भारत पर कई विदेशी आक्रमणकारियों ने आक्रमण किये और भारत को गुलामी की बेड़ियों में जकड़कर रखा। जिसके बाद गुलामी के कालखंड से भारत ने 1947 में स्वतंत्रता पाई, स्वतंत्रता की खुशी अपने साथ लाई विभाजन की विभीषिका। इस विभाजन से बना एक ऐसा देश जिसने मजहब के नाम पर भारत का बंटवारा किया, उस देश का नाम पड़ा पाकिस्तान। पाकिस्तान के नापाक इरादों में हमेशा मानवता और भारत का अहित निहित रहता है, जिसके कारण ही अतीत में भारत-पाकिस्तान युद्ध हुए है। इस पोस्ट के माध्यम से आप इन युद्ध के बारे में जान पाएंगे और उनमें किसकी जीत हुई, यह भी आप जान पाएंगे।
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कब-कब हुआ भारत-पाकिस्तान युद्ध?
इतिहास गवाह है जब-जब शत्रु ने भारत पर कुदृष्टि डाली, तब-तब भारत की पुण्य भूमि पर जन्मे सूरवीरों ने, शत्रुओं को जड़ से उखाड़ फेका। इसी क्रम में जब वर्ष 1947 में ग्रेट ब्रिटेन से भारत स्वतंत्र हुआ तो मजहब के आधार पर एक अलग देश पाकिस्तान का निर्माण हुआ। भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेद हुए जिसके पीछे की वजह पाकिस्तान की नापाक सोच रही, इन्हीं युद्धों की श्रृंखला को भारत-पाकिस्तान युद्ध का नाम दिया जाता है। वर्ष 1947-48, 1965, 1971 और 1999 में भारत-पाकिस्तान दोनों देश युद्ध की स्तिथि में रहे।
किन कारणों से हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध?
पाकिस्तान एक ऐसा देश है जिसने मजहबी कट्टरता के आधार पर भारत पर हमला किया, यह एक ऐसा देश है जिसने मानवता को तार-तार किया। दोनों देशों के बीच युद्ध के अन्य कई कारणों में से मजहबी कट्टरता, सीमा विवाद, कश्मीर समस्या, जल विवाद और आतंकवाद जैसे मुद्दे मुख्य कारण रहे।
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भारत-पाकिस्तान युद्ध का संक्षिप्त विवरण
भारत-पाकिस्तान के बीच विचारों और विचारधाराओं में मतभेद के कारण युद्ध हुए, साथ ही मानवता और मातभूमि के संरक्षण में भी भारतीय सेना ने पकिस्तानी फ़ौज को समय-समय पर खदेड़ा, निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से आप जानेंगे कि वर्तमान समय तक चार बार भारत-पाकिस्तान युद्ध हुए हैं।
प्रथम युद्ध
भारत-पाकिस्तान युद्ध की श्रेणी में पहला युद्ध देश की आज़ादी के तुरंत बाद हुआ था, जिसमें पाकिस्तान भारत के अधिकाधिक भूभाग को कब्जाना चाहता था। भारत-पाकिस्तान के बीच पहला युद्ध 1947-48 के बीच हुआ, जिसके मुख्य केंद्र बिंदु में कश्मीर था। 22 अक्टूबर, 1947 में पाकिस्तान के कबायलियों ने कश्मीर के कुछ हिस्से पर कब्जा कर लिया। यह आक्रमण पाकिस्तानी सेना की देखरेख में हो रहा था। इस हमले के बाद कश्मीर के राजा हरि सिंह ने भारत से मदद मांगी और 26 अक्टूबर 1947 इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन” (विलय की संधि) पर हस्ताक्षर किए। इस हस्ताक्षर के बाद कश्मीर भारत का हिस्सा बन गया था। इसके बाद भारतीय सेना ने जम्मू कश्मीर से पाकिस्तानी अक्रांताओं के भगाने के लिए ऑपरेशन “विजय” शुरू किया। इसके बाद भारतीय सेना ने जम्मू और कश्मीरके बहुत से हिस्सो को पाकिस्तान के कब्जे से खाली करा लिया था।
द्वितीय युद्ध
भारत-पाकिस्तान युद्ध की श्रेणी में दूसरा युद्ध यूँ तो अनेकों कारणों के चलते हुआ था, जिसमें सिंधु जल संधि कहीं न कहीं महत्वपूर्ण रही। भारत-पाकिस्तान के बीच दूसरा युद्ध 1965 में हुआ, इसी वर्ष पाकिस्तान ने कच्छ सीमा के पास हमला किया, जिससे विवाद शुरु हो गया। भारत ने यह मामला संयुक्त राष्ट्र में उठाया। और विवाद ने एक भीषण युद्ध का रूप लिया।
तृतीय युद्ध
तीसरा युद्ध वर्ष 1971 में हुआ, जिसका मुख्य कारण बांग्लादेश में रह रहे बांग्ला भाषियों और पाकिस्तानी सेना से पीड़ित लोगों की रक्षा करना था। इस युद्ध ने बांग्लादेश नाम के नए देश का निर्माण किया जो कि पूर्वी पाकिस्तान का हिस्सा था।
चतुर्थ युद्ध
चौथा युद्ध वर्ष 1999 में हुआ, जम्मू और कश्मीर के कारगिल जिले और नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तान के सैनिकों और कश्मीरी आतंकवादियों की घुसपैठ इस युद्ध की वजह थी।
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भारत-पाकिस्तान युद्ध के क्या रहे परिणाम?
युद्ध जब-जब हुए जीत हमेशा मानवता की हुई, जीत हमेशा न्याय की हुई, जीत हमेशा धर्म की हुई। पाकिस्तान से पीड़ित होकर पूर्वी पाकिस्तान अलग हुआ और नया देश बांगलादेश बना। पाकिस्तान के मंसूबों को जानकर आज कश्मीर पर कोई भारत के खिलाफ दो शब्द नहीं कहता। भारत-पाकिस्तान युद्ध को हमेशा भारत ने ही जीता है।
आशा है कि आपको भारत-पाकिस्तान युद्ध का यह ब्लॉग जानकारी से भरपूर लगा होगा। इसी प्रकार इतिहास से जुड़े अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।