चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारतीय स्पेस एजेंसी (इसरो) ने पहला सूर्य मिशन Aditya L1 Launch कर दिया है। ISRO के सूर्य मिशन आदित्य एल-1 की लाॅन्चिग को देखने के लिए सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) शार श्रीहरिकोटा में बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
सूर्य की स्टडी करने वाला इंडिया का पहला साइंस मिशन है। आदित्य-एल1 सूर्य को करीब से देखेगा और उसके वायुमंडल और चुंबकीय क्षेत्र के बारे में जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करेगा।
Aditya L1 Launch की सफलता के बाद जर्मनी, अमेरिका और यूरोपीय स्पेश एजेंसी के बाद भारत सूर्य के पास अंतरिक्ष यान भेजने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। अंतरिक्ष साइंस की फील्ड में भारत चंद्रमा और मंगल ग्रह पर यान भेजकर सफलता पा चुका है और अब सूर्य के पास यान भेजकर अपनी स्पेश शक्ति का प्रदर्शन करेगा।
Aditya L1 Launch
Aditya L1 Launch के लिए इसरो ने 1 सितंबर को आदित्य-एल1 मिशन के लाइव टेलीकास्ट (Aditya L1 Live Streaming) का लिंक भी शेयर किया है। इसके लिए लाइव स्ट्रीमिंग (Aditya L1 Live Streaming) इसरो की आधिकारिक वेबसाइट, फेसबुक और यूट्यूब पेज के माध्यम से की जा सकती है।
पीएसएलवी-सी57 के हिस्से के रूप में, पीएसएलवी की 59वीं उड़ान और पीएसएलवी-एक्सएल कॉन्फ़िगरेशन का उपयोग करने के लिए 25वां मिशन, आदित्य एल1 उपग्रह को कक्षा में लॉन्च किया जाएगा।
Aditya L1 Launch : इसरो का सौर्य मिशन क्यों महत्वपूर्ण है?
Aditya L1 Launchजानने अलावा आदित्य L1 मिशन क्यों महत्वपूर्ण है के बारे में यहां बताया गया हैः
- अंतरिक्ष साइंस की फील्ड में भारत चंद्रमा और मंगल ग्रह पर यान भेजकर सफलता पा चुका है और अब सूर्य के पास यान भेजकर अपनी स्पेश शक्ति का प्रदर्शन करेगा।
- यह निरंतर दृश्य सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर उनके प्रभाव की वास्तविक समय पर निगरानी करने में सक्षम बनाता है।
- जर्मनी, अमेरिका और यूरोपीय स्पेश एजेंसी के बाद भारत सूर्य के पास अंतरिक्ष यान भेजने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।
- आदित्य-एल1 का प्राथमिक उद्देश्य क्रोमोस्फीयर और कोरोना सहित सूर्य के ऊपरी वायुमंडल के गतिशील व्यवहार का अध्ययन करना है।
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