पर मूंग दलेगा।
छाती पर मूँग दलना मुहावरे का वाक्य प्रयोग
छाती पर मूँग दलना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है;
- रीमा हमेशा अपने माता-पिता की छाती पर मूँग दलने को तैयार रहती है।
- कुछ रिश्तेदार तो छाती पर मूँग दलने के लिए पास में रहते हैं।
- रोहन के पड़ोसी रात भर शोर शराबा करके छाती पर मूंग दलते रहते हैं।
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आशा है कि छाती पर मूँग दलना मुहावरे का अर्थ (Chati Par Moong Dalna Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।