भारत ऐसा पहला देश माना जाता है, जिसके 4 नाम हैं। भारत, आर्यावर्त, इंडिया और हिंदुस्तान। प्राचीन काल में जंबूद्वीप से लेकर आर्यावर्त और भारत से लेकर हिंदुस्तान कहे जाने वाले इस देश का इतिहास रोचक तथ्यों से भरपूर है। भारत की सांस्कृतिक विरासत की तरह इसके नामकरण के पीछे भी इतिहास ही छिपा हुआ है।
ब्रिटिश काल में भारत को हिंदुस्तान के नाम से जाना जाता था, लेकिन उच्चारण में परेशानी के चलते अंग्रेजों ने भारत के लिए लैटिन लैंग्वेज में इन्डे (Inde) के नाम पर इंडिया नाम से पुकारने की शुरुआत कर दी, जो की इंडस वैली सिविलाइज़ेशन (Indus Valley Civilization) से निकला है।
कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इंडस शब्द को ही ठीक कर इंडिया बनाया गया और फिर भारत को इंडिया कहा जाने लगा। कुछ लोग मानते हैं कि जब अंग्रेज भारत में आए उस समय हिंदुस्तान था, लेकिन उन्हें बोलने में परेशानी हुई तो उन्होंने भारत को इंडिया कहना शुरू कर दिया। अंग्रेजों के शासनकाल में इंडिया काफी फेमस हुआ और अब पूरे विश्व में इसे इंडिया के नाम से ही जाना जाता है।
1947 में जब देश को आजादी मिली तो 1949 में देश का संविधान बनकर तैयार हो गया। 17 सितंबर 1949 को संघ के नाम और स्टेट्स पर चर्चा शुरू हुई। संविधान की ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष डाॅ. भीमराव आंबेडकर चाहते थे कि इसे आधे घंटे में स्वीकारा जाए, मगर दूसरे सदस्य नाम को लेकर सहमत नहीं थे, वह चाहते थे कि इंडिया और भारत जैसे शब्दों के रिश्तों को समझ लिया जाए। इस पर काफी बहस हुई और बहस में सेठ गोविंद दास, श्रीराम सहाय, हरगोविंद पंत, कमलापति त्रिपाठी आदि नेताओं ने हिस्सा लिया और हरि विष्णु कामथ ने सुझाव दिया कि भारत को भारत या फिर इंडिया में बदल दिया जाए। इसके बाद से अभी भी अन्य देशों के लोग भारत को इंडिया ही कहते हैं।
अन्य जानकारी के लिए
- भारत का संविधान किसने बनाया?
- जानिए दिल्ली का नाम किसने रखा?
- पूरी दुनिया में कितने देश हैं?
- GS में कौन कौन से सब्जेक्ट होते हैं?
- वर्तमान में भारत में कौन क्या है?
- भारत के वर्तमान वित्त मंत्री का क्या नाम है?
ऐसे ही अन्य सवालों के जवाब के लिए Leverage Edu के साथ बने रहिए!