बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) अकादमिक सेशन 2024-25 से ऑनर्स और रिसर्च दोनों के लिए चार साल के अंडरग्रेजुएट को लागू करेगा, अर्थात् यूजी ऑनर्स और रिसर्च के साथ यूजी ऑनर्स। यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप लिया गया है।
प्रस्ताव के अनुसार, 7.5 और उससे अधिक CGPA वाले कुल प्रवेशित छात्रों में से केवल 10 प्रतिशत को योग्यता के आधार पर रिसर्च के साथ यूजी ऑनर्स का चयन करने की अनुमति दी जाएगी। संस्थान ने कहा कि प्रस्तावित प्रोग्राम छात्रों के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करते हैं ताकि उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाया जा सके, जो अपने व्यक्तिगत और प्रोफेशनल डेवलपमेंट के संदर्भ में अपनी विश्वविद्यालय शिक्षा का सर्वोत्तम उपयोग करने में सक्षम हों।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में रिसर्च के साथ यूजी ऑनर्स पूरा करने वाले लोग पोस्टग्रेजुएट डिग्री हासिल किए बिना पीएचडी प्रोग्राम के लिए पात्र हो जाएंगे। प्रस्तावित प्रोग्राम छात्रों को विकल्पों की एक बड़ी श्रृंखला में से छोटे कोर्सेज के चयन में फ्लेक्सिबिलिटी देता है।
स्टूडेंट्स को देना होगा इन बातों पर ध्यान
छात्रों को ध्यान देना चाहिए कि सभी अंडरग्रेजुएट छात्रों को मल्टीडिस्कप्लिनरी कोर्सेज, स्किल एनहांसमेंट कोर्सेज, कैपेसिटी बिलिडंग, वैल्यू एडेड कोर्सेज, साथ ही इंटर्नशिप पर क्रेडिट लेना होगा। रिसर्च के साथ ऑनर्स की पढ़ाई करने वाले अपने फाइनल सेमेस्टर में एक रिसर्च थीसिस लिखेंगे।
इस बीच, फैकल्टी ऑफ लॉ द्वारा पेश किया जाने वाला पांच वर्षीय बीए एलएलबी कोर्सेज, विशेष कोर्स केटेगरी होने के कारण अपरिवर्तित रहेगा। इसी तरह, साउथ कैंपस में स्किल वृद्धि प्रोफेशनल प्रोग्राम और विशिष्ट रेगुलेटरी बॉडी द्वारा रेगुलेटेड प्रोग्राम्स उसी तरह चलते रहेंगे, क्योंकि वे एनईपी के दायरे में नहीं आते हैं।
इतनी अटेंडेंस है अनिवार्य
बीएचयू काउंसिल ने बाद के वर्षों में केवल उन्हीं छात्रों को हॉस्टल की सुविधा देने के प्रस्ताव को आगे बढ़ाया, जिनकी क्लासेज में कम से कम 70 प्रतिशत उपस्थिति हो। डिपार्टमेंट्स को सलाह दी गई है कि वे अपनी वर्तमान पेशकशों की समीक्षा करें और प्रस्तावित परिवर्तनों को प्रभावी बनाने के लिए तौर-तरीके तैयार करें।
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