वाच्य क्रिया के उस परिवर्तन को कहते हैं, जिसके द्वारा इस बात का पता चलता है कि वाक्य के अन्तर्गत कर्ता, कर्म या भाव में से किसकी प्रधानता (पहचान) है। इससे यह स्पष्ट होता है कि वाक्य में इस्तेमाल क्रिया के लिंग, वचन तथा पुरुष कर्ता, कर्म या भाव में से किसके अनुसार है। आइए vachya के बारे में और विस्तार से जानते हैं।
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वाच्य की परिभाषा
Vachya क्रिया के उस रूपान्तर को कहते हैं, जिससे कर्ता, कर्म और भाव के अनुसार क्रिया के परिवर्तन ज्ञात होते हैं। क्रिया के जिस रूप से यह जाना जाए कि वाक्य में क्रिया का मुख्य सम्बन्ध कर्ता, कर्म या भाव से है, वह Vachya कहलाता है|
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वाच्य का अर्थ
Vachya का अर्थ है— वाणी या कथन.. यहॉं वाणी का अर्थ— वक्ता की वाणी या वक्ता का कथन है। वस्तुत: vachya किसी एक बात को थोड़े से अर्थ के अंतर के साथ कहने का तरीका है। इस तरह कहे गए वाक्यों कथनों की सरंचना अलग हो जाती है।
उदाहरण के लिए
- मॉं ने खाना बनाया।
- मॉं के द्वारा खाना बनाया गया।
यद्यपि दोनो वाक्यों का अर्थ समान्य तो लग ही रहा है किंतु दोनों के अर्थ में सूक्ष्म अंतर है। दोनों की सरंचना भी अलग है। कर्ता द्वारा मॉं के कार्य खाना बनाना को प्रधानता दी गई है।
वाक्य 1—- में कर्ता क्रिया को करने में सक्रिय रूप से भाग लेता है। वहीं वाक्य 2 में उसकी भूमिका निष्क्रिय हो जाती है।
वाक्य 2—- में कर्ता के कार्य को नकारने या निरस्त करने का कार्य किया गया है, कार्य को निरस्त करने का अर्थ है।
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वाच्य के भेद
Vachya के 3 भेद होते हैं, जो इस प्रकार हैं:
कर्तृवाच्य
जिस वाक्य में कर्ता मुख्य हो और क्रिया कर्ता के लिंग, वचन एवं पुरूष के अनुसार हो, उसे कर्तृवाच्य कहते है। जैसे –
- लड़किया बाजार जा रही है।
- मां रामायण पढ़ रही है।
- कुमकुम खाना खाकर सो गई।
इन वाक्यों में जा रही है, पढ़ रहा हूँ, सो गई ये सभी क्रियाएं कर्ता के अनुसार आई है।
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कर्मवाच्य
जिस वाक्य में कर्म मुख्य हो तथा इसकी सकर्मक क्रिया के लिंग, वचन व पुरूष कर्म के अनुसार हो, उसे कर्मवाच्य कहते हैं। जैसे –
- लड़कियों द्वारा बाज़ार जाया जा रहा है।
- मेरे द्वारा रामायण पढ़ी जा रही है।
- वर्षा से पुस्तक पढ़ी गई।
इन वाक्यों में पढ़ी जा रहीं है, पढ़ी गई क्रियाएं कर्म के लिंग, वचन, पुरूष के अनुसार आई है।
भाववाच्य
जिस वाक्य में अकर्मक क्रिया का भाव मुख्य हो, उसे भाववाच्य कहते हैं| जैसे –
- हमसे वहाँ नहीं ठहरा जाता।
- उससे आगे क्यों नहीं पढ़ा जाता।
- मुझसे शोर में नहीं सोया जाता।
इन वाक्यों में ठहरा जाता, पढ़ा जाता और सोया जाता क्रियाएं भाववाच्य की है।
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कर्तृवाच्य: से कर्मवाच्य:
कर्तृवाच्य: से कर्मवाच्य: के बीच मुख्य अंतर नीचे दिए गए हैं-
कर्तृवाच्य:
- लड़किया बाज़ार जा रही है।
- मैं रामायण पढ़ रहा हूँ।
- ममता ने रामायण पढ़ी।
- लता गाना गाएगी।
- धर्मवीर वेद पढ़ेगा।
- तुम फूल तोड़ोगे।
- नौकर चाय लाएगा।
कर्मवाच्य:
- लड़कियों द्वारा बाजार जाया जा रहा है।
- मेरे द्वारा रामायण पढ़ी जा रही है।
- ममता से रामायण पढ़ी गई।
- लता से गाना गाया जाएगा।
- धर्मवीर से वेद पढ़ा जाएगा।
- तुमसे फूल तोड़े जाएंगे।
- नौकर द्वारा चाय लाई जाएगी।
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कर्तृवाच्य: से भाववाच्य:
कर्तृवाच्य: से भाववाच्य: में मुख्य अंतर नीचे दिए गए हैं-
कर्तृवाच्य:
- राम तेज दौड़ता है।
- मैं सर्दियों में नहीं नहाता।
- आशा नहीं हँसती।
- बच्चा खूब सोया।
- रमा नहीं पढ़ती।
- मैं हँसता हूँ।
- मोर ऊँचा नहीं उड़ता।
भाववाच्य:
- राम से तेज दौड़ा जाता है।
- मुझसे सर्दियों में नहीं नहाया जाता।
- आशा से नहीं हँसा जाता।
- बच्चे से खूब सोया गया।
- रमा से पढ़ा नहीं जाता।
- मुझसे हँसा जाता है।
- मोर से ऊँचा नहीं उड़ा जाता।
कर्मवाच्य से कर्तृवाच्य
Vachya में कर्मवाच्य से कर्तृवाच्य में मुख्य अंतर नीचे दिए गए हैं-
कर्मवाच्य
- बच्चे से कहानी सुनाई जाएगी।
- मां द्वारा मिठाई बनाई जाती है।
- रोहन से मूर्ति बनाई जाती है।
- निकिता द्वारा भोजन बनाया गया।
- गरीबों में जूते बांटे गए।
कर्तृवाच्य
- बच्चा कहानी सुनाएगा।
- मां मिठाई बनाती है।
- रोहन मूर्ति बनाता है।
- निकिता ने भोजन बनाया।
- गरीबों में जूते बाटें।
भाववाच्य से कर्तृवाच्य
Vachya में भाववाच्य से कर्तृवाच्य में मुख्य अंतर इस प्रकार हैं:
भाववाच्य
- बच्चे से खूब खिलखिलाया गया।
- हमसे रहा नहीं गया।
- हनी से हंसा जाता है।
- उससे रोया भी नहीं जा सका।
- सरिता से घर में सोया जाता है।
कर्तृवाच्य
- बच्चा खूब खिलखिलाया।
- हम रह नहीं पाए।
- हनी हंसता है।
- वह रो भी नहीं सकी।
- सरिता घर में सोती है।
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कर्मवाच्य और भाव वाच्य में अंतर
कर्मवाच्य तथा भाववाच्य दोनों ही अकर्तृवाच्य के भेद है। दोनो में अंतर केवल इस बात को लेकर है कि कर्मवाच्य वाले वाक्य में सकर्मक क्रिया का प्रयोग होता है। भाववाच्य वाले वाक्यों में अकर्मक क्रिया का प्रयोग होता है।
कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य
कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य में रूपान्तरण के लिए हमें निम्नलिखित कार्य करने चाहिए-
- कर्तृवाच्य के साथ लगी विभक्ति हटा दी जाती है और कर्त्ता कारक में करण कारक के चिह्न ‘से’या केद्वारा’ का प्रयोग करना चाहिए।
- कर्तृवाच्य की मुख्य क्रिया को समान्य भूतकाल की क्रिया में बदला जाता है। और जाना क्रिया के उचित रूप का प्रयोग किया जाता है।
- कर्म के साथ कोई परसर्ग हो तो उसे हटा दिया जाता है।
- कर्म को चिह्न-रहित करना चाहिए।
- क्रिया को कर्म के लिंग-वचन-पुरुष के अनुसार रखना चाहिए अर्थात कर्म प्रधान बनाना चाहिए।
कर्मवाच्य से कर्तृवाच्य बनाना
- कर्मवाच्य से कर्तृवाच्य में परिवर्तन के लिए निम्न बातों पर ध्यान देना चाहिए।
- भूतकाल की सकर्मक क्रिया रहने पर कर्म के लिंग, वचन के अनुसार क्रिया को रखना चाहिए।
- कर्त्ता के अपने चिह्न (०, ने) आवश्यकतानुसार लगाना चाहिए।
- यदि वाक्य की क्रिया वर्तमान एवं भविष्यत् की है तो कर्तानुसार क्रिया की रूप रचना रखनी चाहिए।
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कर्तृवाच्य से भाववाच्य
कर्तृवाच्य से भाववाच्य निम्नलिखित बिंदुंओ के आधार पर बनते है।
- क्रिया के साथ से विभक्ति चिह्न लगाया जाता है।
- क्रिया को सामान्य भूत काल में लाकर उसके साथ काल के अनुसार ‘जाना’ क्रिया रूप जोड़ा जाता है।
- कर्त्ता के साथ से/द्वारा चिह्न लगाकर उसे गौण किया जाता है।
- मुख्य क्रिया को सामान्य क्रिया एवं अन्य पुरुष पुल्लिंग एकवचन में स्वतंत्र रूप में रखा जाता है।
- भाववाच्य में प्रायः अकर्मक क्रियाओं का ही है।
- क्रिया को एकवचन, पुल्लिंग और अन्य पुरुष में परिवर्तित कर दिया जाता है।
- हिंदी में निषेधात्मक अधिंकाश्त: भाववाच्य का ही प्रचलन है। अन्य भाववाच्य प्रचलन के ही बराबर है।
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क्रिया के प्रयोग
क्रिया के पुरुष, लिंग और वचन कहीं-कहीं कर्त्ता के अनुसार होते हैं, कहीं कर्म के अनुसार और कहीं इन दोनों में से किसी के अनुसार भी नहीं होते। क्रिया का प्रयोग तीन तरह से होता है –
- कर्तृ प्रयोग – श्याम किताब पढ़ेगा।
- कर्मणि प्रयोग – श्याम को किताब पढ़नी पड़ेगी (होगी)।
- भावे प्रयोग – श्याम से अब पढ़ा नहीं जाएगा।
कर्तृ प्रयोग
जिसमें क्रिया के पुरुष, लिंग और वचन कर्त्ता के अनुसार होते हैं, क्रिया के उस प्रयोग को ‘कर्तृ प्रयोग’ कहते हैं। इसमें वर्तमान काल और भविष्यत काल में कर्त्ता विभक्ति-चिन्ह रहित होता है। जैसे –
- चतुर्वेदी खत लिखता है।
- सुशीला फूल तोड़ेगी।
- रागिनी गीत गा रही है।
कर्मिणी प्रयोग
इसमें क्रिया के पुरुष और वचन कर्म के अनुसार होते हैं। कर्मिणी प्रयोग में कर्तृवाच्य में भूतकाल में कर्त्ता के साथ (ने) और कर्मवाच्य में सभी कालों में (से, के द्वारा) लगते हैं। इसमें कर्म के साथ ‘को’ विभक्ति-चिन्ह नहीं लगता। जैसे –
- सुरेश ने पुस्तक पढ़ी।
- सुशीला ने फूल तोड़ा।
- सौम्या फोटोग्राफी करती है।
भावे प्रयोग
इसमें क्रिया के पुरुष, लिंग और वचन कर्त्ता या कर्म के आश्रित नहीं होते, अपितु क्रिया सदा अन्य पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन में होती है। भाववाच्य की सभी क्रियाएँ भावे प्रयोग में आती हैं। जैसे –
- मयंक खुद को बहुत स्मार्ट समझ रहा था।
- मुकुल ने गाड़ी का बीमा नहीं करवाया।
- प्रशांत स्पीकर पर गाने सुनता है।
Vachya महत्त्वपूर्ण MCQs
(अ) मेरे द्वारा यह भाषा नहीं पढ़ी जा सकती
(ब) मुझसे यह भाषा नहीं पढ़ी जा सकेगी
(स) इस भाषा को मेरे द्वारा पढ़ पाना मुश्किल है
(द) मैं यह भाषा नहीं पढूंगा
उत्तर: (ब)
’भगवान हमारी रक्षा करते हैं।’
(अ) कर्मवाच्य
(ब) भाववाच्य
(स) कर्तृवाच्य
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर: (स)
(अ) क्या तुम्हारे द्वारा खाना खा लिया गया है ?
(ब) क्या तुमसे खाना खाया जाता है ?
(स) खाने को तुमने खा लिया क्या ?
(द) क्या तुमने खाना खाया ?
उत्तर: (अ)
’नानी के द्वारा कहानी सुनाई गई।’
(अ) कर्तृवाच्य
(ब) कर्मवाच्य
(स) भाववाच्य
(द) अन्य
उत्तर: (ब)
(अ) गीत को गायिका द्वारा गाया जा रहा है
(ब) गायिका ने गीत गाया
(स) गायिका से गीत गाया जाता है
(द) गायिका गीत गा रही है
उत्तर: (द)
’अब मुझसे चला नहीं जाता।’
(अ) भाववाच्य
(ब) कर्तृवाच्य
(स) कर्मवाच्य
(द) अन्य
उत्तर: (अ)
(अ) पक्षी के द्वारा उड़ा जाता है
(ब) पक्षी उड़ रहा है
(स) पक्षी उड़
(द) उड़ने का कार्य पक्षी द्वारा किया जाता है
उत्तर: (ब)
पुलिस के द्वारा डाकू पकड़ा गया।
(अ) पुलिस से डाकू पकड़ा गया
(ब) पुलिस को डाकू ने पकड़ा
(स) पुलिस ने पकड़ा डाकू को
(द) पुलिस ने डाकू को पकड़ा
उत्तर: (द)
(अ) रमेश सब्जी खरीद रहा था
(ब) रमेश ने सब्जी खरीदी
(स) सब्जी रमेश के द्वारा खरीदी गई
(द) रमेश सब्जी खरीद रहा है
उत्तर: (अ)
’मैं अब चल नहीं सकता।’
(अ) मुझसे अब नहीं चला जाता
(ब) अब मैं और नहीं चल सकता
(स) मैं नहीं चल सकता
(द) मेरे से चला नहीं जाता
उत्तर: (अ)
(अ) मालती खाना खाती है
(ब) रमेश खाना खा सकता है
(स) हिमेश से दौङा नहीं जाता
(द) रक्षा दौङ नहीं सकती
उत्तर: (स)
’पक्षी आकाश में उड़ते हैं।’
(अ) कर्तृवाच्य
(ब) कर्मवाच्य
(स) भाववाच्य
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर: (अ)
(अ) राम खाना खाता है
(ब) धावकों से दौड़ा नहीं गया
(स) किसानों द्वारा फसल काट ली गई है
(द) बच्चे घर जा रहे हैं
उत्तर: (स)
(अ) कर्मवाच्य
(ब) कर्तृवाच्य
(स) भाववाच्य
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर: (ब)
(अ) महेश स्कूल से आ रहा है
(ब) अखबार पढ़े जाते हैं
(स) माली बगीचे में फूल तोङ रहा है
(द) कुत्ता सारी रात भौंकता रहा
उत्तर: (ब)
(अ) भाववाच्य
(ब) कर्तृवाच्य
(स) कर्मवाच्य
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर: (अ)
(अ) भाव वाच्य
(ब) कर्मवाच्य
(स) कर्तृवाच्य
(द) कोई नहीं
उत्तर: (ब)
(अ) चिट्ठी भेजी गई
(ब) लड़का पुस्तक पढ़ता है
(स) श्याम चिट्ठी लिखेगा
(द) लड़का दौड़ रहा था
उत्तर: (अ)
(अ) कर्मवाच्य
(ब) भाववाच्य
(स) कर्तृवाच्य
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (स)
(अ) वह बाजार जा रहा है
(ब) बालक खेल रहा है
(स) मुझसे अब चला नहीं जाता
(द) मैं पुस्तक पढ़ रहा हूं
उत्तर: (स)
FAQs
वाच्य के 3 भेद हैं, जो इस प्रकार हैं:
1. कर्तृवाच्य
2. कर्मवाच्य
3. भाववाच्य
कर्म के साथ कोई परसर्ग हो तो उसे हटा दिया जाता है। कर्तृवाच्य की मुख्य क्रिया को सामान्य भूतकाल में परिवर्तित किया जाता है। परिवर्तित क्रिया के साथ ‘जाना’ क्रिया का काल, पुरुष, वचन और लिंग के अनुसार जो रूप हो, उसे जोड़कर साधारण क्रिया को संयुक्त क्रिया में बदला जाता है।
सरल शब्दों में – क्रिया के जिस रूप में कर्म प्रधान हो, उसे कर्मवाच्य कहते हैं या जहाँ क्रिया का संबंध सीधा कर्म से हो तथा क्रिया का लिंग तथा वचन कर्म के अनुसार हो, उसे कर्मवाच्य कहते हैं। मीरा ने दूध पीया। मीरा ने पत्र लिखा।
मोटे व्यक्ति से भागा नहीं जाता है, सुमित से दौड़ा नहीं जाता, चमगादड़ों द्वारा रात में सोया नहीं जाता है, इस मरीज़ द्वारा प्रतिदिन नहीं नहाया जाता है, इन महात्माओं द्वारा तख़्त पर सोया जाता है, हमारे द्वारा गर्मियों में छत पर सोया जाता है, दादा जी द्वारा पार्क में टहला जाता है, पक्षियों द्वारा सवेरे-सवेरे आकाश में उड़ा जाता है, गर्मियों में हमारे द्वारा खूब नहाया जाता है, पक्षियों द्वारा घोंसले में सोया जाता है आदि
वक्ता के कहने का ढंग वाच्य कहलाता है।
जिस वाक्य में कर्ता मुख्य हो और क्रिया कर्ता के लिंग, वचन एवं पुरूष के अनुसार हो, उसे कर्तृवाच्य कहते हैं।
आशा करते हैं कि इस ब्लॉग से आपको vachya के बारे में जानकारी मिली होगी। ऐसे ही ने महत्वपूर्ण और रोचक ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहिए।
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मोहन से क्रिकेट नहीं खेला जाता।
में कौन सा वाच्य है-
इस वाक्य में भाववाच्य है। हमारे वेबसाइट पर बनें रहने और ब्लॉग पढ़ें के लिए आपका आभार।
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मोहन से क्रिकेट नहीं खेला जाता।
में कौन सा वाच्य है
इस वाक्य में भाववाच्य है। हमारे वेबसाइट पर बनें रहने और ब्लॉग पढ़ें के लिए आपका आभार।