फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण की शिक्षा, करियर व बायोग्राफी

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भारत के इस पुरूष प्रधान समाज में हमने पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाली महिलाओं के बारे में तो काफ़ी सुना हैं, जो समाज की बेड़ियों को तोड़ते हुए राष्ट्र हित में खुद को संलग्न कर देती हैं। आज हम बात कर रहे हैं, भारत की दूसरी महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बारे में, जिन्होंने अपने अथक प्रयासों और कठिन परिश्रम से वित्त मंत्री के रूप में इतिहास बनाया है। आइए इस ब्लॉग में निर्मला सीतारमण के जीवन के बारे में विस्तार से जानते हैं।

नामनिर्मला सीतारमण
जन्म18 अगस्त 1959
आयु61 वर्ष
जन्म स्थानमदुरई, तमिलनाडु, भारत
राष्ट्रीयताभारतीय
शिक्षाभारत-यूरोपीय वस्त्र व्यापार में अर्थशास्त्र में परास्नातक व पीएचडी
पेशाराजनीतिज्ञ (भारत की वित्त मंत्री)
वेतन1 लाख रुपये + अन्य भत्ते
माता – पितानारायण सीतारमण, सावित्री
पतिपरकला प्रभाकर
पुरस्कारसंसद पुरस्कार (2006), सबसे शक्तिशाली महिला (फोर्ब्स पत्रिका 2019)

कौन हैं निर्मला सीतारमण?

निर्मला सीतारमण
Source : Pinterest

सीतारमण एक भारतीय राजनीतिज्ञ और भारत सरकार में वर्तमान केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री हैं। सीतारमण भारतीय जनता पार्टी से ताल्लुक रखती हैं। वह भाजपा से दूसरी वित्त मंत्री हैं, उनके पार्टी सहयोगी अरुण जेटली ने 2014-2019 तक पद संभाला है।

वह कर्नाटक राज्य से संसद सदस्य (राज्य सभा) हैं। 2014 के आम चुनावों में वह तीसरी बार कर्नाटक से राज्यसभा सदस्य के रूप में चुनी गई। 5 जुलाई 2014 को, उन्हें नरेंद्र मोदी सरकार में वाणिज्य और उद्योग और कपड़ा राज्य मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने 15वीं लोकसभा में 2009-2014 के दौरान वाणिज्य, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की स्थायी समिति की अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

निर्मला सीतारमण का जन्म 18 अगस्त, 1959 को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता रेलवे में काम करते थे, जबकि उनकी माँ एक गृहिणी और किताबों की बड़ी प्रेमी थीं। उनके पास अपने पिता की अनुशासनात्मक की प्रकृति है और माँ का किताबों के प्रति प्रेम है। उन्होंने अपना बचपन तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों में बिताया, क्योंकि उसके पिता की नौकरी हस्तांतरणीय थी। इस प्रकार, यात्रा करना और खुद को उस वातावरण के लिए अनुकूलित करने का गुण सीतारमण में बचपन से ही था।

सीतारामन ने अपना प्रारंभिक जीवन तमिलनाडु में अपने शहर तिरुचिरापल्ली में बिताया। 1984 में उन्होंने सीतालक्ष्मी रामासामी कॉलेज, तिरुचिरापल्ली से बैचलर्स की पढ़ाई पूरी की और सीतारमण ने जेएनयू में पीएचडी के लिए खुद को नामांकित भी किया था, लेकिन भारत-यूरोप वस्त्र व्यापार पर अपना शोध प्रबंध पूरा नहीं किया क्योंकि वह अपने पति के साथ लंदन चली गईं। शिक्षा और साक्षरता की पैरोकार, सीतारमण ने लंदन से लौटने के बाद हैदराबाद में प्रणव स्कूल की स्थापना की। परिवर्तन के प्रति इस प्रतिबद्धता ने उन्हें जेएनयू में छात्र राजनीति में शामिल होने के लिए प्रेरित किया, जहां वह फ्री थिंकर्स समूह में शामिल हो गईं और पार्टी के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार किया और एक सक्रिय सदस्य बनी रहीं। परिवर्तन के लिए उनका जुनून उनके करियर पथ में विशेष रूप से सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी स्टडीज के निदेशक और राष्ट्रीय महिला आयोग के सदस्य के रूप में उनके काम में झलकता है। उनका पसंदीदा विषय वैश्वीकरण और विकासशील देशों पर इसका प्रभाव था। यही वह मूल बिंदु है, जिसने उन्हें भारत सरकार के वाणिज्य मंत्री बनने के लिए प्रेरित किया।

निर्मला सीतारमण का भव्य राजनीतिक करियर

निर्मला सीतारमण का राजनीतिक करियर 2006 में शुरू हुआ जब वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्य बनीं। इसके एक वर्ष बाद इनके पति डॉ परकाला प्रभाकर वर्ष 2007 में फ़िल्म स्टार चीरंजीवी की पार्टी में शामिल हुए, हालाँकि वर्ष 2000 के आस पास डॉ परकाला प्रभाकर भारतीय जनता पार्टी के आंध्रप्रदेश यूनिट के प्रवक्ता थे। निर्मला सीतारमण भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर नाम कमाने लगीं। जिस समय नितिन गडकरी पार्टी अध्यक्ष हुए, उस समय इन्हें पार्टी के छः प्रवक्ताओं के बीच स्थान दिया गया।

इन्हें वर्ष 2010 में भारतीय जनता पार्टी ने अपना प्रवक्ता बनाया। इसके बाद से ही ये कई टीवी डिबेट में पार्टी की तरफ से भाग लेने लगीं और नियमित रूप से सुर्ख़ियों में रहने लगी। इस समय भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता के रूप में इन्हें नरेन्द्र मोदी शासित गुजरात में काफ़ी प्रसिद्धि प्राप्त हुई। इसके बाद इन्हें दिल्ली में पार्टी प्रवाक्ता के रूप में खूब नाम हासिल हुआ। ग़ौरतलब है कि दिल्ली में ही भारतीय जनता पार्टी का हेडक्वार्टर भी स्थापित है। 2010 में, उन्हें भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया था।

2014 में, भाजपा के आम चुनाव जीतने के बाद निर्मला सीतारमण नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल हुईं। उन्हें मोदी द्वारा वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री बनाया गया था। उसी वर्ष, निर्मला सीतारमण आंध्र प्रदेश से राज्यसभा सांसद के रूप में चुनी गईं। मई 2016 में, उन्होंने राज्यसभा चुनाव में कर्नाटक की एक सीट के लिए चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 2017 में, निर्मला सीतारमण को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत का रक्षा मंत्री नामित किया गया था। इसने उन्हें देश की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री बना दिया। वह इंदिरा गांधी के बाद पद संभालने वाली दूसरी महिला बनीं, जिन्होंने 1975 में एक संक्षिप्त अवधि के लिए वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाला। निर्मला सीतारमण भारत की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री भी हैं।

साहसी निर्मला सीतारमण

जब निर्मला सीतारमण पहली बार वित्त मंत्री बनीं तो भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति बड़ी दयनीय थी।  बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और व्यापक बेरोजगारी दो सबसे बड़ी चुनौतियां थीं और साथ में कोरोना महामारी का काल चक्र भी आया। वास्तविक चुनौतियों को नज़रअंदाज़ किए बिना, वित्त मंत्री सीतारमण ने कड़ी मेहनत की और इस कठिन समय में हमारे समाज के कमजोर वर्गों की मदद करने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की। यहां तक कि 2021 का नवीनतम बजट भी सीतारमन के साहसिक स्वभाव और विकास और समृद्धि के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। एक उच्च पदस्थ भारतीय राजनेता के रूप में, निर्मला सीतारमण ने कई अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय सम्मेलनों में कंबोडिया, इंडोनेशिया, फ्रांस, रूस जैसे विभिन्न देशों में भारतीय राज्य की यात्रा की और उनका प्रतिनिधित्व किया। आज भी वे बिना किसी डर के साहस के साथ भारत की अर्थव्यवस्था की डोर संभाले हुए है।

नारीशक्ति की मिसाल सीतारमण

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की अगुवाई वाली पिछली तीन सरकारों ने हमेशा महिलाओं के हाथों में मंत्रालय की बागडोर सौंपी है, जिन्हें राजनीतिक अभिव्यक्ति में नम्र शक्ति के नजरिए से देखा जाता है, जैसे कि इस पद को सीतारमण के हाथों में सौंपना सकारात्मक कदम कहा जा सकता है। इनको रक्षा मंत्री का पद मिलने के कारण वर्तमान रक्षा मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) में, दो महिलाएं सीतारमन और केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज शामिल हो गई है।

रक्षामंत्री की जिम्मेदारी देकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय महिलाओं को एक बड़ा सन्देश दिया है कि वे इस पुरूष प्रधान समाज में भी बेहतर काम कर सकती है। सीतारमन ने अपने अच्छे कार्य की वजह से मंत्रिमंडल के कई वरिष्ठ सहयोगियों को पछाड़कर रक्षा मंत्री का पद ग्रहण किया है। उनके कठिन परिश्रम ने ही उन्हें इस काबिल बनाया है कि वे नारी शक्ति की मिसाल बनी हुई हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के जीवन से सबक

युवाओं के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के जीवन से सीखे जाने वाले कुछ महत्त्वपूर्ण सबक यहां बताए गए हैं –

व्यक्तित्व और अखंडता

निर्मला सीतारमण अपने स्वयं के विश्वासों, लक्ष्यों और राजनीतिक आदर्शों के साथ एक व्यक्तिवादी हैं। 2006 में, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का फैसला किया, जबकि उनके पति, परकला प्रभाकर और उनके परिवार, जो कांग्रेस समर्थक थे, ने प्रजाराज्यम पार्टी को समर्थन दिया। दो निपुण भारतीय अर्थशास्त्री विवाहित हो सकते हैं, लेकिन राजनीतिक विचारधाराओं या आर्थिक मॉडलों की बात करें तो अक्सर एक-दूसरे के साथ एक दुसरे के प्रतिद्वंदी भी हो सकते हैं। उनकी सफल शादी और व्यक्तिवादी आकांक्षाएं हमें खुद के प्रति सच्चे रहना सिखाती हैं और अपनी अखंडता और विश्वासों से समझौता नहीं करना सिखाती हैं।

भारतीय संस्कृति का सम्मान

अक्सर रवींद्रनाथ टैगोर और तिरुवल्लुवर जैसे भारतीय कवियों और विचारकों को उद्धृत करते हुए देखा जाता है। वित्त मंत्री निर्मला ने भारतीय विचारकों के शक्तिशाली और सांस्कृतिक कार्यों में मूल्य और ज्ञान प्राप्त किया। भारतीय संस्कृति के प्रति उनका प्रेम केवल भारतीय कवियों और विचारकों के बारे में पढ़ने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि भारतीय स्थानीय वस्तुओं को बढ़ावा देने तक भी सीमित है। भारतीय विरासत के संरक्षण की दिशा में सक्रिय रूप से काम करते हुए, उन्होंने भारतीय विरासत और जनजातीय संग्रहालय संस्थान की स्थापना का भी प्रस्ताव रखा। उन्होंने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए संग्रहालयों के नवीनीकरण और मनोरंजन की भी घोषणा की। 

साहस

भारतीय अर्थव्यवस्था को अब तक के सबसे कठिन दौर से गुजरने के लिए दृढ़ विश्वास और साहस की आवश्यकता थी। भारतीय अर्थव्यवस्था की दयनीय स्थिति को सुधारते हुए पूरे देश के बजट को संभालना कोई छोटा कार्य नहीं है। पूरे विश्वास और निश्चय के साथ सीतारमण ने अपने साहस का परिचय दिया और एक अच्छी वित्त मंत्री के रूप में उभरी।

दृढ़निश्चता

अपनी रूचि और भारतीय जनता पार्टी के अपने विश्वास के लिए, वे अपने ससुराल वालों के विपरीत जाने से भी नहीं कतराई और अपने सच्चे निश्चय के साथ पार्टी का समर्थन किया। वे पार्टी में तो अच्छा काम कर ही रही थीं, साथ ही उन्होंने इसका प्रभाव अपने निजी जीवन पड़ने नहीं दिया और दृढ़ निश्चय के साथ अपनी अकंशाओ के साथ स्पष्ट रहीं।

पुरस्कार और सम्मान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को कई उपलब्धियां प्राप्त हुईं हैं, जो इस प्रकार हैं –

  • 2006 में, उन्हें भारतीय संसदीय समूह द्वारा उत्कृष्ट सांसद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • 26 मई 2016 को, वह भारत की रक्षा मंत्री बनीं।
  • जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की ओर से सीतारमण को 2019 में विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • फोर्ब्स पत्रिका ने 2019 में दुनिया की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं में उन्हें 34वां स्थान दिया है।

निजी जीवन

निर्मला सीतारमण की मुलाक़ात डॉ प्रभाकर से जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय में हुई थी। यहाँ पर ये दोनों एक साथ पढ़ते थे, जहाँ एक तरफ निर्मला सीतारमण का झुकाव भारतीय जनता पार्टी की तरफ था, दूसरी तरफ डॉ परकला प्रभाकर एक कांग्रेसी परिवार से थे। इनकी माता आन्ध्रप्रदेश में कांग्रेस की तरफ से विधायक भी रह चुकी हैं, और इनके पिता वर्ष 1970 के समय आन्ध्रप्रदेश की कांग्रेसी सरकार में मंत्री भी थे। वर्ष 1991 में निर्मला और इनके पति लन्दन से भारत लौटे और आँध्रप्रदेश के नर्सपुरम में रहने लगे। इस समय निर्मला, जिन्हें बच्चे की आशा थी, वे अपनी मेडिकल के लिए मद्रास आ गयीं। इसी वर्ष मई 1991 में राजीव गाँधी की हत्या से इन्हें काफ़ी गहरा सदमा लगा और ये लगातार 1 सप्ताह तक हॉस्पिटल में ही रहीं। कालांतर में इन्हें एक बेटी हुई जिसका नाम वांगमयी रखा गया और तब से ये परिवार हैदराबाद में रहने लगा।

निर्मला सीतारमण का नेट वर्थ

निर्मला सीतारमण की कुल संपत्ति 2.63 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। निर्मला सीतारामन को उनके वेतन के रूप मे 1 लाख रुपये प्लस कुछ अन्य भत्ते संसद सदस्य के रूप में मिलते हैं।

अनसुने तथ्य

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के जीवन से जुड़े कुछ अनसुने और रोचक तथ्य यहां दिए गए हैं –

  • निर्माल सीतारमण का  जन्‍म तमिलनाडु में हुआ और शादी आंध्रप्रदेश में।
  • निर्माल सीतारमण  ने 1980 में जेएनयू से एमए किया और बाद में ‘गेट फ्रेमवर्क के अंदर भारत-यूरोप टेक्‍सटाइल व्‍यापार’ पर पीएचडी की।
  • निर्मला ने लंदन में प्राइसवाटरहाउसकूपर्स रिसर्च में काम किया।
  • कुछ समय बाद वे पति के साथ हैदराबाद लौट आईं। यहां उन्‍होंने एक स्‍कूल खोला और पब्लिक पॉलिसी संस्‍थान खोला। 
  • 2006 में राष्‍ट्रीय महिला आयोग में कार्यकाल खत्‍म होने के बाद वे बीजेपी से जुड़ गईं।
  • 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले उन्‍हें प्रवक्‍ता बना दिया गया। हिंदी ना जानने के बावजूद निर्मला ने अपनी बोलने की शैली से अपनी छाप छोड़ी। इस दौरान वे टीवी पर बीजेपी का बड़ा चेहरा थीं।
  • मई 2014 मोदी सरकार बनने पर उन्‍हें वाणिज्‍य राज्‍य मंत्री बनाया गया।
  • निर्मला सीतारमण इंदिरा गांधी के बाद रक्षा मंत्री का पद संभालने वाली दूसरी महिला बनीं और इस पद को पूर्णकालिक रूप से संभालने वाली पहली महिला बनीं। अब, वह दूसरी महिला वित्त मंत्री हैं।
  • निर्मला सीतारमण पार्टी की भाजपा प्रवक्ता बनीं और पार्टी की आवाज और चेहरे के रूप में जानी गईं और आमने-सामने और टीवी बहस में राजनीतिक दिग्गजों के खिलाफ खुद को खड़ा किया।
  • वह शास्त्रीय संगीत पसंद करती है और समय-समय पर उन्हें सुनती है। वह भगवान कृष्ण की भक्त हैं। उन्हें पढ़ना भी पसंद है। 
  • उनके दैनिक गतिविधि में तीन घंटे का समय लगभग नौ समाचार पत्र पढ़ने में लगता है। साथ ही, उनके पसंदीदा शौक में यात्रा, ट्रेकिंग और खाना बनाना शामिल है।

FAQs

भारत की वित्त मंत्री कौन हैं?

सीतारमण एक भारतीय राजनीतिज्ञ और भारत सरकार में वर्तमान केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री हैं। सीतारमण भारतीय जनता पार्टी से ताल्लुक रखती हैं। वह भाजपा से दूसरी वित्त मंत्री हैं, उनके पार्टी सहयोगी अरुण जेटली ने 2014-2019 तक पद संभाला है।

निर्मला सीतारमण कहां की हैं?

निर्मला सीतारमण, तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली की हैं।

निर्मला सीतारमण का जन्म कब हुआ?

निर्मला सीतारमण का जन्म 18 अगस्त, 1959 को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था।

निर्मला सीतारमण की शैक्षणिक योग्यता क्या है?

1984 में उन्होंने सीतालक्ष्मी रामासामी कॉलेज, तिरुचिरापल्ली से बैचलर्स की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने भारत-यूरोपीय वस्त्र व्यापार में अर्थशास्त्र में मास्टर्स व पीएचडी की डिग्री भी प्राप्त की है।

निर्मला सीतारमण की उम्र कितनी है?

निर्मला सीतारमण की उम्र 62 वर्ष (2022 में) है।

निर्मला सीतारमण एक मेहनती और शक्ति स्वरूप महिला हैं, जिन्होंने हैबिटेट में एक सेल्स गर्ल के रूप में शुरुआत की और भारत के वित्त मंत्री के प्रतिष्ठित पद तक काम किया। यह यात्रा आत्म-विकास के लिए शक्ति और दृढ़ विश्वास का ही फल है। इस पुरुष-प्रधान समाज में इस बड़े पद पर सुसज्जित होकर अपनी छाप छोड़ना आसान नहीं है। हम आशा करते हैं कि हमारी वित्त मंत्री इसी तरह अपने पद को पूरी निष्ठा से निभाती रहें और अन्य महिलाओं के लिए एक मिसाल बनें। महान हस्तियों के बारे में ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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