UPSC मेंस एग्जाम के लिए National Education Policy UPSC in Hindi एक बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक माना जाता है। इस साल इससे UPSC मेंस के पेपर में National Education Policy UPSC in Hindi से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाने की उम्मीद जताई जा रही है। वर्तमान समय को देखते हुए इस विषय की प्रासंगिता और भी बढ़ जाती है। यहाँ National Education Policy UPSC in Hindi से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण शॉर्ट नोट्स दिए जा रहे हैं। ये नोट्स छोटे हैं इसलिए याद करने में आसान हैं।
प्रमुख सुर्खियां
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति की शुरुआत जुलाई 2020 में की गई थी।
- इसका उद्देश्य शिक्षा में सुधार लाना और शिक्षा के नए तरीकों को भारतीय शिक्षा में लागू करना है।
- इसी क्रम में मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत वर्ष 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% GER के साथ-साथ पूर्व-विद्यालय से माध्यमिक स्तर तक शिक्षा के सार्वभौमिकरण का लक्ष्य रखा गया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
National Education Policy UPSC in Hindi से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें इस प्रकार हैं :
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 5 + 3 + 3 + 4 डिज़ाइन वाले शैक्षणिक संरचना का प्रस्ताव किया गया है जो 3 से 18 वर्ष की आयु वाले बच्चों को शामिल करता है।
- पाँच वर्ष की फाउंडेशनल स्टेज (Foundational Stage) – 3 साल का प्री-प्राइमरी स्कूल और ग्रेड 1, 2
- तीन वर्ष का प्रीपेट्रेरी स्टेज (Prepatratory Stage)
- तीन वर्ष का मध्य (या उच्च प्राथमिक) चरण – ग्रेड 6, 7, 8 और
- 4 वर्ष का उच (या माध्यमिक) चरण – ग्रेड 9, 10, 11, 12
- NEP 2020 के तहत HHRO द्वारा ‘बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान पर एक राष्ट्रीय मिशन’ (National Mission on Foundational Literacy and Numeracy) की स्थापना का प्रस्ताव किया गया है। इसके द्वारा वर्ष 2025 तक कक्षा-3 स्तर तक के बच्चों के लिये आधारभूत कौशल सुनिश्चित किया जाएगा।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत नियमित रूप से खेल-कूद, योग, नृत्य, मार्शल आर्ट को स्थानीय उपलब्धता के अनुसार प्रदान करने की कोशिश की जाएगी ताकि बच्चों का शारीरिक स्वास्थ्य भी अच्छा रह सके।
- इस नीति में नए सुधारों के तहत कला और विज्ञान, व्यावसायिक तथा शैक्षणिक विषयों एवं पाठ्यक्रम व पाठ्येतर गतिविधियों के बीच बहुत अधिक अंतर नहीं होगा।
- कक्षा 6 से ही सिलेबस में कॉमर्शियल एजुकेशन को शामिल कर लिया जाएगा और उसमें इंटर्नशिप का प्रावधान भी रखा जाएगा।
- बच्चों के पूर्ण विकास के लिए कक्षा 10 और 12 की बोर्ड क्लासेस में बदलाव किया जाएगा। इसमें सेमेस्टर और MCQ को जोड़ने की व्यवस्था की जाएगी।
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति का महत्व
National Education Policy UPSC in Hindi का महत्व नीचे बिंदुओं में समझाया गया है :
- बदलते समय और वैश्वीकरण के कारण प्राचीन शिक्षा पद्धति को बदलना आवश्यक था।
- एजुकेशन क्वालिटी, नवाचार और शोध को बढ़ावा देने के लिए नई शिक्षा पद्धति विकसित करना ज़रूरी था।
- भारतीय शिक्षा व्यवस्था को वैश्विक मानकों के मुताबिक़ बनाए रखने के लिए एक नई शिक्षा नीति परम आवश्यक थी।
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा में किए गए बदलाव
National Education Policy UPSC in Hindi के तहत उच्च शिक्षा में निम्नलिखित बदलाव किए गए हैं :
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) में देश भर के उच्च शिक्षा संस्थानों के लिये एक एकल नियामक अर्थात् भारतीय उच्च शिक्षा परिषद (Higher Education Commision of India-HECI) की परिकल्पना की गई है जिसमें विभिन्न भूमिकाओं को पूरा करने हेतु कई कार्यक्षेत्र होंगे।
- भारतीय उच्च शिक्षा आयोग चिकित्सा एवं कानूनी शिक्षा को छोड़कर पूरे उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिये एक एकल निकाय (Single Umbrella Body) के रूप में कार्य करेगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति से जुड़ी अन्य विशेष बातें
National Education Policy UPSC in Hindi से जुड़ी अन्य विशेष बातें :
- देश में क्षमता निर्माण हेतु केंद्र सरकार सभी छात्रों और ट्रांसजेंडर्स स्टूडेंट्स को एक समान गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करेगी।
- 8 वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिए प्राइमरी एजुकेशन के ढाँचे को NCERT के द्वारा तैयार किया जाएगा।
- आकांक्षी जिले (Aspirational districts) जैसे क्षेत्र जहाँ बड़ी संख्या में आर्थिक, सामाजिक या जातिगत बाधाओं का सामना करने वाले छात्र पाए जाते हैं, उन्हें ‘विशेष शैक्षिक क्षेत्र’ (Special Educational Zones) के रूप में नामित किया जाएगा।
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