भारत एक ऐसा देश है जहाँ हर जाती धर्म के लोग मिल जुलकर रहते है और साथ रहते है उनसे जुड़े अलग-अलग त्यौहार। उन्हीं में से एक है मकर संक्रांति का त्यौहार जो देश भर में बड़ी ही श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। मकर संक्रंति का दिन भगवान सूर्य की पूजा के लिए समर्पित है जोकि इस साल 15 जनवरी को मनाया जायेगा। मकर संक्रांति के त्यौहार को मनाने की सबकी अपनी अलग अलग आस्था है। इस दिन लोग नदी में स्नान कर सूर्यदेव की आराधना करते हैं। कई बार विद्यालयों में Information About Makar Sankranti in Hindi के बारे में भी पूछा जाता है, तो आज के इस ब्लॉग में हम Makar Sankranti in Hindi के बारे में पढ़ेंगे।
This Blog Includes:
मकर संक्रांति का इतिहास क्या है?
फसल का उत्सव मकर संक्रांति एक धार्मिक उत्सव है और यह सूर्य देवता को समर्पित है। मकर संक्रांति सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का प्रतीक माना जाता है और यह त्योहार मुख्य रूप से देश भर के हिंदुओं द्वारा मनाया जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति की निधन मकर संक्रांति वाले दिन होती है तो उसका दूसरा जन्म नहीं होता, बल्कि वह सीधे स्वर्ग चला जाता है। कहा जाता है कि संक्रांति, जिसके नाम पर इस त्योहार का नाम पड़ा, एक देवता थे जिन्होंने शंकरासुर नामक राक्षस का वध करा था और मकर संक्रांति के अगले दिन, जिसे कारिदिन या किंक्रांत कहा जाता था, देवी ने खलनायक किंकारासुर को मार डाला था।
मकर संक्रांति 2024 में कब है?
Makar Sankranti in Hindi का पर्व 14 और 15 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। ये त्यौहार बड़ी हे धूम धाम और श्रद्धा भाव के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग सूर्यदेव की पूजा कर अच्छी फसल की कामना करते हैं।
मकर संक्रांति का मतलब क्या होता है?
मकर संक्रांति भारत के कई मुख्य पर्वो में से एक है जिसका अर्थ है ऐसा दिन जब सूर्य उत्तर दिशा की ओर बढ़ना शुरू करता है। मकर संक्रांति को पतंग का उत्सव भी कहा जाता है। ये एक ऐसा त्योहार है जो पूरे भारत में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। पूरे भारत में हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला एक प्रमुख फसल का त्योहार जो विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों और परंपराओं के साथ मनाया जाता है।
मकर संक्रांति का त्यौहार सर्दियों के अंत को दर्शाता और इसी दिन के बाद से लम्बे दिनों की शुरुवात होती है। इस कारण इस समय सीमा को उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता है।
मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती है?
मकर संक्रांति के कई धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। मकर संक्रांति का त्यौहार 14 या 15 जनवरी में से एक दिन मनाया जाता है। मकर संक्रांति का दिन सूर्य देवता को समर्पित है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस दिन को बहुत शुभ मन जाता है। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है जिसे सर्दियों का अंत और लम्बे दिनों की शुरुवात माना जाता है। मकर संक्रांति के दिन से, सूर्य अपनी उत्तर दिशा में यात्रा शुरू करता है। इसलिए इस पर्व को कई जगह उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता है जैसे की उत्तराखंड और गुजरात। इस दिन भारत के सभी किसान अपनी अच्छी फसल की प्रार्थना कर पतंग भी उड़ाते हैं।
मकर संक्रांति कहां मनाई जाती है?
भारत में मकर संक्रांति का त्यौहार कई राज्यों में अलग अलग नाम और तरीके से मनाया जाता है। इस दिन लोग नदी में स्नान कर सूर्य की पूजा करते हैं। गुजरात और राजस्थान में इस दिन पतंग उड़ाना इस त्यौहार का महत्वपूर्ण हिस्सा है। उत्तर भारत में इस दिन खिचड़ी खाई जाती है और नदी में स्नान कर दान करने की भी परंपरा है। दक्षिण भारत में पोंगल के नाम से जाना जाने वाला ये पर्व लगभग 4 दिन तक चलता है, इस दिन दक्षिण भारत में कृषि से जुड़ी चीजों की पूजा की जाती है और रंगोली बनाने की भी प्रथा है। पंजाब और हरयाणा की बात करें तो यहाँ मकर संक्रांति को माघी भी कहते हैं, जिससे एक दिन पहले लोहड़ी मनाई जाती है जिसमे कई तरह के गीत गए जाते है और गिद्दा, भांगड़ा का भी आयोजन होता है। आसाम की बात करे तो यहाँ इस त्यौहार को माघ बिहू के नाम से जाना जाता है और चावल से बने पकवान बनाएं जाते हैं। साथ ही उत्तराखंड में इस त्यौहार को लोग उत्तरायण के नाम से जानते है जिसे घुघुती भी कहा जाता है, जो की उत्तराखंड में बन्ने वाली एक मिठाई को भी कहते हैं।
मकर संक्रांति का महत्व
भारत देश भर में उत्सव की खुशी की लहर का स्वागत करता है। जिस दिन पुरे आसमान में रंगीन पतंगों का घेरा होता है। और उसी के बीच देश मकर संक्रांति में फसल उत्सव के साथ अंत और एक नई शुरुआत का त्यौहार मनाता है। कृषि महत्व के साथ साथ मकर संक्रांति को सूर्य देव को समर्पित पूजा द्वारा भी चिह्नित किया जाता है, जो अंधेरे पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है-
- मकर संक्रांति वाले दिन चावल तथा गुड़ से बानी चीजें खाते है जिसके पीछे का कारण है स्वस्थ्य, तिल और गुड़ व्यक्ति की इम्युनिटी को स्ट्रांग बनता है।
- मकर संक्रांति के बाद से बड़े दिनों की शुरुवात हो जाती है।
- इस दिन गंगा स्नान कर सूर्य की उपासना की जाती है।
- कहा जाता है की इस दिन किया हुआ दान आपके पास सौ गुना होकर लौटता है।
- कहा जाता है की मकर संक्रांति के दिन गंगा नदी भागीरथी नदी के साथ साथ कपिल मुनि के आश्रम से होते हुए सागर में मिल गई थी।
- मकर संक्रांति के दिन खाने में तिल और गुड़ का खूब इस्तेमाल किया जाता है।
- इस दिन को शांति का प्रतिक भी माना जाता है क्योंकि इस दिन सभी लोग अपने मद भेद मिटा कर एक साथ त्यौहार मानते हैं।
मकर संक्रांति पर निबंध
Information About Makar Sankranti in Hindi पर निबंध नीचे दिया गया है-
त्योहारों की भूमि भारत जहाँ सभी तरह के त्यौहार को बड़ी ही धूम धाम से मनाया जाता है। उसी में से एक है मकर संक्रांति का त्यौहार जो हर साल 14 या 15 जनवरी में से एक दिन आता है। इस दिन लोग नदी में स्नान कर सूर्य देव की आराधना करते हैं। ऐसे ही त्योहारों की मदत से लोग सांस्कृतिक तौर से भारत के त्योहारों के प्रति जागरूक होते है। ये त्यौहार लगभग भारत के सभी कोनो में मनाया जाता है।
मकर संक्रांति का त्यौहार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का प्रतिक माना जाता है। माघ में मनाया जाने वाला ये त्यौहार अच्छी फसल उत्पादन की कामना करता है। इस दिन सूर्य की पूजा करने को बहुत मान्यता दी जाती है साथ ही इसे एक त्यौहार की तरह मनाया जाता है।
मकर संक्रांति का त्यौहार पुरे देश में मनाया जाता है साथ ही इसको मनाने के अलग अलग नाम और तरीके भी है। जैसे की उत्तराखंड और गुजरात में इसे उत्तरायण के नाम से जानते है और आसाम में ये त्यौहार बिहु के नाम से जाना जाता है।
मकर संक्रांति दो शब्दों से मिलकर बना है मकर और संक्रांति जिसमे मकर का मतलब है ‘मकर राशि’ और संक्रांति का मतलब है ‘संक्रमण’।
मकर संक्रांति से जुड़ी कई मान्यता है जैसे की इस दिन दान पुण्य करना शुभ मन जाता है, अगर आप दान करते है तो वो आपके पास सौ गुना होकर वापस लौटता है।
मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ने की भी परंपरा है, जो बड़े हे धूम धाम से मनाया जाता है और साथ ही ये त्यौहार भक्ति, भावना और एकता का प्रतिक भी है।
मकर संक्रांति पर 10 लाइनें
मकर संक्रांति पर 10 लाइन्स नीचे दी गई हैं-
- मकर संक्रांति को कई नामों से जाना जाता है जैसे की उत्तरायण, पोंगल, तिला संक्रांत और माघ बीहू।
- इस दिन लोग सुबह जल्दी उठ के नदी में स्नान कर सूर्य देव की आराधना करते है।
- मकर संक्रांति का दिन लम्बे दिनों की शुरुवात का प्रतीक है।
- मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ने का भी रिवाज है, जिसे अँधेरे पर प्रकाश का प्रतिक है।
- मकर संक्रांति के दिन लोग अपनी अच्छी फसल की कामना करते है।
- इस दिन तिल, गुड़ से बानी चीजें खाई जाती है और खिचड़ी को खाना अनिवार्य मन जाता है।
- मकर संक्रांति का त्यौहार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का प्रतिक माना जाता है।
- मकर संक्रांति का त्यौहार हर साल 14 या 15 जनवरी के दिन मनाया जाता है।
- मान्यता है की अगर मकर संक्रांति के दिन कोई दान करता है तो वो सौ गुना होकर उसके पास लौटता है।
- कहा जाता है की अगर मकर संक्रांति के दिन किसी का निधन होता है तो उसका पुनर्जन्म नहीं होता, वो सीधा स्वर्ग पहुँचता है।
मकर संक्रांति के विश मैसेज
Information About Makar Sankranti in Hindi के विश मैसेज नीचे दिए गए हैं-
- आप सभी को मकर संक्रांति के शुभकामनाएं।
- खुशियों की मिठास और एकता के त्यौहार मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं।
- तिल गुड़ के साथ पतंगों के लहराने का त्यौहार मकर संक्रांति की बधाई एवं शुभकामनाएं।
- सूर्यदेव की आराधना से अच्छी फसल का त्यौहार है मकर संक्रांति।
FAQs
सूर्य देव की।
15 जनवरी को।
मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाना अनिवार्य माना जाता है।
पोंगल, संक्रांति, तिला संक्रांत और उत्तरायण के नाम से।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको Information About Makar Sankranti in Hindi, Makar Sankranti in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।