UP बोर्ड के विद्यार्थियों के लिए टॉप 5 वोकेशनल कोर्सेस

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UP Board ke vidyarthiyo ke liye top 5 vocational courses

दिनांक 25.4. 2023 को UP बोर्ड के द्वारा  कक्षा 10वीं और 12वीं का रिज़ल्ट जारी कर दिया गया है।  12वीं के बाद सबसे बड़ी दुविधा स्टूडेंट्स के सामने यही होती है कि वे 12वीं के बाद किस कोर्स में एडमिशन लें कि उनका करियर अच्छा बन सके।  यहाँ UP बोर्ड के विद्यार्थियों के लिए टॉप 5 वोकेशनल कोर्सेस की लिस्ट दी जाए रही है।  इन कोर्सेस को करने के बाद आप अपने करियर को एक बेहतर रफ़्तार दे सकेंगे और भविष्य में करियर ग्रोथ के नए अवसर पैदा होंगे।  

UP बोर्ड के विद्यार्थियों के लिए टॉप 5 वोकेशनल कोर्सेस  की लिस्ट 

UP बोर्ड के विद्यार्धियों 12वीं के बाद किए जाने वाले टॉप 5 वोकेशनल कोर्सेस की लिस्ट इस प्रकार है : 

  • डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर : इस कोर्स के लिए नौकरी की संभावनाएं बहुत अधिक मांग में हैं। डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर और ग्रेजुएट किए हुए छात्र, देश में सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में रोजगार पा सकते हैं। कृषि को सदाबहार उद्योगों में से एक माना जाता है जिसके साथ कोई भी काम कर सकता है। उम्मीदवार के लिए नौकरी के कुछ रास्ते कृषि अधिकारी, कृषि वैज्ञानिक और कृषि विश्लेषक हैं। कृषि में भी स्वरोजगार अपना सकते हैं।

डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर का कोर्स प्रदान करने वाले कॉलेजों/विश्वविद्यालयों की फीस इनके आधार पर भिन्न हो सकती है, औसत कोर्स फीस INR 5,000-1 लाख प्रति वर्ष तक हो सकती है। ज्यादा जानकारी के लिए कॉलेज या यूनिवर्सिटी से संपर्क कर सकते हैं।

  • सर्टिफिकेट इन डिजिटल प्रोडक्शन राइटिंग एंड डिज़ाइन : डिजिटल प्रोडक्शन राइटिंग 10 महीने का एक वोकेशनल कोर्स है जो छात्रों को विभिन्न मीडिया टूल्स जैसे ब्लॉग एवं सोशल मीडिया आदि के बारे में जानकारी देता है। यह कोर्स क्रिएटिविटी और तकनीक का एक संगम है।  इसके अंतर्गत वेब डिजानिंग और स्क्रिप्ट राइटिंग जैसी कलाएं भी सिखाई जाती हैं।  
  • डिप्लोमा इन परफॉर्मिंग आर्ट : यह कोर्स क्रिएटिव लोगों के लिए है।  अगर आपको नाटक और लेखन में रूचि है तो आप इस कोर्स को कर सकते हैं। इसमें लेखन और अभिनय से जुड़ी स्किल्स सिखाई जाती हैं।  
  • डिप्लोमा इन बायो मेडिकल साइंस : बायोमेडिकल साइंस में डिप्लोमा एक ऐसा कोर्स है जिसमें आप इस बारे में जानेंगे कि रोग मानव शरीर को कैसे प्रभावित करते हैं, हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली कैसे काम करती है और उन बीमारियों का इलाज खोजने की प्रक्रिया क्या है। बीएमएस मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी, मेडिकल फिजियोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, डेवलपमेंटल बायोलॉजी, सेल एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी, जीनोमिक्स और प्रोटिओमिक्स में एक मजबूत आधार प्रदान करता है। आप फोरेंसिक साइंस, मॉलिक्यूलर बायोलॉजी ऑफ डिजीज, फार्मास्युटिकल साइंस और क्लिनिकल ट्रायल के क्षेत्रों में रोमांचक ऐच्छिक मॉड्यूल का अनुसरण कर सकते हैं। 
  • डिप्लोमा इन मॉस कम्युनिकेशन : यह एक साल का कोर्स होता है, बैचलर डिग्री 3 बर्ष की होती है। इन दोनों कोर्स के लिए आवश्यक योग्यता किसी भी स्ट्रीम से 12वीं पास है। पीजी डिप्लोमा 1 साल और मास्टर डिग्री 2 साल की होती है। इन कोर्स के लिए आवश्यक क्वालिफिकेशन किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन होना जरूरी है। मास कम्युनिकेशन कोर्स की फीस हर कॉलेज या यूनिवर्सिटी की अलग- अलग होती है। फिलहाल प्राइवेट कॉलेज में मास कम्युनिकेशन कोर्सेस की फीस INR 50 हजार-1 लाख प्रतिबर्ष होती है। कुछ यूनिवर्सिटी में मास कम्युनिकेशन कोर्स सेमेस्टर पद्धति से होता है। वंहा पर सेमेस्टर के हिसाब से फीस पड़ती है। 1 साल में दो सेमेस्टर होते हैं। हर सेमेस्टर 6 माह का होता है। गवर्नमेंट कॉलेज या यूनिवर्सिटी में मास कम्युनिकेशन कोर्स की फीस 10 हजार से INR 15 हजार रुपये प्रति वर्ष होती है।

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