मदर टेरेसा, जिनका नाम सुनते ही मानवता, सेवा, और करुणा की भावना जाग उठती है। उन्होंने अपना पूरा जीवन निस्वार्थ सेवा जैसे गरीबों, बीमारों और असहायों की मदद करने के लिए समर्पित कर दिया था। इससे वह पूरी दुनिया में एक प्रेरणा बन गईं थी। उनके इन्हीं गुणों का सम्मान करने और स्कूल में बच्चों को अच्छी सीख देने के लिए मदर टेरेसा पर भाषण देने के लिए कहा जाता है, अगर आप अपने स्कूल में मदर टेरेसा पर भाषण देने के लिए तैयारी कर रहे हैं तो, ये लेख आपके लिए है। यहाँ Mother Teresa Speech in Hindi 100, 200 और 500 शब्दों में दिया गया है।
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100 शब्दों में ऐसे दें मदर टेरेसा पर भाषण
आप 100 शब्दों में मदर टेरेसा पर स्पीच (Mother Teresa Speech in Hindi) इस प्रकार दे सकते हैं –
नमस्कार दोस्तों!
आज हम बात करेंगे एक एक ऐसी महिला कि जिन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों और जरुरतमंदो की सेवा में समर्पित कर दिया। जिन्होंने मिशनरीज ऑफ चैरिटी नामक एक संस्थान के माध्यम से लाखों लोगों की जिंदगी बदल दी। यह महान महिला और कोई नहीं बल्कि मदर टेरेसा है। उनके इस संस्था ने अनगिनत गरीबों, बीमारों, अनाथों और जरूरतमंदों को सहारा दिया और उन्हें एक नया जीवन जीने का अवसर प्रदान किया। मदर टेरेसा की मेहनत और लगन ने लाखों लोगों की जिंदगी को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया। उनके द्वारा दी गई शिक्षा और कार्य हमे हमेशा प्रेरित करता रहेगा।
धन्यवाद !
200 शब्दों में ऐसे दें मदर टेरेसा पर भाषण
आप 200 शब्दों में मदर टेरेसा पर स्पीच (Mother Teresa Speech in Hindi) इस प्रकार दे सकते हैं –
नमस्कार दोस्तों!
आज हम सब यहाँ एक महान हस्ती, मदर टेरेसा को याद करने के लिए एकत्रित हुए हैं। मदर टेरेसा, एक ऐसी महिला थी जिन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा में समर्पित कर दिया। मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 में मैसेडोनिया गणराज्य की राजधानी स्कोप्जे में हुआ था। इनका वास्तविक नाम एग्नेस गोंझा बोयाजियु (Agnes Gonxha Bojaxhiu) था। 18 साल की उम्र में ही उन्होंने अपनी ज़िन्दगी को मानव सेवा के लिए समर्पित कर दिया और एक मिशनरी बनकर आयरलैंड चली गईं। बाद में, वे भारत आईं और 1950 में कोलकाता में “मिशनरीज ऑफ चैरिटी” की स्थापना की। उनके इस महान कार्य के लिए उन्हें 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वहीं 5 सितंबर 1997 को उनका निधन हो गया, लेकिन उनकी विरासत आज भी हमारे बीच जीवित है। उनके जीवन और कार्य से हमें यह सीख मिली कि करुणा और सेवा ही जीवन का सच्चा अर्थ है। उनके कार्यों ने हमें दिखाया कि एक व्यक्ति कितना बड़ा बदलाव ला सकता है। उनका जीवन आज भी हमें प्रेरित करता है कि हम अपने समाज के जरूरतमंद लोगों की सेवा के लिए आगे आएं।
धन्यवाद!
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500 शब्दों में ऐसे दें मदर टेरेसा पर भाषण
आप 500 शब्दों में मदर टेरेसा पर स्पीच (Mother Teresa Speech in Hindi) इस प्रकार दे सकते हैं –
स्पीच की शुरुआत में
नमस्कार दोस्तों!
नमस्कार मेरा नाम …….. है और मैं कक्षा ….. का/की छात्र/छात्रा हूँ। आज मैं यहाँ आप सभी को मदर टेरेसा के बारे में जानकारी देने के लिए आया हूँ/ आयी हूँ। मदर टेरेसा ने अपनी पूरी जिंदगी दूसरों की सेवा में समर्पित कर दिया। उन्होंने छोटी उम्र में ही यह समझ लिया था कि सच्चा सुख दूसरों की सेवा में है, और इसी उद्देश्य को लेकर उन्होंने मिशनरी का जीवन अपनाया।
मदर टेरेसा का प्रारंभिक जीवन
मदर टेरेसा का असली नाम एग्नेस गोंझा बोयाजियु था। उनका जन्म 26 अगस्त 1910 को मैसेडोनिया गणराज्य की राजधानी स्कोप्जे में हुआ था। उन्होंने अपने शुरूआती जीवन का अधिकांश समय चर्च में ही बिताया, जहाँ उन्होंने ईश्वर के प्रति गहरी आस्था और सेवा का पाठ सीखा। हालांकि, शुरू में उन्होंने नन बनने के बारे में नहीं सोचा था। वे एक सामान्य लड़की की तरह बड़ी हुईं, लेकिन उनके भीतर हमेशा से दूसरों की मदद करने की इच्छा थी। वे 18 वर्ष की उम्र में नन बनने के लिए आयरलैंड चली गईं और वहां से उन्हें भारत भेजा गया, जहाँ उन्होंने अपना जीवन गरीबों और बीमारों की सेवा में समर्पित किया। उनकी दयालुता के कारण ही, वे “मदर टेरेसा” के नाम से प्रसिद्ध हुईं, जिससे उन्हें पूरी दुनिया जानने लगी।
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मदर टेरेसा के कार्य
मदर टेरेसा ने अपना संपूर्ण जीवन गरीबों, बीमारों, और बेसहारा लोगों की सेवा में समर्पित कर दिया। उनके कार्यों की मुख्य बातें निम्नलिखित हैं:
- 1950 में, उन्होंने “मिशनरीज ऑफ चैरिटी” की स्थापना की। इस मुख्य उद्देश्य गरीब, बीमार, अनाथ लोगों की सेवा करना था। आज भी यह संस्था दुनियाभर में लोगों की सेवा कर रही है।
- मदर टेरेसा ने अपना अधिकांश जीवन कोलकाता में जरूरतमंद लोगों की सेवा में बिताया। उन्होंने बीमारों, अनाथों, और गरीब लोगों की मदद के लिए “निर्मल हृदय” नामक आश्रम की स्थापना की थी।
- इसके अलावा मदर टेरेसा ने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में भी अपना योगदान दिया। उन्होंने कई स्कूल, अस्पताल खोले, जहाँ गरीब और बेसहारा लोगों को मुफ्त शिक्षा और चिकित्सा सेवा प्रदान की गई।
- मदर टेरेसा के कार्य केवल भारत तक सीमित नहीं थे। उन्होंने अफ्रीका, अमेरिका और एशिया जैसे महाद्वीपों में सेवा केंद्र स्थापित किए।
- उनके इसी निस्वार्थ सेवा कार्यों के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार भी शामिल है।
स्पीच के अंत में
इस भाषण के अंत में, मैं यही कहना चाहूंगा/ चाहूंगी कि मदर टेरेसा की तरह हमें भी जरूरतममंदो की सेवा के लिए आगे आना चाहिए। उनका जीवन और उनकी शिक्षाएं हमें यह सिखाती हैं कि सच्ची सेवा वह है, जो बिना किसी स्वार्थ के, बिना किसी उम्मीद के की जाए। मदर टेरेसा का जीवन एक ऐसी मशाल है, जो हमें सच्चाई, प्रेम और करुणा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।
धन्यवाद!
मदर टेरेसा पर भाषण तैयार करने के टिप्स
मदर टेरेसा पर स्पीच तैयार करने के टिप्स निम्नलिखित है :
- सबसे पहले मदर टेरेसा से जुड़े सभी फैक्ट और जानकारी इकट्ठा कर लें।
- फिर उन्हें अच्छी तरह से फ्रेम करें और स्पीच को लिखित रूप में तैयार करें।
- अपने भाषण की शुरुआत में, मदर टेरेसा के बारे में संक्षिप्त जानकारी दें।
- स्पीच देते समय शब्दों का सही चयन करें।
- समय का ध्यान रखें और अपने भाषण को निर्धारित समय सीमा के अंदर पूरा करें।
- स्पीच देने से पहले लेखन को अच्छी तरह पढ़ लें।
- अपनी स्पीच के अंत में श्रोताओं का शुक्रिया अदा करना न भूलें।
FAQs
मिशनरीज ऑफ चैरिटी एक कैथोलिक धार्मिक संगठन है जिसकी स्थापना मदर टेरेसा ने की थी। इस संगठन को स्थापित करने का उद्देश्य दुनिया भर में गरीबों, बीमारों, अनाथों और बेसहारा लोगों की सेवा करना है। बता दें कि मदर टेरेसा ने 1950 में इस संगठन की स्थापना कोलकाता से की थी।
मदर टेरेसा का वास्तविक नाम ‘एग्नेस गोंझा बोयाजियु’ था।
मदर टेरेसा को 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
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