हर वर्ष 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाया जाता है और इस मौके पर बच्चों को सांता क्लाॅस के गिफ्ट का इतंजार रहता है, लेकिन एक समय हमारे मन में सवाल आता है कि क्या वास्तव में वह एक ही रात में दुनिया के हर बच्चे को क्रिसमस उपहार दे सकता है? हालांकि उनके गिफ्ट देने से पहले हमें उनकी कहानी के बारे में जानना चाहिए, जो कि इस ब्लाॅग Santa Claus Story in Hindi में विस्तार से बताई जा रही है।
त्योहार | क्रिसमस |
आयोजन दिवस | 25 दिसंबर, 2023 |
आयोजन का उद्देश्य | ईसा मसीह के जन्म का स्मरण और सांता क्लाॅस का स्मरण करना। |
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सांता क्लाॅस के बारे में
क्रिसमस और सांता क्लाॅस की परंपराओं से भरा एक लंबा इतिहास है। सांता क्लॉस को सेंट निकोलस या क्रिस क्रिंगल के नाम से भी जाना जाता है। आज के समय में सांता क्लाॅस को लाल रंग के कपड़ों में एक हंसते हुए व्यक्ति के रूप में माना जाता है जो क्रिसमस की पूर्व संध्या पर बच्चों के लिए खिलौने लाता है।
सांता क्लाॅस की कहानी
किसी भी बड़े नाम के पीछे उसकी कुछ न कुछ कहानी जरूर होती है जिसे जानना आवश्यक होता है। ऐसी ही कहानी है क्रिसमस पर सांता क्लाॅस के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले संत निकोलस की। संत निकोलस पर चर्चा करना उस समय जरूर हो जाता है जब हर वर्ष 25 दिसंबर को क्रिसमस के मौके पर बच्चों को गिफ्ट मिलने की बात आती है। अमीर परिवार में जन्म लेने वाले निकोलस के सांता क्लाॅस बनने की कहानी (Santa Claus Story in Hindi) यहां बताई जा रही है।
सांता का क्रिसमस : जन्म
इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार सांता निकोलस का जन्म 280 ई. के आसपास आधुनिक तुर्की में मायरा के निकट पटारा में हुआ था। सांता क्लॉस के माता-पिता की मृत्यु उस समय हो गई थी जब वह बहुत छोटे थे और उनका पालन-पोषण उनके चाचा ने किया था। ऐसा कहा जाता है कि सांता बहुत छोटी उम्र में ही पादरी बन गए थे।
सांता निकोलस के परिवार के बारे में कहा जाता है कि उनका परिवार काफी रईस था और उन्हें शुरुआत से ही दूसरों की मदद करना पसंद था और बच्चों को गिफ्ट देना पसंद था।
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निकोलस कैसे बने सांता क्लाॅस
क्रिसमस 336 ईस्वी में यीशु के जन्मदिन के सम्मान में मनाया जाता था, लेकिन शताब्दियों से सेंट निकोलस (सांता क्लॉस) के उत्सव के रूप में भी देखा जाता है। निकोलस हमेशा ही बच्चों को गिफ्ट देना पसंद करता था और बच्चों के चेहरों पर खुशियां लाते थे।
निकोलस के सांता बनने की कहानी भी काफी रोचक है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि सांता क्लाॅस ने एक गरीब व्यक्ति के घर के बाहर टंगे मोजे में सोने के सिक्के भरकर तीन बेटियों के जीवन में खुशियां बिखेर दी थीं और लोग तब से ही क्रिसमस पर अपने-अपने घरों के बाहर मोजे टांगते हैं।
तब से हंसमुख दिखने वाला सांता क्लाॅस के गिफ्ट देने की प्रथा लोकप्रिय होती गई और हम आज ये उत्सव यीशु का जन्म और संत निकोलस को याद करने के लिए मनाते हैं।
सांता के कपड़ों की कहानी
Santa Claus Story in Hindi : क्रिसमस पर गिफ्ट देने की अलग परंपरा के अनुसार सांता के कपड़ों की कहानी भी अलगा है। सांता की पोशाक या कपड़ों की कहानी सदियों से चलती आ रही है। कई लोगों का मानना है कि आज के चमकदार लाल सूट में सांता की पसंदीदा तस्वीर 1930 के दशक में कोका कोला द्वारा पेश की गई थी, हालांकि यह बिल्कुल सच नहीं है।
इसके अलावा यह कहा जाता है कि 1931 से सांता मुख्य रूप से लाल-सफेद कपड़ों में बड़ी-सी सफेद दाढ़ी और बालों वाले सांता क्लॉस आते हैं। कंधे पर गिफ्ट से भरी पोटली और हाथ में क्रिसमस बेल लिए सांता का इंतजार हर वर्ष बच्चे करते हैं।
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सांता के नाम की कहानी
सांता की पोशाक की तरह सांता के नाम की भी अपनी अलग कहानी है। बहुत समय पहले सांता को उनके साथी संत निकोलस के नाम से जानते थे क्योंकि वह दूसरों के प्रति बहुत दयालु थे। आज भी कुछ लोग सांता को उनके कई उपनामों में से संत निकोलस कहते हैं।
सांता क्लाॅस बनने से पहले इनका नाम सेंट निकोलस था। इसके अलावा कई देशों में सांता क्लाॅस को अलग नाम से जाना जाता है। ब्रिटेन में उन्हें ‘सेंट क्रिसमस’, ‘फादर क्रिसमस’ या ‘ओल्ड मैन क्रिसमस’ जाना जाता था। फ़्रांस में उन्हें ‘पेरे नोएल’ के नाम से जाना जाता था।
ऑस्ट्रिया और जर्मनी के कुछ हिस्सों में ‘क्राइस्टकाइंड’ या ‘क्राइस्टकिंडल’ के रूप में, संयुक्त राज्य अमेरिका में बसने वाले डच लोग सेंट निकोलस या ‘सिंटरक्लास’ के रूप में जानते हैं।
सांता के रेनडियर की कहानी
रेनडियर के बिना सांता क्लॉज़ की कल्पना नहीं की जा सकती थी। सांता के पास नौ रेनडियर डैशर, डांसर, प्रेंसर, विक्सेन, कॉमेट, क्यूपिड, डोनर, ब्लिटज़ेन और रूडोल्फ थे और वे उसकी स्लेज उड़ाने में उसकी मदद करते हैं ताकि वह उपहार दे सकें।
फ्रांस में इसलिए मनाया जाता है निकोलस दिवस
निकोलस की दरियादिली देखने के बाद सन 1200 से ही फ्रांस में 6 दिसंबर को निकोलस दिवस के रूप में मनाया जाने लगा, क्योंकि इतिहासकारों के मुताबिक, इसी दिन संत निकोलस यानि सांता क्लाॅस की मृत्यु हो गई थी। कहा जाता है कि सांता के पास आधिकारिक पायलट लाइसेंस है और 1927 में अमेरिकी सरकार ने ऑफिशियली सांता को पायलट का लाइसेंस जारी किया था।
सांता की सीख
सांता क्लाॅस की कहानी से हमे यह सीखने को मिलता है कि हमें एक-दूसरे के प्रति दयालुता का भाव रखना चाहिए और जरूरतमंदों की मदद इस तरह करनी चाहिए जैसे सांता का ‘हो हो हो’ खुशी व्यक्त करने का तरीका था। सांता की सीख से हमें प्रेरित होने के साथ ही हमेशा खुशहाल होने की ऊर्जा मिलती है।
सांता क्लाॅस के जीवन के बारे में रोचक तथ्य
Santa Claus Story in Hindi समझने के साथ सांता क्लाॅस के जीवन के बारे में रोचक तथ्य जानना जरूरी हैं, जोकि इस प्रकार बताए जा रहे हैंः
- संत निकोलस एक साधु थे जो गरीबों और बीमारों की सहायता के लिए ग्रामीण इलाकों की यात्रा करते थे।
- एक कहानी में दावा किया गया है कि उन्होंने अपनी संपत्ति का उपयोग तीन गरीब बहनों को दहेज देने के लिए किया, जिससे उन्हें उनके पिता द्वारा बेचे जाने से बचाया जा सके।
- जिस सांता क्लॉस को हम जानते हैं वह संत निकोलस के एक चरित्र से बाहर निकले।
- सांता क्लॉस या संत निकोलस मीरा के ग्रीक चर्च में एक समर्पित ईसाई थे।
- सांता क्लॉस आमतौर पर रेनडियर पर सवारी करते थे और अपनी सिग्नेचर धुन गुनगुनाते थे।
- यदि फिल्मों और किताबों पर विश्वास किया जाए, तो माना जाता है कि सांता क्लाॅस चिमनी या खिड़कियों के माध्यम से घर में प्रवेश करते हैं और क्रिसमस की पूर्व संध्या पर क्रिसमस ट्री के नीचे बच्चों के लिए उपहार छोड़ते हैं।
- सांता क्लॉस के कई अलग-अलग नाम हैं।
- सांता क्लॉस की उत्पत्ति सेंट निकोलस की कथा से हुई है जो आधुनिक तुर्की में रहते थे और सेंट निक के समय तुर्की के उस क्षेत्र में ग्रीक भाषा बोली जाती थी।
- सांता क्लॉस हर साल क्रिसमस की पूर्व संध्या पर बच्चों के लिए उपहार लाते हैं।
- कुछ देशों में बच्चे क्रिसमस के लिए उपहार और उपहारों की मांग करते हुए सांता क्लॉस को पत्र लिखते हैं।
FAQs
सांता क्लाॅस बच्चों को गिफ्ट देते हैं।
सांता क्लाॅस क्रिसमस के दिन या क्रिसमस के एक दिन पहले आते हैं।
संत निकोलस को असली सांता कहा जाता है।
क्रिसमस को 160 से अधिक देश मनाते हैं।
उम्मीद है कि इस ब्लाॅग Santa Claus Story in Hindi में आपको सांता क्लाॅस की कहानी के बारे में विस्तृत जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।