लेटर टू एडिटर 10वीं 12वीं क्लास में पढ़ाया जाने वाला टॉपिक इनफॉर्मल लेटर के सिलेबस का हिस्सा है। इसे सीखने से स्टूडेंट्स को अपने आने वाले भविष्य में रिटन लेटर्स और ईमेल लिखने का आवश्यक ज्ञान प्राप्त होता है। लेटर टू एडिटर एक ऐसी संक्षिप्त रचना होती है जो हमेशा हमारे काम आती है, एक अच्छे लेटर टू एडिटर को हमेशा ऑर्गेनाइजेशन में सराहा जाता है। लेटर टू एडिटर एक व्यक्ति एक प्रमुख संगठन के एडिटर के सामने अपनी कुछ सामान्य पेरशानियों को बताता है। हम इस ब्लॉग में लेटर टू एडिटर के बारे में विस्तार से जानेंगे।
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लेटर टू एडिटर क्या होता है?
किसी भी भाषा में पत्र दो प्रकार के होते है, एक अनौपचारिक पत्र (Informal letter) यानी वह पत्र जो हम अपने परिवार, दोस्तों या संगे सम्बन्धियों को लिखते हैं। जिसको लिखते समय औपचारिकता की आवश्यकता नहीं होती। वहीं दूसरा पत्र औपचारिक पत्र (Formal letter) होता है, जो एक विस्तृत पत्र होता है, जिसे हम अपने स्कूल, कॉलेज,ऑफिस या किसी विशेष पब्लिकेशन/मैगजीन/न्यूज़ पेपर के एडिटर को संबोधित किया जाता है, जिसका उद्देश्य इन्फॉर्मेशन के एक निश्चित भाग को पूरक बनाना, उसकी समीक्षा करना या संप्रेषित करना होता है।
लेटर टू एडिटर एक इनफॉर्मल लेटर होता है, जिसमें हम एडिटर को एक लेटर लिखकर संदेश देते है। इसमें न्यूज़ पेपर्स, मैगजीन या किसी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर वर्तमान मुद्दों पर अपने विचारों को लिखकर साझा करते है। यह मुद्दे व्यक्तिगत, समुदाय, राज्य या देश से संबंधित हो सकते हैं।
लेटर टू एडिटर फॉर्मेट
यहां लेटर टू एडिटर का पुरा फॉर्मेट दिया जा रहा है, जिसे आप नीचे दिए गए पॉइंट्स में देख सकते है:-
- सेंडर का पता: सबसे पहले एडिटर को संबोधित पत्र भेजने वाले व्यक्ति का पूरा पता लिखें। यह एक कार्यालय या आवासीय पता हो सकता है।
- दिनांक: जिस दिनांक को एडिटर को पत्र लिखा गया है।
- प्राप्तकर्ता का एड्रेस: न्यूज़ पेपर या मैगजीन के एडिटर जिसे आप अपना पत्र भेजना चाहते हैं। उनका एड्रेस लिखा जाना चाहिए।
- सब्जेक्ट लाइन: लेटर के मुख्य उद्देश्य का विषय संक्षिप्त में लिखा होना चाहिए। जिससे पढ़कर लेटर का मुख्य विषय ज्ञात हो सकें।
- अभिवादन/ग्रीटिंग्स : इसके बाद अभिवादन जैसे सर, मैम, आदरणीय सर, आदरणीय मैम आदि लिखा जाता है।
- पत्र का मुख्य भाग: लेटर के मुख्य भाग में सबसे पहले व्यक्ति को अपना संक्षिप्त में परिचय देना होता है। उसके बाद संबंधित विषय के बारे में पुरी जानकारी देनी होती है जिससे लेटर का उद्देश्य ज्ञात हो सकें।
- कंप्लीमेंट्री कंक्लूजन: इस भाग में एडिटर को लेटर से संबंधित विषय पर उचित कार्रवाई करने या उचित कदम उठाने के बारे में बताना चाहिए।
- पत्र समापन: इसके बाद लेटर में समापन के लिए “धन्यवाद” या “आभार” लिखकर पत्र का समापन कर सकते हैं।
- पत्र के अंत में: लेटर में आभार व्यक्त करने के बाद, लेटर के अंत में अपने हस्ताक्षर, बड़े अक्षरों में अपना नाम या पोस्ट, यदि कोई हो तो लिख सकते हैं।
लेटर टू एडिटर सैम्पल्स
यहां एडिटर को लिखे जाने वाले फॉर्मल लेटर का उदाहरण दिया जा रहा है, जिन्हें आप एडिटर को अपना लेटर लिखते समय सही फॉर्मेट को देखकर अपना पत्र लिख सकते है:-
लेटर टू एडिटर सैम्पल्स 1
सैंपल लेटर टू एडिटर
दक्षिण पुरी नई दिल्ली-10321
5 जनवरी 2023 संपादक हिन्दुस्तान एक्सप्रेस नई दिल्ली
विषय: मेरे क्षेत्र में अपर्याप्त और अनियमित बस सेवा का होना।
आदरणीय महोदय,आपके समाचार पत्र के माध्यम से, मैं अपर्याप्त बस सेवाओं के कारण दक्षिण पुरी के निवासियों द्वारा रोजाना सामना की जाने वाली परेशानियों के प्रति परिवहन अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ।
हर दिन कई लोग इस क्षेत्र से बस से अपने कार्यस्थल पर जाते हैं और कई छात्र बसों में अपने स्कूल,कोचिंग और कॉलेजों की यात्रा भी करते हैं। लेकिन मौजूदा बस सेवा लोगों की आवश्कताओं को पूरा करने में समर्थ नहीं है। अधिकांश बसें दूसरे क्षेत्रों के यात्रियों से भरी हुई होती है और ज्यादातर बसें हमारे क्षेत्र में रूकती भी नहीं हैं जिसके कारण लोग अपने काम पर समय से नहीं पहुँच पाते।
परिवहन अधिकारियों से अनुरोध है कि वे हमारे क्षेत्र में नई बसें चलाएं क्योंकि यह जनता के लिए एक बड़ी मदद होगी। मुझे उम्मीद है कि आप इस पत्र को अपने सम्मानित अखबार में प्रकाशित करेंगे और इस समस्या को संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाएंगे।
धन्यवाद
आपका आभारी अंशुल सुधाकर
लेटर टू एडिटर का न्यूज़पेपर सैम्पल
आप मोहित यादव, जो पीतमपुरा की विवेकानन्द सोसाईटी के अध्य्क्ष हैं। जैसा कि दिल्ली में कोविड-19 में लॉकडाउन की घोषणा की गई है, आप अपने स्थानीय समाचार पत्र को उन लोगों के बारे में बताना चाहते हैं जो अभी भी बिना किसी विशेष कारण के घूम रहे हैं, मुख्य रूप से आपके इलाके में बिना मास्क या सामाजिक दूरी के। इस पर चिंता जताते हुए संपादक को पत्र लिखिए और अपने कॉलम में इस मुद्दे को उजागर करते हुए लॉकडाउन के बारे में और सख्त नियम लाने को कहिए।
प्रीतमपुरा नई दिल्ली-20050
16 सितंबर 2022
संपादकदैनिक अखबार नई दिल्ली
विषय: लॉकडाउन के दौरान नियमों की कमी के बारे में जागरूकता बढ़ाने की अपील।
आदरणीय महोदय,पिछले कुछ महीनों में, नोवल कोरोनावायरस के मामलों में बहुत ज्यादा वृद्धि हुई है। यह महामारी को लेकर सख्त नियमों की कमी का सीधा परिणाम है। मेरे अपने इलाके में लोगों का एक समूह इस घातक बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए बनाएं गए नियमों और निर्देशों का पालन करने में लगातार विफल रहा है। मैं आपको यह पत्र इस उम्मीद में लिख रहा हूं कि आप पीतमपुरा जैसी घनी आबादी वाले इलाकों में नियमों और प्रतिबंधों की कमी के बारे में जागरूकता फैलाने में मदद कर सकते हैं।
उम्मीद है, आप अपने अगले कॉलम में इस गंभीर मुद्दे को लिखेंगे ताकि लोग समझेंगे कि मास्क पहनना और इस मौजूदा वायरस से निपटने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करना कितना महत्वपूर्ण है।
धन्यवाद आपका आभारी मोहित यादव
लेटर टू एडिटर के लिए उपयोगी टिप्स
यहां कुछ इंपोर्टेंट औपचारिक लेटर टू एडिटर के लिए उपयोगी टिप्स दिए जा रहे है, जो आपको लेटर टू एडिटर लिखने में बहुत सहायता करेंगी:-
- औपचारिक लेखन को सटीक और प्रासंगिक रखने का प्रयास करें।
- आप जिस भाषा में अपना लेटर लिख रहे है उस भाषा में सम्मानपूर्ण वाक्यों का चयन करें।
- अपने लेटर में भेदभावपूर्ण,पक्षपात या किसी पर व्यक्तिगत टिप्पणी न करें।
- अपने लेटर में संगठन को मान्यता देना एक अच्छे औपचारिक पत्र की विशेषता है।
- औपचारिक पत्र लिखते समय कभी भी बहुत लंबे वाक्य न लिखें। इससे पत्र लंबा हो सकता है और गलतियों की संभावना को बढ़ा सकता है।
लेटर टू एडिटर प्रैक्टिस क्वेश्चन
लेटर राइटिंग इंग्लिश और हिंदी लेंगवेज के एग्जाम का एक अभिन्न हिस्सा है। यह स्किल्स स्टूडेंट्स को स्कूलों में सिखाया जाता है, लेटर राइटिंग के कई पहलुओं जैसे अनौपचारिक और औपचारिक पत्र ड्राफ्ट, उनकी संरचना और उपयोग के बारे में बताया जाता है। यह इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि जब छात्र IELTS और TOEFL जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अपनी इंग्लिश को इम्प्रूव करते हैं। लेटर टू एडिटर अब तक के सबसे महत्वपूर्ण और लोकप्रिय विषयों में से एक है। यहां कुछ सबसे सामान्य इनफॉर्मल लेटर विषय के बारे में बताया जा रहा है जिनका आपको अभ्यास करना चाहिए:
- आप C-105, जनक पुरी, नई दिल्ली के निवासी ऋषि हैं। अकेले रहने वाले वृद्धों पर हो रहे लगातार हमलों के बारे में पढ़कर आप अत्यंत परेशान हैं। लोगों को जागरूक करते हुए इस समस्या की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए “द न्यू इंडियन एक्सप्रेस” के संपादक को पत्र लिखिए।
- आप हर दिन स्कूल के लिए रोजाना ट्रैफिक जाम लगने के कारण लेट हो जाते हैं और आपकी स्कूल बस लक्ष्मण चौक के पास ट्रैफिक जाम में फंस गई है। अपने विचारों के साथ किसी समाचार-पत्र के संपादक को इस समस्या पर प्रकाश डालते हुए एक पत्र लिखिए और इसके लिए कोई उपाय सुझाइए।
- आप केंद्रीय विद्यालय के छात्र अंशुल हैं। आप चुनावों में लोकप्रिय पार्टियों द्वारा की जाने वाली बड़ी राजनीतिक रैलियों के बारे में चिंतित हैं। महामारी के बीच बड़ी सभाओं के गंभीर प्रभाव के बारे में चिंता जताते हुए किसी समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखें।
- आप जी.डी पब्लिक स्कूल, दिल्ली की छात्रा प्रमिला हैं। आप लोकप्रिय देशों द्वारा भारत की रेड-लिस्टिंग के बारे में चिंतित हैं और यह आपकी फॉरेन स्टडी कैसे प्रभावित कर सकती है। हायर स्टडी के लिए विदेश जाने के इच्छुक भारतीय छात्रों के लिए एक व्यापक योजना को लागू करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए किसी समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखें।
- आप देवांग कुमार प्रजामित्र सोसाइटी हरी नगर के अध्यक्ष है। पिछले तीन सप्ताह से पानी की कमी और पानी की कम उपलब्धता से निवासियों को परेशानी की वजह से अपने स्थानीय समाचार पत्र के संपादक को एक पत्र लिखिए। जिसमें आपके समाज के निवासियों की समस्याओं और मुद्दों को बताया गया हो।
FAQs
पत्र दो प्रकार के होते हैं, जैसे :- अनौपचारिक पत्र- जिन लोगों से निजी संबंध होते हैं, उन्हें अनौपचारिक पत्र (इनफॉर्मल लेटर) लिखे जाते हैं। इस प्रकार के पत्रों में व्यक्ति अपने मन की बातों, भावनाओं सुख-दुख की बातों आदि को लिखते हैं। अतः इन पत्रों को ‘व्यक्तिगत पत्र’ भी कहा जाता है। इन पत्रों की भाषा-शैली में अनौपचारिकता का पुट देखा जा सकता है। औपचारिक पत्र- ये पत्र औपचारिक संदर्भों में लिखे जाते हैं। जिन लोगों के साथ इस तरह का पत्राचार किया जाता है, उनके साथ हमारे निजी संबंध नहीं होते। औपचारिक माहौल होने के कारण इस प्रकार के पत्रों में तथ्यों और सूचनाओं को अधिक महत्व दिया जाता है।
एक शिकायत पत्र लिखने के लिए, आप प्रेषक के पते के बाद दिनांक, प्राप्तकर्ता का पता, विषय, अभिवादन, पत्र का मुख्य भाग, मानार्थ समापन, बड़े अक्षरों में हस्ताक्षर और नाम से शुरू कर सकते हैं।
अनौपचारिक पत्र के प्रकार:-बधाई पत्र, शुभकामना पत्र, निवेदन पत्र, संवेदना/सहानुभूति/सांत्वना पत्र, नाराजगी/खेद पत्र, सूचना/वर्णन संबंधी पत्र, निमंत्रण पत्र, आभार-प्रदर्शन पत्र, सुझाव/सलाह पत्र और क्षमायाचना एवं आश्वासन संबंधी पत्र इत्यादि।
पत्र, चिट्ठी या खत किसी कागज या अन्य माध्यम पर लिखे सन्देश को कहते हैं। 19वीं और 20वीं शताब्दियों में पत्र ही दो व्यक्तियों के बीच कम्युनिकेशन का सबसे विश्वसनीय माध्यम था। किन्तु अब टेलीफोन, सेलफोन और इंटरनेट के जमाने में इसकी भूमिका काफी कम हो गयी है। लेकिन आज भी पत्रो का हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान है।
औपचारिक पत्रों में यह प्रायः ‘मान्यवर’, ‘महोदय’ आदि शब्द-सूचकों से दर्शाया जाता हैं जबकि अनौपचारिक पत्रों में यह ‘पूजनीय’ ‘स्नेहमयी’, ‘प्रिय’ आदि शब्द-सूचकों से दर्शाया जाता हैं।
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