Amrit Dharohar Scheme UPSC in Hindi : UPSC 2023 : UPSC मेंस के लिए अमृत धरोहर स्कीम टॉपिक पर महत्वपूर्ण शॉर्ट नोट्स 

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Amrit Dharohar Scheme UPSC in Hindi

UPSC मेंस एग्जाम के लिए Amrit Dharohar Scheme UPSC in Hindi एक बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक माना जाता है। इस साल इससे UPSC मेंस के पेपर में Amrit Dharohar Scheme UPSC in Hindi से  सम्बंधित प्रश्न पूछे जाने की उम्मीद जताई जा रही है। वर्तमान समय को देखते हुए इस विषय की प्रासंगिता और भी बढ़ जाती है। यहाँ Amrit Dharohar Scheme UPSC in Hindi से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण शॉर्ट नोट्स दिए जा रहे हैं। ये नोट्स छोटे हैं इसलिए याद करने में आसान हैं।  

मुख्य सुर्खियां 

  • जैव विविधता जिसमें पृथ्वी पर जीवन की सम्पूर्ण विविधता मिली हुई है, इसके भविष्य के लिए परम आवश्यक है।  मॉन्ट्रियल, कनाडा (2022) में आयोजित यूनाइटेड नेशंस की कॉन्फ्रेंस में इस जैविक सभ्यता के महत्व पर चर्चा की गई।  
  • भारत विश्व की जनसंख्या का 17 प्रतिशत और जैव विविधता का 17% रखे हुए है।  इस हिसाब से भारत जैव विविधता में विश्व में सबसे अग्रणी देश बन जाता है।  
  • 30% जैव विविधता के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए भारत को जैव विविधता अनुकूल प्रबंधन (Biodiversity Friendly Management) को लेकर चलने की ज़रुरत है।  

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अमृत धरोहर योजना क्या है? 

अमृत धरोहर योजना का लक्ष्य है कि यह आर्द्रभूमि के इष्टतम उपयोग को प्रोत्साहित करके जैव विविधता, पर्यावरण पर्यटन और कार्बन स्टॉक के अवसरों और स्थानीय लोगों के लिए आय के साधनों को प्रोत्साहित करेगा।  

जैव विविधता संरक्षण के मार्ग में आने वाली चुनौतियाँ 

यहाँ जैव विविधता संरक्षण के मार्ग में आने वाली चुनौतियों के बारे में चर्चा की गई है : 

  • जलवायु परिवर्तन : बढ़ते तापमान और वर्षा चक्र में बदलाव आने के कारण पारिस्थितिक तंत्र प्रभावित हो रहा है।  इस कारण से कई वन्य प्रजातियों के व्यवहार में परिवर्तन देखा जा रहा है।  
  • जागरूकता की कमी : लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता की कमी है।  लोग नदियों, पर्यायवरण और पेड़ों को काटने से पहले नहीं सोचते।  
  • बढ़ता प्रदूषण : बढ़ते प्रदूषण के कारण हवा, जल, भूमि और वन्य जीवों  को  हानि पहुँचती है।
  • प्राकृतिक संसाधनों का दोहन : अत्यधिक मत्स्यग्रहण, शिकार और लकड़ी एवं अन्य वन उत्पादों की प्राप्ति के रूप में प्राकृतिक संसाधनों का निरंतर दोहन प्रजातियों की गिरावट या विलुप्ति का कारण बन सकता है।
  • निर्धनता और असमानता : निर्धनता और असमानता के कारण लोग जीवन यापन के लिए प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करने के लिए मजबूर हो जाते हैं जिसके कारण प्रकृति को नुकसान पहुँचता है। उदाहरण के लिए गरीबी के कारण लोग  गैस सिलेंडर उपयोग नहीं करते जिसके विकल्प के रूप में लकड़ी के चूल्हे का इस्तेमाल करते हैं। इस कारण से भारी मात्रा में वनों का कटाव किया जाता है।  

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जैव विविधता को संरक्षित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम 

जैव विविधता को संरक्षित करने के लिए सरकार द्वारा कुछ योजनाएँ चलाई गई हैं : 

  • बजट 2023 में हरित विकास प्राथमिकता: केंद्रीय बजट 2023 में ‘हरित विकास’ (Green Growth) का उल्लेख सात प्राथमिकताओं या ‘सप्तऋषि’ में से एक के रूप में किया गया है।
  • हरित ऋण कार्यक्रम : इसका लक्ष्य कंपनियों और लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना है।  
  • हरित भारत के लिए राष्ट्रीय मिशन : इस योजना का ध्येय  निम्नीकृत मृदा पर वन आवरण को प्रोत्साहित करना और वर्तमान वन भूमि को संरक्षित करना है।  

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