भारत और यूके ने की कॉमनवेल्थ डिप्लोमेटिक अकादमी प्रोग्राम की शुरुआत

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भारत और यूके ने “India-UK Commonwealth Diplomatic Academy programme” शुरू करने की योजना की घोषणा की है। यह घोषणा भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और यूके के उनके समकक्ष लिज़ ट्रस ने रवांडा में Commonwealth Heads of Government Meeting (CHOGM) के दौरान करी।

इस मौके पर ट्रस ने लोकतंत्र और सम्प्रभुता जैसे राष्ट्रमंडलीय मूल्यों को अहम बताते हुए कहा कि भारत और यूके २१वी सदी के लिए अनुकूल एक आधुनिक राष्ट्रमंडल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं और अपने सदस्यों को ठोस लाभ पहुंचा रहे हैं। इस कदम से देशों के बीच रिश्ते और अच्छे होने के संकेत हैं।

ट्रस ने आगे कहा कि मौजूदा दुनिया में, हमें लोकतंत्र और संप्रभुता के राष्ट्रमंडल मूल्यों का समर्थन करना चाहिए। ब्रिटेन और भारत 21वीं सदी को एक आधुनिक रामष्ट्रमंडल बनाने के लिए मदद कर रहे हैं”

इस प्रोग्राम की घोषणा क्यों की गई?

ट्रस और जयशंकर ने एक जॉइंट स्टेटमेंट देते हुए कहा कि नया राष्ट्रमंडल राजनयिक अकादमी कार्यक्रम युवा राजनयिकों को विशेषज्ञता और प्रशिक्षण प्रदान करेगा, जिससे उन्हें वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में सहायता मिलेगी।

राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की बैठक (Commonwealth Heads of Government Meeting)

नेताओं ने हाल ही में किगाली में राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की बैठक (CHOGM) में मुलाकात की। इस बैठक के दौरान उन्होंने “मजबूत और पुनर्जीवित राष्ट्रमंडल परिवार” के महत्व को उजागर करने और सभी सदस्यों के लिए लाभ पहुंचाने के लिए एक जॉइंट स्टेटमेंट जारी किया है। उन्होंने यूके और भारत के राष्ट्रमंडल परिवार के लिए एक कनेक्टेड, इनोवेटिव,एवं ट्रांस्फॉर्मटिव भविष्य डिलीवर करने के कमिटमेंट पर ज़ोर दिया। 

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