सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) छात्रों को भविष्य की नौकरियों के लिए तैयार करने और उनमें क्रिएटिविटी और इनोवेशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग पर एक मजबूत नीति तैयार करने की योजना बना रहा है।
सीबीएसई के अधिकारियों के अनुसार, पिछले साल नवंबर में सीबीएसई के स्किल एजुकेशन डिपार्टमेंट की बैठक के दौरान इस योजना पर चर्चा की गई थी और उच्च शिक्षा संस्थानों IITs, NITs, इलेक्ट्रॉनिक्स और मिनिस्ट्री ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी के रिप्रेजेन्टेटिव, मेजर स्टेकहोल्डर्स की एक समिति गठित करने का निर्णय लिया गया था। ग्लोबल लेवल पर AI को बढ़ावा देने वाला उद्योग और बोर्ड के अधिकारी इस कार्य को लेकर तत्पर हैं।
अधिकारियों ने कहा कि जल्द ही समिति का गठन कर प्रस्ताव पर काम शुरू किया जाएगा और अप्रैल 2024 के अंत तक सिफारिशें सौंपने की संभावना है।
समिति यह कार्य करेगी
समिति को छात्रों के बीच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) स्किल डेवलपमेंट करने और उन्हें 21वीं सदी की अर्थव्यवस्था में नौकरियों के लिए प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार करने की योजना बनाने का काम सौंपा जाएगा।
बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “समिति AI और डिजिटल क्रिएटिविटी टूल का उपयोग करके छात्रों के सीखने के परिणामों में सुधार के लिए रणनीति तैयार करेगी, और दिव्यांग छात्रों के लिए शिक्षा और अवसरों तक पहुंच प्रदान करके सामाजिक समावेशन को बढ़ावा देने पर भी ध्यान केंद्रित करेगी।” यह नीति टीचर्स और एडुकेटर्स के लिए प्रोफेशनल डेवलपमेंट के अवसर भी प्रदान करेगी।
CBSE के बारे में
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (CBSE) को 1921 में स्थापित किया गया था। इसका हेडक्वार्टर नई दिल्ली में है। 1929 में भारत सरकार ने हाई स्कूल और इंटरमीडिएट शिक्षा बोर्ड नामक एक संयुक्त बोर्ड की स्थापना की। CBSE कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए जो परीक्षा आयोजित करता है।
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