संसार ही परिवर्तन का नियम है, इस बात का सही उदहारण तकनीक का बढ़ता प्रभाव है। इसी कड़ी में किसी भी इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और UK के रसेल ग्रुप यूनिवर्सिटी के बीच इस तरह की पहली शिक्षा साझेदारी है, जहाँ डेटा साइंस और AI में नए प्रोग्राम्स को स्थान दिया गया है।
गौरतलब है कि बर्मिंघम यूनिवर्सिटी और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास (IIT मद्रास) ने डेटा साइंस और AI में अपने नए जॉइंट मास्टर्स कार्यक्रमों के लिए, आवेदन प्रक्रिया को शुरू कर दिए है। सफल होने वाले आवेदकों को दोनों यूनिवर्सिटीज द्वारा प्रदान की जाने वाली सिंगल डिग्री प्राप्त करने से पहले, बर्मिंघम और चेन्नई में अध्ययन करना होगा।
इसको एक सकारात्मक खबर के रूप में देखा जा रहा है, जहाँ जॉइंट प्रोग्राम्स दोनों संस्थानों के परिसरों में वितरित किए जाएंगे। साथ ही प्रत्येक यूनिवर्सिटी द्वारा जारी किए गए एकेडमिक क्रेडिट की पारस्परिक मान्यता एकल डिग्री प्रमाणपत्र के पुरस्कार की ओर ले जाएगी। इस कोर्स के माध्यम से ग्लोबल इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी के भविष्य को परिभाषित करने वाले, वर्तमान क्षेत्रों में सीखने और काम करने के लिए छात्रों को अकादमिक लचीलेपन से लाभ होगा।
यह कार्यक्रम जुलाई में शुरू होंगे जब छात्र IIT मद्रास में अपनी पढ़ाई शुरू करेंगे और शॉर्ट इंडस्ट्रियल प्लेसमेंट शुरू करने से पहले कई मॉड्यूल पूरे करेंगे। यह साझेदारी UK के अध्ययन तत्व वाले छात्रों के लिए सामान्य अंतरराष्ट्रीय स्तर के बजाय डोमेस्टिक फी लेवल पर एक कॉम्पिटिटिव ओवेरल फी प्रदान करती है।
इस पर वाइस-चांसलर और बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के प्रधानाचार्य प्रोफेसर एडम टिकेल का कहना है कि “हमारे ऐतिहासिक नए जॉइंट मास्टर प्रोग्राम्स दो देशों में अध्ययन करने के लिए नए और रोमांचक अवसर खोलते हैं। साथ ही इससे IIT मद्रास और बर्मिंघम यूनिवर्सिटी दोनों की विशेषज्ञता और उद्योग लिंक से कई छात्र लाभान्वित होंगे।
प्रोफेसर रघुनाथन रंगास्वामी, डीन (ग्लोबल एंगेजमेंट), IIT मद्रास ने ख़ुशी जताते हुए कहा, “यह विभिन्न प्रकार के विषयों का अध्ययन करने का एक शानदार अवसर है।”
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