नेशनल मेडिकल कमिशन (NMC) द्वारा तैयार किए गए नए एक्शन प्लान के तहत सभी सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों को एजुकेशन क्वालिटी के आधार पर रैंक किया जाएगा। यह प्रक्रिया अगले सत्र 2024 – 25 से शुरू कर दी जाएगी। वर्तमान में भारत के केवल सरकारी मेडिकल कॉलेजों को ही नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) के द्वारा रैंकिंग प्रदान की जाती है। अब इस नई रैंकिंग प्रक्रिया में प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों को भी शिक्षा गुणवत्ता के आधार पर रैंक किया जा सकेगा।
NMC ने QCI के साथ किया करार
नेशनल मेडिकल कमिशन (NMC) ने क्वालिटी काउंसिल ऑफ़ इंडिया के साथ एक करार पर हस्ताक्षर किए हैं। इस करार के मुताबिक QCI भारत के सभी सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों को एजुकेशन क्वालिटी के आधार पर रैंकिंग प्रदान करने का कार्य करेगा। QCI द्वारा यह प्रक्रिया आगामी सत्र 2024 – 25 से शुरू की जाएगी। इस प्रक्रिया को शुरू करने के पीछे NMC का लक्ष्य देश में मेडिकल क्वालिटी में सुधार करना है।
थर्ड पार्टी सर्विस की मदद लेगी QCI
क्वालिटी काउंसिल ऑफ़ इंडिया देश के सभी मेडिकल कॉलेजों को रेट करने के लिए एक स्वतंत्र थर्ड पार्टी सर्विस बॉडी की मदद लेती है। यह थर्ड पार्टी सर्विस बॉडी विभिन्न सर्वे और क्वालिटी स्टेंडर्ड्स के आधार पर शिक्षण संस्थानों की रैंकिंग करता है। ये सभी सर्वे और मानक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत होते हैं। NMC के इस प्रयास से भारत में मेडिकल कॉलेजों में शिक्षा का स्तर निश्चित रूप से अच्छा होगा।
स्टूडेंट्स के लिए फायदेमंद साबित होगा कदम
NMC द्वारा उठाया गया यह कदम स्टूडेंट्स के लिए बहुत ही लाभकारी सिद्ध होगा-
- इससे मेडिकल कॉलेजों की एजुकेशन क्वालिटी सुधरेगी जिससे मेडिकल स्टूडेंट्स को अच्छी शिक्षा प्राप्त होगी।
- मेडिकल कॉलेज अपने इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करेंगे।
- मेडिकल कॉलेज मॉडर्न एजुकेशन के तरीकों को अपनाएंगे।
- मेडिकल कॉलेज स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल सिखाने के लिए क्वालिटी और आधुनिक मशीनों एवं उपकरणों का प्रयोग करेंगे।
- रैंकिंग की मदद से स्टूडेंट्स को अच्छा मेडिकल कॉलेज चुनने में मदद मिलेगी।
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