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(माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, मॉडल पेपर, 2021–22)
उत्तर: सूरदास जी ने उद्धव की तुलना कमल के पत्ते से की है। जिस प्रकार कमल का पत्ता जल में रहने के बावजूद जल को अपने ऊपर टिकने नहीं देता, उसी प्रकार उद्धव कृष्ण के सान्निध्य में रहकर भी उनके प्रेम से प्रभावित नहीं होते। वे केवल ज्ञान और योग की बातें करते हैं, लेकिन प्रेम की भावना से रिक्त हैं। सूरदास के अनुसार उद्धव में प्रेम को आत्मसात करने की क्षमता नहीं है, इसलिए वे गोपियों के गहरे प्रेम और भक्ति को नहीं समझ पाते। यह तुलना यह दर्शाती है कि केवल समीपता से नहीं, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव से ही प्रेम सच्चा होता है।
अन्य प्रश्न
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- गोपियों ने किन-किन उदाहरणों के माध्यम से उद्धव को उलहाने दिए हैं?
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- ‘यह तौ ‘सूर’ तिनहिं लै सौंपौ, जिनके मन चकरी’ इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
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