प्रख्यात साहित्यकार विष्णु खरे का जीवन परिचय

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विष्णु खरे का जीवन परिचय

विष्णु खरे आधुनिक हिंदी काव्य के अग्रणी कवियों में से एक थे। वे एक प्रतिष्ठित कवि होने के साथ-साथ पत्रकार, संपादक, अनुवादक और आलोचक भी थे। हिंदी काव्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके विशेष योगदान के लिए उन्हें ‘साहित्यकार सम्मान’, ‘रघुवीर सहाय सम्मान’, ‘मैथिलीशरण गुप्त सम्मान’ तथा फिनलैंड सरकार के राष्ट्रीय सम्मान ‘नाइट ऑफ द ऑर्डर ऑफ द व्हाइट रोज ऑफ़ फ़िनलैंड’ से सम्मानित किया गया था। इस लेख में UGC-NET अभ्यर्थियों के लिए विष्णु खरे का जीवन और उनकी प्रमुख रचनाओं की जानकारी दी गई है।

नाम विष्णु खरे
जन्म 09 फरवरी, 1940
जन्म स्थान छिंदवाड़ा जिला, मध्य प्रदेश 
शिक्षा एमए (अंग्रेजी साहित्य)
पेशा प्राध्यापक, अनुवादक, संपादक, कवि 
भाषा हिंदी, अंग्रेजी 
विधाएँ कविता 
कविता-संग्रह ‘मरू प्रदेश और अन्य कविताएँ’, ‘एक गैर-रूमानी समय में’, ‘खुद अपनी आँख से’, ‘सबकी आवाज के परदे में’ आदि।  
संपादन नवभारत टाइम्स
पुरस्कार एवं सम्मान ‘साहित्यकार सम्मान’, ‘रघुवीर सहाय सम्मान’, ‘मैथलीशरण गुप्त सम्मान’ व ‘नाइट ऑफ द आर्डर ऑफ द व्हाइट रोज़’ आदि। 
निधन 19 सितंबर, 2018 

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में हुआ था जन्म

समादृत साहित्यकार विष्णु खरे का जन्म 09 फरवरी, 1940 को मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा इंदौर में हुई इसके बाद उन्होंने वर्ष 1963 में ‘क्रिश्चियन कालेज’ से अंग्रेजी साहित्य में एमए की डिग्री प्राप्त की। 

विस्तृत रहा कार्य क्षेत्र 

विष्णु खरे ने अपने जीवन में अनेक नौकरियां कीं, परंतु उनकी साहित्यिक यात्रा कभी नहीं रुकी। उनके भीतर का रचनाकार न तो हारा, न ही थका। उन्होंने वर्ष 1962-63 में दैनिक ‘इंदौर समाचार’ में उप-संपादक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद 1963 से 1975 तक वे मध्य प्रदेश और दिल्ली के महाविद्यालयों में अध्यापन कार्य से जुड़े रहे। इस दौरान उन्होंने लघु पत्रिका ‘व्यास’ का संपादन भी किया।

वर्ष 1976 से 1984 तक वे साहित्य अकादमी में उपसचिव (कार्यक्रम) रहे। बाद में उन्होंने ‘नवभारत टाइम्स’ (हिंदी) और ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ (अंग्रेज़ी) के संपादन कार्य में योगदान दिया। वर्ष 1993 में वे ‘जयपुर नवभारत टाइम्स’ के संपादक बने। इसके उपरांत उन्होंने ‘नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय’ (वर्तमान पीएम म्यूज़ियम एंड लाइब्रेरी) में अध्येता के रूप में कार्य किया।

विष्णु खरे की साहित्यिक रचनाएं

विष्णु खरे ने हिंदी कविता, अनुवाद, संपादन और समीक्षा के क्षेत्र में अपना अतुल्नीय योगदान दिया हैं। वह उन चुनिंदा कवियों में से एक हैं, जिन्होंने हिंदी कविता को एक नया मुहावरा और एक नया विन्यास दिया। उन्हें हिंदी और अंग्रेजी भाषा में समान अधिकार प्राप्त था। 

विष्णु खरे की प्रारंभिक रचनाएं ‘गजानन माधव मुक्तिबोध’ द्वारा नागपुर के साप्ताहिक ‘सारथी’ 1956-57 में प्रकाशित हुई थी। फिर वह ‘वसुधा’, ‘कृति’, ‘कहानी’, ‘नई कविता’, ‘धर्मयुग’ आदि पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई। इसके बाद उन्होंने बहुत कम समय में ही साहित्य जगत में अपना एक विशिष्ठ स्थान बना लिया था। यहां उनकी प्रमुख साहित्यिक रचनाओं की सूची दी गई हैं:-

कविता-संग्रह 

कविता-संग्रह प्रकाशन 
मरू प्रदेश और अन्य कविताएँसन 1960 
एक गैर-रूमानी समय मेंसन 1970 
खुद अपनी आँख सेसन 1978 
सबकी आवाज के परदे मेंसन 1994 
पिछला बाकी अज्ञात 
काल और अवधि के दरमियान अज्ञात 

समीक्षा-पुस्तक 

  • आलोचना की पहली किताब – सन 1983 

पुरस्कार एवं सम्मान 

विष्णु खरे को हिंदी काव्य और शिक्षा के क्षेत्र में अतुल्नीय योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं:-

  • साहित्यकार सम्मान
  • रघुवीर सहाय सम्मान
  • मैथलीशरण गुप्त सम्मान 
  • नाइट ऑफ द आर्डर ऑफ द व्हाइट रोज़
  • शिखर सम्मान 

ब्रेन हैमरेज के कारण हुआ निधन 

विष्णु खरे ने कई दशकों तक हिंदी साहित्य में अनुपम काव्य कृतियों का सृजन किया था। किंतु वृद्वावस्था में ब्रेन हैमरेज के कारण 79 वर्ष की आयु में उनका दिल्ली के जीबी पंत सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में 19 सितंबर 2018 को निधन हो गया। किंतु आज भी वह अपनी रचनाओं के लिए साहित्य जगत में जाने जाते हैं। 

FAQs 

विष्णु खरे का जन्म कहाँ हुआ था?

9 फरवरी, 1940 को मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में विष्णु खरे का जन्म हुआ था।

विष्णु खरे को कौन सा सम्मान मिला है?

विष्णु खरे को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में ‘साहित्यकार सम्मान’, ‘रघुवीर सहाय सम्मान’, ‘मैथलीशरण गुप्त सम्मान’ व ‘नाइट ऑफ द आर्डर ऑफ द व्हाइट रोज़’ पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। 

‘एक गैर-रूमानी समय में’ कविता-संग्रह के रचनाकार कौन है?

‘एक गैर-रूमानी समय में’ विष्णु खरे का लोकप्रिय कविता-संग्रह है। 

विष्णु खरे जी की मृत्यु कब हुई थी?

ब्रेन हैमरेज के कारण 79 वर्ष की आयु में विष्णु खरे का 19 सितंबर, 2018 को निधन हुआ था। 

आशा है कि आपको प्रख्यात साहित्यकार विष्णु खरे का जीवन परिचय पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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