Aasan Kitne Prakar Ke Hote Hain – आसन कितने प्रकार के होते हैं?

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Aasan Kitne Prakar Ke Hote Hain
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योग में आसनों को कई तरीकों से बांटा जाता है, ताकि उन्हें समझना और अभ्यास करना आसान हो सके। हर आसन का अपना खास उद्देश्य और शरीर पर अलग प्रभाव होता है। आइए, आसनों के विभिन्न प्रकारों को विस्तार से जानते हैं, जो उनकी शारीरिक स्थिति, उद्देश्य, कठिनाई स्तर, पारंपरिक हठ योग वर्गीकरण, चिकित्सीय प्रभाव और आधुनिक शैलियों पर आधारित हैं। यह वर्गीकरण आपको योग के विशाल संसार को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेगा।

 1. शारीरिक स्थिति के आधार पर (Based on Body Position)

  • खड़े होने वाले आसन (Standing Poses): ताड़ासन, वृक्षासन, त्रिकोणासन।
  • बैठने वाले आसन (Sitting Poses): पद्मासन, सुखासन, पश्चिमोत्तानासन।
  • पीठ के बल लेटने वाले आसन (Supine Poses): सेतु बंधासन, हलासन।
  • पेट के बल लेटने वाले आसन (Prone Poses): भुजंगासन, धनुरासन।
  • उलटे आसन (Inversions): शीर्षासन, सर्वांगासन।

 2. उद्देश्य के आधार पर (Based on Function)

  • पीछे की ओर झुकने वाले (Backbends): उष्ट्रासन, भुजंगासन।
  • आगे की ओर झुकने वाले (Forward Bends): उत्तानासन, जानु शीर्षासन।
  • मरोड़ने वाले (Twists): अर्ध मत्स्येन्द्रासन।
  • संतुलन वाले (Balancing Poses): बकासन, गरुड़ासन।
  • हिप-खोलने वाले (Hip Openers): बद्ध कोणासन, पिजन पोज़।

 3. कठिनाई स्तर के आधार पर (Based on Difficulty)

  • शुरुआती (Beginner): मार्जरीआसन, बालासन।
  • मध्यम (Intermediate): कोणासन, नौकासन।
  • उन्नत (Advanced): कौआ आसन, मयूरासन।

 4. पारंपरिक हठ योग के आधार पर

  • मूलभूत आसन: सिद्धासन, पद्मासन।
  • शक्तिशाली आसन: मयूरासन, धनुरासन।
  • ध्यानात्मक आसन: वज्रासन, स्वस्तिकासन।

5. चिकित्सीय प्रभाव के आधार पर

  • पाचन संबंधी: पवनमुक्तासन।
  • रीढ़ की हड्डी के लिए: भुजंगासन, मकरासन।
  • तनाव कम करने वाले: शवासन, बालासन।

 6. आधुनिक योग शैलियों में

  • विनयसा फ्लो: सूर्य नमस्कार श्रृंखला।
  • पुनर्स्थापनात्मक योग: समर्थित भुजंगासन (बोलस्टर के साथ)।
  • शक्ति-आधारित: चटुरंगा, फलकासन।
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