UPSC यानी संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा व्यवस्था में बदलाव की तैयारी कर रहा है। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि यूपीएससी परीक्षाओं में नकल और धोखेबाज़ी को रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की मदद से सकता है।
इन सुविधाओं की मदद ले सकती है यूपीएससी
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यूपीएससी फिंगर प्रिंट आधारित तकनीक को नकल रोकने के लिए प्रयोग में लाने पर विचार कर रहा है। इसके अतिरिक्त एआई इस्तेमाल करने वाले AI के इस्तेमाल वाले CCTV, ई-एडमिट कार्ड्स की स्कैनिंग की QR कोड स्कैनिंग भी तकनीक में शामिल हैं। इससे उम्मीदवार की जगह किसी और व्यक्ति के पेपर देने जैसी धोखाधड़ी की घटनाओं पर रोक लगेगी।
पूजा खेडकर की घटना के बाद आयोग ने बढ़ाई सख्ती
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अभी आयोग की ओर से इन सेवाओं के लिए टेंडर जारी किए गए हैं। आयोग की ओर से यह फैसला हाल ही में सामने आए पूजा खेड़कर मामले के बाद लिया गया है। बता दें कि महाराष्ट्र कैडर की आईएएस अधिकारी पूजा खेड़कर का गलत आय सर्टिफिकेट और दिव्यांग सर्टिफिकेट दिखाने के बाद आईएएस ऑफिसर बनने वाले मामले के सामने आने के बाद आयोग की काफी आलोचना हुई थी।
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क्या है पूजा खेड़कर मामला
पूजा खेडकर पर नॉन क्रीमी लेयर और ओबीसी वर्ग के नकली दस्तावेज़ लगाने का आरोप लगा है। इसके अलावा पुणे के डीएम की ओर से खेड़कर के बुरे व्यवहार की भी शिकायत की गई थी। इसके बाद यह मामला मीडिया में आ गया और आयोग को इसके लिए जाँच बैठानी पड़ी। फिलहाल पूजा खेडकर की ट्रेनिंग रोक दी गई है और उन्हें ट्रेनिंग से वापस बुला लिया गया है। इसके अलावा यूपीएससी ने उनके खिलाफ जालसाज़ी की धाराओं के अंतर्गत एफआईआर भी दर्ज़ करा दी है। फ़िलहाल दिल्ली पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
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