इस पोस्ट के माध्यम से आप ‘अति उपसर्ग से शब्द’ के बारे में जान पाएंगे, जो कि आपके ज्ञान में विस्तार करेगा। अति उपसर्ग से शब्द के बारे में जानने के लिए इस पोस्ट को अंत तक अवश्य पढ़ें।
उपसर्ग किसे कहते है?
शब्दांश या अव्यय जो किसी शब्द के पहले आकर उसका विशेष अर्थ बनाते हैं, उन्हें उपसर्ग कहा जाता है। आसान भाषा में समझा जाए तो यह कुछ इस प्रकार होगा कि वह अव्यय जो शब्द के पहले लगकर उसका अर्थ बदल देते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं। या इसको इस प्रकार भी समझा सकता है, उपसर्ग = उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना) का अर्थ है- किसी शब्द के साथ जुड़कर नया शब्द बनाना।
अति उपसर्ग से शब्द
अति उपसर्ग से शब्द की सूची नीचे दी गई है:
- अतिशय
- अतिक्रमण
- अतिचार
- अतिरंजित
- अतिभार
- अतिवृष्टि
- अतिशीघ्र
- अतितृष्णा
- अतिकाल
- अतिकथन
- अतिक्रम
- अतिकरुण
- अतिक्रांत
- अतिकाय
- अतिगति
- अतिक्रामक
- अतिग्रह
- अतिचार
- अतिजीवी
- अतिदर्शी
- अतिदिष्ट
- अतिदेश
- अतिदान
- अतिनिद्र
- अतिपतन
- अतिप्राकृत
- अतिमर्श
- अतिभार
- अतिप्राकृत
- अतिमात्र
- अतिमान
- अतिप्रसंग
- अतियथार्थवाद
- अतियोग
- अतिमानव
- अतिउदारवादी
- अतिरक्तचाप
- अतिरोग
- अतिरूप
- अतिवक्ता
- अतिव्यापी
- अतिवादी
- अतिविस्तार
- अतिसंधि
- अतिशेष इत्यादि।
अति उपसर्ग से बनने वाले शब्दों का अर्थ
अति उपसर्ग से बनने वाले शब्दों के अर्थ निम्नवत हैं:
- अतिविस्तार : अतिविस्तार का अर्थ ‘बहुत अधिक विस्तार अथवा व्यापकता’ होता है।
- अतिव्यापी : अतिव्यापी का अर्थ ‘जो अतिरिक्त रूप से व्याप्त हो’ होता है।
- अतिमानव : अतिमानव का अर्थ ‘ऐसा मानव जिसमें अलौकिक गुण हो’ होता है।
- अतिप्राकृत : अतिप्राकृत का अर्थ ‘अलौकिक’ होता है।
- अतियथार्थवाद : अतियथार्थवाद का अर्थ ‘यथार्थ की अभिव्यक्ति में अति करना’ होता है।
- अतिउदारवादी : अतिउदारवादी का अर्थ ‘अधिक उदार रहने वाला’ होता है।
- अतिजीवी : अतिजीवी का अर्थ ‘अधिक समय तक जीवित रहने वाला’ होता है।
- अतिगति : अतिगति का अर्थ ‘मुक्ति या उत्तम गति’ होता है।
- अतिक्रामक : अतिक्रामक का अर्थ ‘क्रम या मर्यादा का उल्लंघन करने वाला’ होता है।
- अतितृष्णा : अतितृष्णा का अर्थ ‘अधिक प्यास अथवा अत्यंत लालच’ होता है।
अति उपसर्ग से बनने वाले शब्दों का वाक्य प्रयोग
अति उपसर्ग से बनने वाले शब्दों का वाक्य प्रयोग निम्नलिखित है:
- राजराजा चोल ने चोल राजवंश का अतिविस्तार किया।
- प्रकृति के करीब जाया जाए तो पता लगता है कि प्रेम, प्रकृति के कण-कण में अतिव्यापी है।
- दिव्यज्ञान जीवन के लिए अतिप्राकृत होता है।
- जीवन के अंतिम समय में राम नाम के जाप से जीवन की अतिगति होती है।
- अतितृष्णा के कारण से अहंकार का जन्म होता है और यही मानव के पतन का कारण बनता है।
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FAQs
अति उपसर्ग का अर्थ ‘अधिक’ होता है।
अतिशय में मूल शब्द ‘शय’ है।
हिंदी में उपसर्ग की संख्या सुनिश्चित नहीं होती हैं, हालांकि हिंदी के 10 उपसर्ग क्रमशः अ, अन, कु, दु, नि, औ/अव, भर, सु, अध, उन आदि हैं।
आशा है कि आ उपसर्ग से शब्द आपके लिए फायदेमंद होंगे। ऐसे ही अन्य उपसर्ग के बारे में पढ़ने के Leverage Edu के साथ बने रहिए।