भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की ओर से 22 जुलाई 2019 को GSLV एमके III-एम1 प्रक्षेपण रॉकेट से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था। 20 अगस्त 2019 को चंद्रयान-2 ने अतंरिक्ष यान की कक्षा में प्रवेश किया। इस मिशन का पहला मकसद चांद की सतह पर सुरक्षित उतरना और फिर से चांद की सतह पर रोबोट रोवर संचालित करना था लेकिन 2 सितंबर 2019 को चांद की ध्रूवीय कक्षा में चांद का चक्कर लगाते समय लैंडर ‘विक्रम’ अलग हो गया और सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर लैंडर का स्पेस सेंटर से संपर्क टूट गया था, जिसके बारे में कई बार स्टूडेंट्स से प्रतियोगी परीक्षाओं में भी पूछ लिया जाता है। इसलिए आज के इस ब्लॉग में हम चंद्रयान-2 मिशन कब लांच हुआ था के बारे में जानेंगे।
चंद्रयान-2 मिशन में 2 महिला डायरेक्टर एम. वनीता और मिशन डायरेक्टर रितु करिधल ने अहम भूमिका निभाई थी। चंद्रयान-3 मिशन के ऑपरेशन निदेशक मोहन कुमार हैं, व्हीकल/रॉकेट निदेशक बीजू सी. थॉमस हैं और अंतरिक्ष यान निदेशक डॉ. पी. वीरमुथुवेल हैं।
14 जुलाई 2023 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-3 चंद्रमा मिशन लॉन्च किया है। लॉन्चिंग सफल चंद्रयान-3 की ने अपनी लॉन्चिंग के चार चरण सफलता पूर्वक पूरे कर लिए हैं। ISRO के मुताबिक चंद्रयान-3 पृथ्वी की निर्धारित कक्षा में पहुंच गया है वहां से वह चांद की कक्षा की ओर जाएगा।
ISRO चीफ ने बताया कि चंद्रयान-3 लैंडर की लैंडिंग वेलोसिटी को 2 मीटर/सेकंड से बढ़ाकर 3 मीटर/सेकंड कर दिया गया है। यह एडजस्टमेंट सुनिश्चित करता है कि 3 मीटर/सेकंड की वेलोसिटी पर भी लैंडर दुर्घटनाग्रस्त नहीं होगा।
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