Ajanta Ki Gufayen : जानिए क्या है अजंता की गुफाओं से जुड़ा इतिहास

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Ajanta Ki Gufayen

हमारे देश भारत में 33 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक स्थल और 1 मिश्रित  विश्व धरोहर स्थल है। आपको बता दें कि UNESCO World Heritage Sites में सबसे पहले 1983 में अजंता की गुफाएं, एलोरा की गुफाएं, ताजमहल और आगरा के किले को शामिल किया गया था। उसके बाद धीरे धीरे कई स्थल जुड़ते चले गए। इसी कड़ी में आज के इस ब्लॉग में हम जानेंगे अजंता की गुफाओं (Ajanta Ki Gufayen) से संबंधित सम्पूर्ण जानकरी। तो आईये जानते हैं इसके बारे में विस्तार से :

अजंता की गुफाओं का संक्षिप्त इतिहास

महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित अजंता की गुफाएं भारतीय कला का एक शानदार नमूना है। इसे भारत के सबसे प्रचीन ऐतिहासक स्थलों में से एक भी माना जाता है। घोड़े की नाल के आकार में निर्मित अजंता गुफाओं में कुल 30 गुफा शामिल है जिनमें मुख्य रूप से बौद्ध धर्म की कला कृतियाँ देखने को मिलती है। इस स्थान में बौद्ध भिक्षु रहते थे और अध्ययन एवं प्रार्थना करते थे। 76 मी. तक की ऊंचाई वाले इन गुफाओं की खोज अंग्रेज इतिहासकार जॉन स्मिथ द्वारा की गई थी और इसका निर्माण दूसरी से छठी सदी के बीच किया गया था और वर्ष 1983 में यूनेस्को ने ‘विश्व विरासत स्थल’ की सूची में इसे शामिल कर लिया।

अजंता की गुफा की वास्तुकला

अजंता की गुफाओं में अलग-अलग वास्तुकलाओं का मिश्रण है। यहाँ के प्रवेश द्वार में ही भगवान बुद्ध की एक विशाल पत्थर को काटकर नक्काशी की गई प्रतिमा देखने को मिलेगी। इसके साथ ही भगवान बुद्ध की पेंटिंग भी देखने को मिलेंगी, कई सारी राजकुमारियों एवं अप्सराओं की अलग-अलग स्थितियों में पेंटिंग और चित्र कार्य देखने को मिलेंगे।

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