काउंसिलर स्कूलों को बेहतर बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार लखनऊ और बाराबंकी की प्राथमिक सड़कों पर स्थित दस स्कूलों को अपग्रेड करने की योजना बना रही है। वहीं इन स्कूलों को ‘डेमो स्कूल’ के रूप में नामित करने की भी योजना बना रही है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘डेमो स्कूल’ एक शोकेस के रूप में काम करेगा, जो विभिन्न राज्यों और विदेशों से आने वाले प्रतिनिधियों और मेहमानों को उत्तर प्रदेश में स्कूलों द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी देगा।
57 जिलों के लिए है यह योजना
सरकार की योजना 57 जिलों में उन्नत सुविधाएं प्रदान करते हुए मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट स्कूल स्थापित करने की है। सीएम योगी ने हाल ही में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को लखनऊ और बाराबंकी की मुख्य सड़कों पर स्कूलों की पहचान करने और उन्हें अपग्रेड करने का निर्देश दिया।
योजना के अनुसार, इन स्कूलों के लिए चयन प्रक्रिया में प्रेरणा पोर्टल के उपयोग के साथ-साथ ग्राउंड टेस्टिंग और जियो-टैगिंग तकनीक का उपयोग करके व्यापक अंतर विश्लेषण करना शामिल होगा।
स्वच्छता स्टैंडर्ड्स और स्कूल कैंपस की सुरक्षा पर भी होगा ध्यान
इसके अलावा, ये स्कूल अनुकरणीय प्रदर्शन (exemplary performance) स्कूलों के रूप में काम करेंगे, जो न केवल व्यापक शैक्षिक सुविधाएं प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे, बल्कि स्वच्छता स्टैंडर्ड्स को बनाए रखने और स्कूल कैंपस की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर भी ध्यान केंद्रित करेंगे।
कंप्यूटर लैब, लैंग्वेज लैब और स्मार्ट क्लासरूम के अलावा, इन स्कूलों में मॉड्यूलर साइंस लैब, रोबोटिक्स और मशीन लर्निंग लैब और वाई-फाई कनेक्टिविटी से लैस परिसरों जैसी समकालीन सुविधाएं होंगी।
स्कूलों को प्रदर्शन संस्थानों के रूप में स्थापित किया जाएगा और इसमें एक समर्पित टीचिंग लैब शामिल होगी। ये स्कूल विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के लिए प्रदर्शन के रूप में काम करेंगे।
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