Blood Group Ki Khoj Kisne Ki: ब्लड ग्रुप की खोज किसने की?

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Blood Group Ki Khoj Kisne Ki
A. कार्ल लैंडस्टीनर
B. विलियम हार्वे  
C. अलेक्जेंडर फ्लेमिंग 
4. लुई पाश्चर
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सही उत्तर है (A) कार्ल लैंडस्टीनर

उत्तर: ब्लड ग्रुप (रक्त समूह) की खोज आस्ट्रिया के एक जीववैज्ञानिक तथा चिकित्सक कार्ल लैंडस्टीनर (Karl Landsteiner) ने की थी। 

ब्लड ग्रुप का इतिहास 

कार्ल लैंडस्टीनर ने 1900-1901 के आसपास अपने अध्ययन में यह देखा कि जब अलग-अलग लोगों का खून मिलाया जाता है, तो कई बार खून की लाल कोशिकाएं आपस में चिपक जाती हैं (जैसे थक्का जम जाता है), जबकि कुछ बार ऐसा नहीं होता। उन्होंने पाया कि यह सब खून में मौजूद कुछ खास तरह के पदार्थों (जिन्हें बाद में एंटीजन और एंटीबॉडी कहा गया) के कारण होता है, यानी ये पदार्थ किसी के खून में होते हैं और किसी में नहीं।

इस खोज के बाद उन्होंने इंसानी खून को तीन मुख्य समूहों में बांटा: A, B और O। बाद में उनके छात्रों ने AB नाम के चौथे ब्लड ग्रुप का भी पता लगाया, जिससे ABO ब्लड ग्रुप सिस्टम पूरा हो गया।

ब्लड ग्रुप की खोज किसने की?

लैंडस्टीनर की इस खोज ने खून चढ़ाने (ब्लड ट्रांसफ़्यूजन) के तरीके को पूरी तरह बदल दिया। पहले जब किसी को खून चढ़ाया जाता था, तो अक्सर मरीज़ की जान को ख़तरा हो जाता था क्योंकि तब डॉक्टरों को पता ही नहीं था कि सबका खून एक जैसा नहीं होता। लैंडस्टीनर की खोज से यह तय हो गया कि मरीज़ को वही खून चढ़ाया जाए जो उसके ब्लड ग्रुप से मैच करता हो, जिससे खून चढ़ाना सुरक्षित हो गया और यह कई जानें बचाने लगा।

इस अहम काम के लिए कार्ल लैंडस्टीनर को 1930 में नोबेल पुरस्कार भी मिला। उन्हें ‘ब्लड ट्रांसफ़्यूज़न का जनक’ भी कहा जाता है। उन्होंने बाद में अपने एक साथी के साथ मिलकर आरएच (Rh) ब्लड ग्रुप का भी पता लगाया, जिससे खून चढ़ाने का काम और भी ज़्यादा सुरक्षित बन गया।

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