भारतीय छात्रों के लिए फ्रांस में पढ़ने के रास्ते अब खुल गए हैं। आगामी वर्षों में फ़्रांसीसी सरकार 30,000 भारतीय छात्रों को अपने यहां पढ़ाई का मौका देने वाली है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भारतीय गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य पर कहा कि दोनों देशों के बीच अकादमिक रिलेशन्स को बढ़ावा देने के एक बड़े प्रयास में फ्रांस वर्ष 2030 तक अपने विश्वविद्यालयों में 30,000 भारतीय छात्रों का स्वागत करने की ओर अग्रसर है।
राष्ट्रपति मैक्रों ने X के माध्यम से साझा की जानकारी
75वें गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर चीफ गेस्ट भारत की यात्रा के दौरान राष्ट्रपति मैक्रों ने X (पूर्व Twitter) के माध्यम से कहा कि यह योजना भारत के साथ फ्रांस के संबंधों को मजबूत करने के एक “महत्वाकांक्षी” प्रयास का हिस्सा है, जिसे उन्होंने इंडो-पैसिफिक रीजन में “प्रमुख भागीदार” कहा जाता है। वहीं जुलाई 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा के बाद लक्ष्य की घोषणा की थी। इसी पर मैक्रॉन ने कहा, “फ्रेंस फॉर ऑल, फ्रेंच फॉर ए बेटर फ्यूचर’ पहल के साथ पब्लिक स्कूलों में फ्रेंच सीखने के लिए नए रास्ते शुरू कर रहे हैं।”
मैक्रों ने आगे कहा कि उनकी सरकार फ्रेंच सिखाने के लिए नए सेंटर्स के साथ एलायंस फ्रैंचाइज़ का नेटवर्क भी डेवलेप कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हम इंटरनेशनल क्लासेेज बना रहे हैं जो उन छात्रों को हमारे विश्वविद्यालयों में शामिल होने का मौका देगी, जो जरूरी नहीं कि फ्रेंच बोलते हों।’
सुव्यवस्थित होगा वीजा प्रोसेस
फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने फ्रांस में पढ़ाई करने वाले पूर्व भारतीय छात्रों के लिए वीजा प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जाएगा, जिससे उनके लिए वापस फ्रांस लौटना आसान हो जाएगा. यह घोषणा तब हुई है जब फ्रांस का लक्ष्य 2025 तक 20,000 भारतीय छात्रों को आकर्षित करना है, जो 2030 तक 30,000 के बड़े लक्ष्य के लिए मंच तैयार कर रहा है। मैक्रॉन ने कहा, “यह एक बहुत ही महत्वाकांक्षी लक्ष्य है, लेकिन मैं इसे पूरा करने के लिए दृढ़ हूं।”
2018 के बाद से इतनी बढ़ी फ्रांस में भारतीय छात्रों की संख्या
भारतीय छात्रों के लिए फ्रांस में पढ़ाई को आसान बनाने के लिए मैक्रों सरकार पहले ही प्रभावी कदम उठा चुकी है। 2018 में “कैंपस फ्रांस” एक प्रोग्राम शुरू किया था जो फ्रांस में पढ़ाई करने के इच्छुक भारतीय छात्रों को जानकारी और सहायता प्रदान करता है। इसके लॉन्च होने के बाद से फ्रांस में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
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