प्रमुख सुर्खियां
- वर्ष 2022 में केंद्रीय मत्रिमंडल ने न्यायाधीश रोहिणी आयोग को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के उप वर्गीकरण की जांच करने और 31 जनवरी 2023 तक इस मामले में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा था।
- इस आयोग को बाराह सप्ताह के भीतर ही अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को दी थी।
अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के बारे में मुख्य पॉइंट्स
- 2 अक्टूबर 2017 को राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद संविधान के अनुच्छेद 340 के तहत इस आयोग का गठन किया गया था।
- इस आयोग को रोहिणी आयोग भी कहा जाता है।
- वर्ष 2015 में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिश पर अधिक पिछड़ा वर्ग और अत्यंत पिछड़े वर्गों को अन्य पिछड़ा वर्ग के रूप में चिन्हित किया गया।
अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) आयोग के कार्य
- केंद्रीय OBC लिस्ट में विभिन्न जातियों के बीच आरक्षण लाभों के आसमान वितरण की जाँच करना।
- अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण से सम्बंधित मापदंड तैयार करना।
- व्यापक डाटा कवरेज हेतु विभिन्न जातियों/उपजातियों की पहचान करना।
- किसी भी तरह के दोहराव, अस्पष्टता एवं वर्तनी संबंधी गलतियों का अध्ययन करना एवं उनके सुधार के सम्बन्ध में केंद्र सरकार से सिफारिश करना।
वर्तमान में OBC आरक्षण की स्थिति
- केंद्र सरकार के द्वारा अनुच्छेद 16 (4) के तहत यूनियन सिविल पदों और सेवाओं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27% सीटें आरक्षित की गई हैं।
- वर्ष 2008 में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग के मध्य क्रीमी लेयर को बाहर रखने का आदेश दिया गया था।
- वर्ष 2018 में 102वें संविधान संशोधन अधिनियम के तहत राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया।
- इससे पहले राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत एक वैधानिक निकाय के रूप में कार्य करता था।
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