ज़रा सोचिए कि आप आज एक नए देश में एक नई जॉब लेने का फैसला करें और कुछ सालों बाद आपका बेटा उस देश की नेशनल क्रिकेट टीम में ओपनिंग बल्लेबाजी कर लोगों का दिल जीत रहा हो।
अगर आप को ये कहानी ज़रा भी फ़िल्मी लग रही हो तो आपको बता दें कि यह कहानी है आजकल चर्चा में चल रहे मशहूर क्रिकेटर रचिन रविंद्र के पिता रवि कृष्णामूर्ति की। रवि 90 के दशक में भारत छोड़ कर न्यूजीलैंड गए और शायद तब उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनका बेटा न्यूजीलैंड की नेशनल क्रिकेट टीम में ओपनर बल्लेबाज बनेगा।
इस ब्लाॅग में हम रवि कृष्णमूर्ति के बारे में जानेंगे जिन्होंने न्यूजीलैंड जाकर अपनी और अपने परिवार की जिंदगी ही बदल दी।
This Blog Includes:
- 1990 के दशक में न्यूजीलैंड गए थे रचिन रविंद्र के पिता
- क्रिकेट के दीवाने रहे हैं रवि
- क्रिकेट के दीवानगी से उभरा बेटे का नाम
- ऐसे हुई थी रचिन के खेलने की शुरुआत
- रवि कृष्णमूर्ति ने की थी बेटी को भी क्रिकेट में लाने की कोशिश
- न्यूजीलैंड लगता है दुनिया की सबसे बेहतरीन जगहों में से एक
- बैंगलोर में है बड़ा परिवार और अपनी विरासत पर करते हैं गर्व
- कई भारतीय मूल के खिलाड़ियों ने दूसरी देशों से खेलकर चमकाई किस्मत
- FAQs
1990 के दशक में न्यूजीलैंड गए थे रचिन रविंद्र के पिता
रवि कृष्णमूर्ति 1990 के दशक में भारत के बैंगलोर से न्यूजीलैंड जाने का फैसला किया और वहां की राजधानी वेलिंगटन में बस गए। पेशे से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर होते हुए रवि ने न्यूज़ीलैंड में एक आईटी कंपनी में जॉब शुरू करी।
इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी और रचिन के कुछ दिए गए बयानों से पता चलता है की रवि का अपने शहर और घर से काफी गहरा जुड़ाव है। ऐसे में परिवार के पास किसी नए देश बस जाने का फैसला आसान तो नहीं रहा होगा।
लेकिन फिर भी, विदेशी धरती पर रवि कृष्णमूर्ति को परिवार का साथ मिला तो उन्होंने अपने बच्चों की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
क्रिकेट के दीवाने रहे हैं रवि
रवि कृष्णामूर्ति को क्रिकेट का दीवाना कहना कोई हैरानी की बात नहीं है। उन्होंने अपने गृहनगर बैंगलोर में खुद अच्छे स्तर का क्रिकेट खेला है।
न्यूज़ीलैंड में भी वो लगातार क्रिकेट से जुड़े रहे। वहां पर उन्होंने लेवल 3 कोच का सर्टिफिकेशन हासिल किया और वेलिंग्टन में ही हट्ट क्रिकेट क्लब की स्थापना की।
क्रिकेट के दीवानगी से उभरा बेटे का नाम
18 नवंबर 1999 को रवि कृष्णमूर्ति के छोटे बेटे रचिन रविंद्र का जन्म न्यूजीलैंड के वेलिंगटन में हुआ। भारतीय खिलाड़ी राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर के फैन रहे रवि ने बेटे का नाम दोनों महान खिलाड़ियों को जोड़ कर र + चिन यानी की रचिन रखा।
ऐसे हुई थी रचिन के खेलने की शुरुआत
रवि कृष्णमूर्ति नियमित रूप से टेलीविजन पर क्रिकेट देखते थे। इससे रचिन पर स्वाभाविक रूप से प्रभाव पड़ा और रचिन ने बिना किसी रुकावट के क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया। खेल के प्रति अपने प्रेम के कारण रचिन क्रिकेट में जितना समय निवेश कर रहे थे, उसका परिणाम ही नेशनल टीम में जगह बनाना है।
रवि कृष्णमूर्ति ने की थी बेटी को भी क्रिकेट में लाने की कोशिश
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रचिन के पिता रवि ने एक इंटरव्यू में कहा था कि मैंने अपनी बेटी को क्रिकेट में लाने की कोशिश की थी, लेकिन वह क्रिकेट नहीं खेलती थी। इसके बाद मैंने रचिन के लिए प्रयास भी नहीं किया, लेकिन उसने गेम खेलना शुरू कर दिया।
क्रिकेट में प्रेशर को लेकर उन्होंने कहा कि दबाव एक धारणा है। यह वही है जो आप मन में महसूस करते हैं। अपने मन को शांत रखें…
न्यूजीलैंड लगता है दुनिया की सबसे बेहतरीन जगहों में से एक
रवि की फैमिली को न्यूजीलैंड दुनिया की सबसे बेहतरीन जगहों में से एक लगती है। रचिन और उनकी बहन ऐसिरी का जन्म और पालन-पोषण न्यूजीलैंड में हुआ है। रचिन की फैमिली का कहना है कि न्यूजीलैंड के लोग मिलनसार हैं और वेलिंगटन 80 के दशक के बैंगलोर जैसा है। हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह बताया गया कि वह बिजनेस के लिए भी वहां गए थे।
बैंगलोर में है बड़ा परिवार और अपनी विरासत पर करते हैं गर्व
रचिन के पिता रवि और उनकी माता दीपा बैंगलोर से हैं और उनके दादा-दादी भी बैंगलोर से हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैंगलोर में इनका बड़ा परिवार है और हमें अपनी विरासत पर गर्व है। रचिन के पिता का कहना है कि भारत से आने के कारण क्रिकेट जीवन का एक हिस्सा था। उन्होंने भारत में किसी भी अन्य परिवार की तरह क्रिकेट को देखा और बैंगलोर और न्यूजीलैंड में क्रिकेट खेला।
कई भारतीय मूल के खिलाड़ियों ने दूसरी देशों से खेलकर चमकाई किस्मत
रचिन रविंद्र के अलावा भी कई भारतीय मूल के खिलाड़ी दूसरे देशों की टीम से खेल रहे हैं या खेलकर संन्यास ले चुके हैं। संन्यास ले चुके खिलाड़ियों की बात करें तो ये लिस्ट काफ़ी लंबी हो जाएगी। इनमें नासिर हुसैन, जीतन पटेल और मोंटी पनेसर जैसे खिलाड़ियों के नाम भी शामिल होंगे। ये भारतीय मूल के खिलाड़ी थे जो दुनिया की अलग-अलग टीमों में खेलकर अपनी किस्मत चमका चुके हैं। न्यूज़ीलैंड की टीम में ही खेलने वाले लेग ब्रेक गेंदबाज के रूप में ईश सोढ़ी का जन्म 31 अक्टूबर, 1992 को लुधियाना में हुआ था और उनके घर के लोग 1947 में विभाजन के बाद पाकिस्तान के लाहौर से भारत आकर बस गए थे।
FAQs
रचिन रविंद्र न्यूजीलैंड के खिलाड़ी हैं, लेकिन वह भारतीय मूल के हैं।
रचिन रविंद्र के पिता का नाम रवि कृष्णमूर्ति है।
रचिन रविंद्र न्यूजीलैंड की टीम से खेल रहे हैं।
विदेश जाने के लोगों के अलग-अलग कारण हो सकते हैं। कुछ एक नई समझ, एक नया दृष्टिकोण खोजने निकलते हैं, तो कुछ नए तरीके के अनुभवों की तलाश में रहते हैं। वजह चाहे जो भी हो, लेकिन ये एक छोटा सा कदम आपके और आपकी आने वाली पीढ़ियों पर जो छाप छोड़ जाता है, उसका पता अक्सर आपको बहुत बाद में चलता है। कुछ ऐसी ही कहानियां ले कर हम आये हैं यह ब्लॉग सीरीज।
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