पिछले 18 महीनों से, भारत और यूके के बीच एक समझौतें की बात चल रही थी। समझौते का मुख्य उद्देश्य भारत और यूके के बीच के बिज़नेस और इन्वेस्टमेंट को एक्सपैंड करने और उनके रिश्ते में आई बाधाओं को सुलझानें का था। ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच इसी तरह के हाल ही में हुए समझौतों को ध्यान में रखते हुए इस चीज़ की संभावनाएं देखने को मिल रही हैं कि इंडियन नेशनल्स के वर्क और स्टडी वीज़ा में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
स्टेट फॉर फॉरेन, कॉमनवेल्थ एंड डेवलपमेंट अफेयर्स के सेक्रेटरी जेम्स क्लेवरली के मुताबिक, भारत और यूके के रिश्ते में काफी प्रगति देखने को मिली है और यूके-भारत के बीच का का यह रिश्ता उनके लिए काफी महत्व रखता है। इसके साथ वह इस आपसी रिश्ते को मज़बूत रखने की गहरा करने की हर मुमकिन कोशिश करेंगे।
दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने यह निर्णय लिया है कि इस पर जल्द ही निष्कर्ष निकालने की आवश्यकता है और वे बातचीत शुरू करने के लिए तैयार है। हालांकि, इसे दीपावली तक समाप्त करने के लिए निर्धारित किया गया था। TIMES के साथ डिस्कशन में जेम्स क्लेवरली ने कहा कि यूके में पढ़ने के इच्छुक भारतियों की संख्या काफी ज़्यादा है जिसके साथ उन्होंने जोड़ा और बताया कि भारतीय कंपनियां वहां कॉमर्स में एंगेज होना चाहती हैं। उन्होंने इस बात पर अपना उत्साह ज़ाहिर किया और बताया कि यह हमारे रिश्ते के साथ साथ दोनों देशों के लिए एक पॉजिटिव डेवलपमेंट है जोकि जश्न और ख़ुशी की वजह है।
जेम्स क्लेवरली ने यह भी कहा कि वह भारतियों के बीच ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक जो मूलतः भारतीय हैं को लेकर आने वाली उस उत्सुकता और पैशन देखना चाहते हैं।
तो देखा जाए तो यह समझौता भारतियों के लिए एक गुड न्यूज़ है जिसके बेहतरी चलने और सफल होने का फायदा न सिर्फ स्टडी अब्रॉड में इच्छुक स्टूडेंट्स को प्राप्त होता दिखेगा बल्कि आल इन आल सम्पूर्ण भारतियों और यूके वासियों में नज़र आएगा।