केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया है कि केंद्र सरकार ने हाल ही में फैसला लिया है कि अब मेडिकल के बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिंदी में की जा सकेगी। इसके अलावा SSC सरकारी नौकरी की परीक्षा भी हिंदी के अलावा अन्य 15 भारतीय भाषाओं में भी आयोजित की जाएगी। बीटेक को हिंदी भाषा में करने के पीछे सरकार का उद्देश्य सभी छात्रों को समान अवसर प्रदान करना है।
अब हिंदी में भी प्रकाशित होंगी बीटेक की किताबें
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि बीटेक की किताबें अब हिंदी में भी प्रकाशित की जाएँगी। इसके पीछे सरकार का उद्देश्य सभी छात्रों को समान अवसर प्रदान करना है।
बुधवार को 14वीं हिंदी सलाहकार समिति को सम्बोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि मेडिकल की किताबों को हिंदी अनुवाद के साथ अब सरकार की योजना इंजीनियरिग की किताबों को भी हिंदी अनुवाद के साथ प्रकाशित करने की है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने आगे बताया कि हिंदी के अलावा बीटेक और MBBS जैसे कोर्सेज की बुक्स तमिल, तेलगु, गुजराती और बंगाली आदि अन्य 8 भारतीय भाषाओं में प्रकाशित किए जाने की योजना है।
SSC की परीक्षाएं भी हिंदी में आयोजित की जाएंगी
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि SSC सरकारी नौकरी भर्ती परीक्षा हिंदी के अलावा और भी 15 भारतीय भाषाओं में आयोजित कराए जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक निर्णय युवाओं के लिए रोजगार की नई संभावनाएं उत्पन्न करेगा। उन्होंने आगे कहा कि SSC की परीक्षा को हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में आयोजित कराए जाने के पीछे सरकार का उद्देश्य यह है कि कोई भी युवा भाषा के कारण नौकरी प्राप्त करने के अवसर से न चूके।
बहुत समय से थी SSC की परीक्षा भारतीय भाषाओं में कराए जाने की मांग
SSC भर्ती परीक्षा को अंग्रेजी के अलावा हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में आयोजित कराए जाने की मांग कैंडिडेट्स द्वारा लम्बे समय से की जा रही थी। बता दें कि अब से SSC भर्ती परीक्षा हिंदी और अंग्रेजी के अतिरिक्त अन्य 15 भारतीय भाषाओं यानी बंगाली, असमिया, गुजराती, मराठी कन्नड़, मलयालम, तमिल, तेलुगु, उड़िया, पंजाबी, उर्दू, मणिपुरी, मैती, और कोंकणी आदि में भी आयोजित की जाएगी।
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