UPSC 2023:Vishwakarma yojana UPSC in Hindi: UPSC मेंस के लिए विश्वकर्मा योजना टॉपिक पर महत्वपूर्ण शॉर्ट नोट्स 

1 minute read
 Vishwakarma yojana UPSC in Hindi

UPSC मेंस एग्जाम के लिए Vishwakarma yojana UPSC in Hindi एक बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक माना जाता है। इस साल इससे UPSC मेंस के पेपर में Vishwakarma yojana UPSC in Hindi से  सम्बंधित प्रश्न पूछे जाने की उम्मीद जताई जा रही है। वर्तमान समय को देखते हुए इस विषय की प्रासंगिता और भी बढ़ जाती है। यहाँ Vishwakarma yojana UPSC in Hindi से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण शॉर्ट नोट्स दिए जा रहे हैं। ये नोट्स छोटे हैं इसलिए याद करने में आसान हैं।  

मुख्य सुर्खियां 

  • भारत के 76वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जनता को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने देश में कारीगरों और महिला स्वयं सेवा समूहों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से Vishwakarma yojana UPSC in Hindi की घोषणा की है।  
  • इसका उद्देश्य कारीगरों की व्यापार में मदद करना और देश में रोजगार के नए अवसर पैदा करना है। 
  • इस योजना का नाम दिव्य वास्तुकार और शिल्पकार विश्वकर्मा के नाम पर रखा गया है।  

यह भी पढ़ें : UPSC 2023 : Tropical cyclone UPSC in Hindi : UPSC मेंस के लिए उष्णकटिबंधीय चक्रवात टॉपिक पर महत्वपूर्ण शॉर्ट नोट्स 

विश्वकर्मा योजना के बारे में : 

यहाँ  Vishwakarma yojana UPSC in Hindi के बारे में बताया जा रहा है : 

  • विश्वकर्मा योजना देश में पारम्परिक शिल्प कारीगरों के लिए शुरू की गई एक अग्रणी योजना है।  
  • इस योजना में नामांकित कारीगरों और शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा सर्टिफिकेट और एक आईडी कार्ड दिया जाएगा।  
  • ये कारीगर 5% की रियायती ब्याज दर पर 1 लाख रुपए (पहली किश्त) और 2 लाख रुपए (दूसरी किश्त) तक की संपार्श्विक-मुक्त ऋण सहायता के लिये भी पात्र होंगे।
  • विश्वकर्मा योजना के लिए वर्ष 2023 – 2024 से लेकर वर्ष 2027 – 2028 तक 15,000 करोड़ रूपए का बजट आवंटित किया गया है।  
  • इस योजना के तहत कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए शिल्पकारों को सरकार की ओर से सहायता के रूप में 500 रूपए और उपकरणों की खरीद के लिए 1500 रूपए महीने तक प्रदान किए जाएंगे।  

यह भी पढ़ें : UPSC 2023:UPSC मेंस के लिए धारा 370 टॉपिक पर महत्वपूर्ण शॉर्ट नोट्स 

विश्वकर्मा योजना की विशेषताएं 

यहाँ  Vishwakarma yojana UPSC in Hindi की विशेषताओं के बारे में बताया जा रहा है :

  • इस योजना में ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में 18 पारम्परिक व्यापारों को शामिल किया गया है। 
  • इसके अंतर्गत बढ़ई, नाव तैयार करने वाले कारीगर, कुम्हार, लोहार, मूर्तिकार, मोची और दरजी आदि कार्मिकों को लाभ प्रदान किया जाएगा।  
  • यह योजना मुख्य रूप से अन्य पिछड़ा वर्ग को लक्ष्य करके शुरू के गई है।  
  • इस योजना में केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों साथ मिलकर काम करेंगे।  
  • इस योजना का एक अन्य लक्ष्य कारीगरों की आय को घरेलु एवं वैश्विक दोनों मूल्य श्रृंखलाओं में एकीकृत करना है।  इससे के सामन की बाज़ार तक पहुँच बढ़ेगी।  
  • इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के लिए गांवों में बने सामान्य सेवा केंद्रों पर संपर्क किया जा सकता है।  

यह भी पढ़ें : 19 अगस्त का इतिहास (19 August Ka Itihas) – वर्ष 2004 में आज ही के दिन बाजार में अपने शेयर लाई थी सबसे बड़ी इंटरनेट कंपनी गूगल

ऐसे ही अन्य इंडियन एग्ज़ाम अपडेट्स के लिए Leverage Edu के साथ जुड़े रहें।  

Leave a Reply

Required fields are marked *

*

*