BDS से MBBS ब्रिज कोर्स

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बीडीएस टू एमबीबीएस ब्रिज कोर्स

मेडिकल साइंस की फील्ड में बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (BDS), बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी (एमबीबीएस) सर्वाधिक प्रसिद्ध कोर्स हैं। यह कोर्स भारत के साथ-साथ दुनियाभर में भी स्टूडेंट्स के बीच चर्चित है। इन दोनों कोर्स में से किसी भी कोर्स को करने के लिए स्टूडेंट्स को नेशनल एंट्रेंस कम एलिजिबिलिटी टेस्ट-NEET में बैठना ज़रूरी है। दोनों कोर्स को यूजी स्तर पर कराया जाता है, लेकिन दोनों कोर्स के बीच कई विशेषताएं है। दोनों कोर्स को पूरा होने में लगने वाला समय भी अलग है। जहां MBBS कोर्स को पूरा होने में 5.5 साल लगते हैं, वहीं BDS प्रोग्राम पूरा करने में एक अभ्यर्थी को 4.5 साल का समय लगता है। इसके बावजूद भी भारत में विशेष कर देश के ग्रामीण हिस्सों में चिकित्सा विशेषज्ञों की भारी कमी है। इस कमी को पूरा करने के लिए नीति आयोग ने BDS को MBBS कोर्स से जोड़ने वाले ब्रिज कोर्स के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। लेबीडीएस टू एमबीबीएस ब्रिज कोर्स के बारे में विस्तार से जानने के लिए यह ब्लॉग पूरा पढ़ें।

BDS क्या है?

BDS यानी बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (Bachelor of Dental Surgery) एक अंडरग्रेजुएट डिग्री कोर्स है जिसे डेंटिस्ट्री के क्षेत्र में पढ़ाने या फिर काम करने के लिए सम्मानित किया जाता है। बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी कोर्स करने के लिए 4-5 साल लगते हैं इसी के अदंर इंटर्नशिप प्रोग्राम भी होता है।

इंटर्नशिप के बिना, मणिपाल कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज कोर्स प्रदान करता है। यह कोर्स 2007 से पहले इंटर्नशिप के साथ मौजूद था। हालांकि, 2007 में, डेंटल काउन्सलिंग ऑफ़ इंडिया ने इस कोर्स को फिर से बनाया और इसे इंटर्नशिप के बिना 5 साल का कोर्स बना दिया। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि DCI के अनुसार, छात्रों या कॉलेजों ने इंटर्नशिप को गंभीरता से नहीं लिया और शिक्षाविदों को भी लगा कि इंटर्नशिप अपने उद्देश्य की पूर्ति नहीं कर रही है।

BDS कोर्स को 2 या अधिक सेमेस्टर में विभाजित किया गया है। MBBS के बाद, बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में सबसे अधिक मांगी जाने वाली डिग्री है। BDS डिग्री एक डेंटिस्ट बनने के लिए सक्षम बनाती है। डेंटल कोर्स में आपको 1 साल ट्रेनिंग दी जाती है।

क्या होता है एक ब्रिज कोर्स?

ब्रिज कोर्स एक यूनिवर्सिटी प्रिपरेशन कोर्स है, जिसमें विद्यार्थियों को उनके द्वारा चुने गए डिग्री प्रोग्राम के लिए तैयार किया जाता है। ब्रिज कोर्स को मुख्य रूप से मेन प्रोग्राम का आधार माना जाता है। अपने शिक्षा संयंत्र को विश्व के शीर्ष शिक्षा संयंत्रों में शामिल करने के लिए दुनियाभर के देशों ने अपने शैक्षिक स्तर और कोर्स में काफी बदलाव किए हैं। कई विश्वविद्यालय अपने द्वारा पारंपरिक रूप में शॉर्ट टर्म कोर्स, डिग्री व सर्टिफिकेट प्रोग्राम से हटकर विद्यार्थियों को ब्रिज कोर्स का भी विकल्प दे रहे हैं। इस प्रकार के कोर्स के मुख्य लाभों के बारे में नीचे बताया गया है।

  • बीडीएस टू एमबीबीएस ब्रिज कोर्स के जैसे कोर्स कम समय में बेहतर ज्ञान प्रदान करते हैं, जिससे विद्यार्थी कम समय में जरूरी ज्ञान के साथ बेहतर कौशल सीख सकते हैं।
  • इस कोर्स से जुड़ने वाले विद्यार्थियों के पास करियर में विभिन्नता लाने के या विभिन्न करियर चुनने के अवसर बढ़ जाते हैं।
  • यह कोर्स BDS और MBBS के बिच ब्रिज का काम करते हैं अर्थात इन्हें इस तरह से डिज़ाइन किया गया जिसमें दोनों कोर्स का ज्ञान शामिल है।

यह भी पढ़ें : क्या MBBS के बाद MBA करना अच्छा विकल्प है?

बीडीएस टू एमबीबीएस

बीडीएस टू एमबीबीएस ब्रिज कोर्स एक डेंटल साइंस ग्रेजुएट को भारत में किसी भी क्लीनिक, हॉस्पिटल व संस्थान में एक जनरल फिजिशियन के रूप में कार्य करने देने की अनुमति प्रदान करता है। इस कोर्स को करने के बाद विद्यार्थी का ग्रामीण क्षेत्र में कम से कम 3 वर्षों तक सेवा देना अनिवार्य है। डेंटल काउन्सलिंग ऑफ़ इंडिया के प्रस्ताव के अनुसार इस 3 वर्षीय प्रोग्राम के दो भाग हैं:

  • पहली यह कि ब्रिज कोर्स ऐसे बीडीएस ग्रेजुएट को फायदा पहुंचाएंगा, जो एक फुल टाइम नौकरी का अवसर तलाश रहे हैं।
  • दूसरा यह कि यह कोर्स डेंटल कोर्स के विद्यार्थियों को अपना करियर बदलने का अवसर प्रदान करेगा।

बीडीएस टू एमबीबीएस ब्रिज कोर्स कौशल पूर्ण चिकित्सा कर्मियों की कमी को घटाने की क्षमता रखता है। यह कोर्स डेंटल साइंस के विद्यार्थियों को मेडिकल व सर्जरी के बड़े क्षेत्र में अपने लिए अवसर बनाने का मौका देता है।

बीडीएस टू एमबीबीएस ब्रिज कोर्स के लिए जरूरी योग्यता

उन विद्यार्थियों के लिए जो बीडीएस टू एमबीबीएस ब्रिज कोर्स में दाखिला लेना चाहते हैं, उनके लिए भारतीय दंत परिषद ने निम्न योग्यता को आधार माना है:

  • अभ्यर्थी को एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम देना होगा।
  • बीडीएस कोर्स में अभ्यर्थी द्वारा प्राप्त किए गए अंक इतने अच्छे हो कि उनको आधार बनाया जा सके।
  • ऊपर दी गई दोनों प्रक्रियाओं को मिलाकर दाखिला दिया जाएगा।

बीडीएस पूरा करने के बाद ब्रिज कोर्स कैसे करें?

बीडीएस पूरा करने के बाद ब्रिज कोर्स कैसे करें के लिए नीचे बताया गया है:

  • बीडीएस टू एमबीबीएस ब्रिज कोर्स में दाखिला प्राप्त करने के लिए एक अभ्यर्थी को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह अपने डिग्री प्रोग्राम में बेहद ही अच्छे अंक प्राप्त करे, क्योंकि दाखिले के वक्त प्राप्त अंको को वरीयता दी जाए। 
  • अभ्यर्थी को मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट की तैयारी करनी होगी, जिसमें BDS व MBBS कोर्स दोनों का सिलेबस शामिल हो सकता है।
  • कुछ संभावित विषय जो कोर्स का हिस्सा हो सकते हैं – ओरल मेडिसिन, पैथोलॉजी, जनरल सर्जरी, फॉरेंसिक डेंटिस्ट्री, बायोकेमिस्ट्री, एनेस्थेसियोलॉजी आदि।
  • एंट्रेंस एग्जाम में प्राप्त अंकों के आधार पर या BDS कोर्स में प्राप्त अंकों के आधार पर एडमिशन दिया जायेगा।

बीडीएस करने के बाद क्या करें?

डेंटिस्ट डॉक्टर को सरकारी और प्राइवेट सेक्टर दोनों क्षेत्रों में रोजगार के अवसर मिलते हैं। अधिकांश डेंटिस्ट डॉक्टर एक प्रोफेशन के रूप में जॉब करना पसंद करते हैं। लेकिन वैसे तो बहुत कुछ चीजों में आप जॉब कर सकते हो बस आपके पास ज्ञान होना चाहिए तो वैसे बीडीएस करने के बाद आपके पास बहुत सारे ऑप्शन उपलब्ध होते है। यहाँ हम आपको कुछ ऐसी जॉब्स के बारे में बताने वाले है जिनको सबसे ज्यादा लोग करना पसंद करते है।

  • फोरेंसिक
  • ओरल पैथोलोजिस्ट
  • कंसलटेंट
  • डेंटल असिस्टेंट
  • डेंटल हीगेनिस्ट
  • मेडिकल रिप्रेजेन्टेटिव / सेल्स रिप्रेजेन्टेटिव
  • प्राइवेट प्रैक्टिशनर्स
  • पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट्स
  • प्रोफेसर
  • डेंटल सर्जन

बीडीएस कोर्स कराने वाले टॉप यूनिवर्सिटीज

बीडीएस टू एमबीबीएस ब्रिज कोर्स जैसे कोर्स में दाखिला लेने के लिए आपके पास कम से कम बीडीएस की डिग्री होना आवश्यक है। नीचे कुछ ऐसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मेडिकल विश्वविद्यालयों का जिक्र है, जो बैचलर ऑफ डेंटल साइंस कोर्स के लिए जाने जाते हैं:

चिकित्सा महाविद्यालयक्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग 2023
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय2
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय3
हार्वर्ड महाविद्यालय5
मेसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी 1
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय3
येल विश्वविद्यालय 14
शिकागो विश्वविद्यालय10
इंपीरियल कॉलेज लंदन7
जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय25

 बीडीएस के बाद एमबीबीएस

क्या आप बीडीएस के बाद एमबीबीएस करने पर विचार कर रहे हैं? आप या तो बीडीएस टू एमबीबीएस ब्रिज कोर्स कर सकते हैं या अपनी बीडीएस की डिग्री पूर्ण करने के बाद विदेश से एमबीबीएस कर सकते हैं। इससे आपको अंतरराष्ट्रीय स्तर की डिग्री हासिल होगी और आप एक बेहतर डॉक्टर बन सकेंगे। नीचे भारत के शीर्ष कॉलेज का जिक्र है, जो एमबीबीएस कोर्स ऑफर करते हैं-

  • ऑल इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस (एम्स), नई दिल्ली
  • जवाहरलाल नेहरू मास्टर्स चिकित्सा शिक्षा और रिसर्च संस्थान, पुडुचेरी
  • क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर
  • किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ
  • सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज, पुणे
  • कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, मणिपाली
  • मद्रास मेडिकल कॉलेज, चेन्नई

भारत में अन्य ब्रिज कोर्स

प्रस्तावित बीडीएस टू एमबीबीएस ब्रिज कोर्स के अलावा कई अन्य प्रचलित ब्रिज कोर्स हैं, जिन्हें भारत में विद्यार्थी कर सकते हैं। कम्यूनिटी हेल्थ एंड नर्सिंग प्रोग्राम भी एक ऐसा ही कोर्स है। इस कोर्स की अवधि 6 माह की है और यह इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) द्वारा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सहयोग से विद्यार्थियों को पेश किया जाता है।  इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य पंजीकृत नर्सों व पंजीकृत दाइयों को बेहतर शिक्षा प्रदान कर प्राइमरी हेल्थ केयर सेंटर (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र-पीएचसी) को मजबूत करना है। इसी प्रकार आयुर्वेद, होम्योपैथी समेत मेडिकल साइंस के कई अन्य भागों में विभिन्न प्रकार के ब्रिज कोर्स उपलब्ध हैं, जिनमें से आप कोई भी चुन सकते हैं।

बीडीएस के बाद एमबीबीएस के टॉप देश

विदेश में एमबीबीएस करने की फीस 

हर अलग देश में MBBS की फीस अलग होती है। ऐसे में हम नीचे दी गई टेबल में आपको USA के कॉलेजों की लिस्ट दे रहे हैं। जिसको देखकर आप एक आईडिया लगा सकते हैं-

यूनिवर्सिटी का कॉलेजस्थान औसत सालाना शुल्क (INR)
हार्वर्ड मेडिकल स्कूलअमेरीका38 लाख 
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालययूके36.6 लाख 
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालयअमेरीका1.30 करोड़
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालययूके60 लाख 
जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालयअमेरीका42.5 लाख 
करोलिंस्का संस्थानस्वीडन 14.7 लाख 
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, लॉस एंजिल्स (यूसीएलए)अमेरीका20 लाख 
येल विश्वविद्यालयअमेरीका55 लाख 
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदनयूके27.8 लाख 
इंपीरियल कॉलेज लंदनयूके32 लाख 

भारत में सर्वश्रेष्ठ एमबीबीएस मेडिकल कॉलेज

2022 के लिए एनआईआरएफ रेटिंग के अनुसार, भारत में एमबीबीएस करने के लिए शीर्ष चिकित्सा संस्थानों का उल्लेख नीचे किया गया है-

महाविद्यालय स्थान 
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज नई दिल्ली 
पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च  चंडीगढ़
क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर वेल्लोर
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंस बैंगलोर
संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज लखनऊ
अमृता विश्व विद्यापीठमकोयंबटूर
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी वाराणसी
जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च  पुदुचेरी
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटीलखनऊ
कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, मणिपालीमणिपाल

सैलरी

भारत में दो तरह के सरकारी डॉक्टर होते हैं। एक केंद्र सरकार के अधीन होते हैं और एक राज्य सरकार के अधीन होते हैं। लेकिन दोनों की सैलरी में ज्यादा फर्क नहीं होता हैं। राज्य सरकार और केंद्र सरकार के डॉक्टरों का ग्रेड पे लगभग एक जैसा ही होता हैं। सरकारी MBBS डॉक्टर को 60 हजार रुपये प्रतिमाह, विशेषज्ञ डॉक्टर को एक लाख और विशेषज्ञ (डिग्री) वाले सरकारी डॉक्टर को एक लाख 25 हजार दिए जाने का प्रावधान है। वर्तमान में MBBS/MD डॉक्टरों का सैलरी 15600-39100 जबकि ग्रेड पे 5400 है। वहीं प्रमोशन होने के बाद सैलरी 15600-39100 और ग्रेड वेतन 6600 हैं।

यदि आप सोच रहे हैं, कि MBBS के बाद MBA की क्या तनख्वाह होती है, तो यहां हमने कुछ विशेष कोर्स और उनके वेतन व स्कोप की जानकारी दी है:

कोर्सकरियर स्कोपऔसत सालाना सैलरी
MBBS के बाद MBAहॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर, हॉस्पिटल मैनेजर,
हेल्थ इंफॉर्मेशन मैनेजर, फार्मास्युटिकल प्रोजेक्ट
मैनेजर, हेल्थकेयर सलाहकार
₹60,000-2.5 लाख प्रति माह
MBBS के बाद MD या एमएसमेडिकल स्पेशलिस्ट, स्पेशलिस्ट डॉक्टर,
सर्जन, रिसर्च फेलो
₹25,000-3 लाख प्रति माह
हैल्थ एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स (MHA)कैट एडमिनिस्ट्रेटर, मेडिकल मैनेजर,
फार्मास्युटिकल रिप्रेजेंटेटिव, आदि
2-3 लाख प्रति माह
मेडिकल और क्लीनिक रिसर्चरिसर्च एसोसिएटशुरुआती वेतन के रूप में ₹20,000-25,000 प्रति माह

FAQs

क्या बीडीएस टू एमबीबीएस ब्रिज कोर्स को मंजूरी मिल गई है?

बीडीएस टू एमबीबीएस ब्रिज कोर्स का प्रस्ताव भारतीय दंत परिषद द्वारा दिया गया है। इस कोर्स को बीडीएस कोर्स के छात्रों को रोज़गार के बेहतर अवसर प्रदान करने लिए लाया जा रहा है। भारतीय विश्वविद्यालयों में जल्द ही यह कोर्स उपलब्ध होगा।

क्या मैं बीडीएस के बाद एमबीबीएस कर सकता हूं?

जी हां, आप बिल्कुल बीडीएस के बाद एमबीबीएस कर सकते हैं। कुछ विश्वविद्यालय ब्रिज कोर्स में दाखिला देने के लिए एंट्रेंस एग्जाम का आयोजन कराते हैं, जबकि कई सिर्फ आपकी शैक्षिक योग्यता देखते हैं।

क्या बीडीएस एक कठिन कोर्स है?

मेडिकल कोर्सेज को विश्व के सबसे कठिन कोर्स में गिना जाता है। बीडीएस भी एक मेडिकल कोर्स है, जिसका अर्थ यह है कि बीडीएस एक कठिन कोर्स है, जिसमें प्रैकिटल के साथ-साथ थ्योरिटिकल ट्रेनिंग भी दी जाती है।

क्या बीडीएस कोर्स करने के बाद जनरल प्रैक्टिस शुरू की जा सकती है?

एमबीबीएस और बीडीएस ब्रिज कोर्स पूरा करने के बाद विद्यार्थी जनरल प्रैक्टिस शुरू कर सकते हैं। जनरल प्रैक्टिस शुरू करने के लिए ब्रिज कोर्स पूरा करना एक अहम हिस्सा है।

ब्रिज कोर्स की अवधि क्या है?

अधिकतर भारतीय चिकित्सा विश्वविद्यालयों ने ब्रिज कोर्स की अवधि 3 साल तय की है। यह निर्णय बीडीएस कोर्स पूरा करने के बाद एमबीबीएस करने वाले विद्यार्थियों को ध्यान में रखकर लिया गया है।

उम्मीद है कि इस ब्लॉग से आपको बीडीएस टू एमबीबीएस ब्रिज कोर्स के बारे में सभी जानकारी मिल गई होगी। यदि आप विदेश में पढ़ाई करना चाहते हैं तो Leverage Edu एक्सपर्ट्स को 1800 572 000 पर कॉल करके 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करें। 

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4 comments
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