उत्तर: इस प्रसंग में लक्ष्मण की वाणी में व्यंग्य का अत्यंत मार्मिक और कलात्मक सौन्दर्य देखने को मिलता है। परशुराम यद्यपि मुनि और ब्राह्मण हैं, किन्तु उनका व्यवहार अड़ियल, अहंकारी और क्रोधयुक्त है। लक्ष्मण उनकी इसी प्रवृत्ति को लक्ष्य कर व्यंग्यबाणों से उन पर तीखे प्रहार करते हैं।
जब परशुराम शिवधनुष टूटने पर आगबबूला होकर अपराधी का वध करने की बात कहते हैं, तब लक्ष्मण व्यंग्यपूर्वक कहते हैं कि हमने बचपन में ऐसे कई धनुष तोड़े हैं, आप बताइए कि वह धनुष आपका कौन-सा था।
परशुराम जब शिवधनुष को विशेष बताकर अन्य धनुषों से तुलना असंभव बताते हैं, तब लक्ष्मण कहते हैं — “हमारे लिए तो सब धनुष समान हैं”, जो उनकी खोखली वीरता पर तीखा कटाक्ष है।
एक अन्य स्थान पर जब परशुराम क्रोध में कह उठते हैं कि मैं इसे मारकर गुरु-ऋण से उऋण हो जाऊँगा, तब लक्ष्मण अत्यंत तीखा और तीखा व्यंग्य करते हुए कहते हैं — “माता-पिता का ऋण तो आपने चुका ही दिया है, अब गुरु-ऋण ही बचा है, वह भी ब्याज समेत चुकाइए। ज़रूरत हो तो हिसाबी को बुला लीजिए, मैं अपनी थैली खोल देता हूँ।”
इस प्रकार, लक्ष्मण के व्यंग्य में विनोद, तर्क, साहस और तीखापन का अद्भुत मिश्रण है, जो इस प्रसंग को व्यंग्य सौन्दर्य से पूर्ण बना देता है।
इस पाठ के अन्य प्रश्न
- परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने के लिए कौन-कौनसे तर्क दिए?
- परशुराम के क्रोध करने पर राम और लक्ष्मण की जो प्रतिक्रियाएँ हुईं उनके आधार पर दोनों के स्वभाव की विशेषताएँ अपने शब्दों में लिखिए।
- लक्ष्मण और परशुराम के संवाद का जो अंश आपको सबसे अच्छा लगा उसे अपने शब्दों में संवाद शैली में लिखिए।
- परशुराम ने अपने विषय में सभा में क्या-क्या कहा निम्न पद्यांश के आधार पर लिखिए।
- लक्ष्मण ने वीर योद्धा की क्या-क्या विशेषताएँ बताई?
- साहस और शक्ति के साथ विनम्रता हो तो बेहतर है। इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
- ‘बिहसि लखनु बोले मृदु बानी। अहो मुनीसु महाभट मानी॥ पुनि पुनि मोहि देखाव कुठारु। चहत उड़ावन फूँकि पहारू॥’ का भाव स्पष्ट कीजिए।
- ‘इहाँ कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं। जे तरजनी देखि मरि जाहीं॥ देखि कुठारु सरासन बाना। मैं कछु कहा सहित अभिमाना॥’ का भाव स्पष्ट कीजिए।
- पाठ के आधार पर तुलसी के भाषा-सौन्दर्य पर दस पंक्तियाँ लिखिए।
60,000+ students trusted us with their dreams. Take the first step today!

One app for all your study abroad needs
