UPSC का एग्जाम भारत का सबसे बड़ा एग्जाम माना जाता है। हर साल एक बड़ी संख्या में कैंडिडेट्स UPSC के लिए आवेदन करते हैं॥ ऐसा बोला भी जाता है कि भारत में नौकरी तो बस एक ही है, बाकी सब तो नौकरी ही हैं। आईएएस अफसर का रुतबा अलग ही होता है। अगर आप भी UPSC की तैयारी कर रहे हैं तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। केंद्र सरकार UPSC एग्ज़ाम्स के बारे में एक बड़ा फैसला लेने जा रही है। पूरी जानकारी नीचे दी जा रही है।
आईएएस अधिकारियों की संख्या बढ़ाने की सिफारिश की गई
केंद्र सरकार इस समय आईएएस अधिकारियों की आवश्यक संख्या से आधे से भी कम आईएएस अधिकारियों के साथ काम कर रही है। इस समय देश में केवल 442 आईएएस अधिकारी काम कर रहे हैं जबकि कुल स्वीकृत पदों की संख्या 1469 है। इसके अलावा देश में आईएएस अधिकारियों के 1472 पद ऐसे हैं जिन पर अभी तक कोई नियुक्ति नहीं की गई है। UPSC एग्जाम के जरिये हर साल 180 आईएएस अधिकारियों की भर्ती की जाती है। संसदीय समिति के द्वारा इन आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति की संख्या बढ़ाए जाने की सिफ़ारिश की गई है।
UPSC एग्जाम प्रोसेस 6 महीने में पूरा हो
संसदीय समिति की बैठक में UPSC के एग्जाम की प्रक्रिया को 6 महीने के भीतर पूरा कर लिए जाने की शिफारिश की गई है। समिति के द्वारा शिफारिश की गई है कि UPSC की परीक्षा की प्रक्रिया को पूरा होने में लगभग डेढ़ साल का समय लग जाता है, जो कि काफी लंबा है और इसे कम किए जाने की जरूरत है। UPSC का नोटिफिकेशन जारी होने से लेकर फाइनल रिज़ल्ट आने तक 15 महीने का समय लग जाता है। समिति का कहना है कि UPSC एग्जाम प्रोसेस 6 महीने के भीतर पूरा हो जाना चाहिए।
जल्दी जारी की जाए UPSC प्रीलिम एग्जाम की आन्सर की
संसदीय समिति द्वारा UPSC एग्ज़ाम की आन्सर की जल्दी जारी किए जाने की भी सिफ़ारिश की गई है। समिति का कहना UPSC प्रीलिम एग्जाम की आन्सर की एग्जाम होने के कुछ समय के बाद ही जारी कर दी जानी चाहिए। अभी प्रीलिम एग्जाम की आन्सर की फाइनल एग्जाम हो जाने के बाद जारी की जाती है।