Jesus Christ in Hindi, Jesus Christ story in Hindi: अब जल्द ही 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्यौहार आने वाला है जिसे पूरी दुनियाभर में “यीशू” यानी “ईसा मसीह” के जन्मदिवस के तौर पर मनाया जाता है। वैसे तो यह ईसाइयों का मुख्य त्यौहार है लेकिन इस पर्व को अन्य धर्मों के लोगों द्वारा भी बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। क्या आप जानते हैं कि ईसा मसीह जिन्हें “जीसस क्राइस्ट” के नाम से भी जाना जाता है और उन्हें ही ईसाई धर्म का संस्थापक माना जाता हैं। वहीं उनके जन्म से ही ‘अंग्रेजी कैलेंडर’ की शुरुआत भी मानी जाती है। आइए अब हम ईसाई धर्म के प्रवर्तक ईसा मसीह का जीवन परिचय के बारे में विस्तार से जानते हैं।
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बेथलेहम में हुआ जन्म
माना जाता है कि प्रभु ईसा मसीह का जन्म फ़िलिस्तीन के शहर बेथलेहम में हुआ था। इस जगह को ईसाई धर्म के अनुयायियों द्वारा सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। वहीं जहाँ ईसा मसीह यानी जीसस क्राइस्ट का जन्म हुआ उस जगह को वर्तमान समय में ‘चर्च ऑफ नेटिविटी’ (Church of Nativity) कहा जाता है। यह पवित्र स्थान इजरायल की राजधानी यरुशलम से 10 किलोमीटर दूर सेंट्रल वेस्ट बैंक में स्थित है।
बता दें कि प्रभु ईसा मसीह के जन्म संबंधी वास्तविक तिथि की जानकारी ईसाईयों के पवित्र ग्रंथ “बाइबिल” में भी नहीं मिलती, किंतु ईसा मसीह का जन्म AD 1 व 4 BCE/BC के आसपास माना जाता है। उनकी माता का नाम ‘मरियम’ व पिता का नाम ‘जोसेफ़’ था। जो नाज़ेरथ से आकर येरुशलम के निकट बेथलेहम शहर में बस गए थे।
देवदूत ने की भविष्यवाणी
Jesus Christ in Hindi, Jesus Christ story in Hindi: ईसा मसीह के जन्म संबंधी विषय में माना जाता है कि नाज़रेथ में ‘गेब्रियल’ नामक एक देवदूत ने माता मरियम को दर्शन दिया था। जिसमें उन्होंने यह भाविष्यवाणी की थीं कि तुम्हें एक दिव्य पुत्र प्राप्त होगा जिसका नाम होगा “यीशु”। वहीं मान्यता के अनुसार परमेश्वर के ही संकेत से ‘जोसेफ़’ (युसूफ) ने मरियम से शादी की थी। उनके पिता पेशे से एक बढ़ई (Carpenter) थे। किंतु “ईसा मसीह” के जन्म से लगभग 2 वर्ष बाद ही उनकी मृत्यु हो गई जिसके बाद माता मरियम ने ही उनका पालन-पोषण किया।
भारत के इन स्थानों से है संबंध
ईसा मसीह का जीवन परिचय (ईसा मसीह की कहानी) में अब हम उनकी भारत की यात्रा के विषय में भी संक्षिप्त में जानते हैं। बता दें कि प्रभु ईसा मसीह के 13 से 30 वर्ष की आयु तक प्राचीन व ऐतिहासिक ग्रंथों में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं हैं। वहीं ऐसा माना जाता है कि ईसा मसीह ने अपने जीवन का कुछ समय भारत में भी बिताया था।
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पवित्र धर्म की स्थापना
माना जाता हैं कि ईसा मसीह ने अपनी शिक्षा के बाद घर्म के उपदेश देना शुरू का दिया था। वहीं प्रभु ईसा मसीह के बढ़ते अनुयायियों के कारण अंधविश्वास और धार्मिक कट्टरता फैलाने वालो ने उनका कड़ा विरोध किया। वहीं उन्हें यह डर सताने लगा कि कहीं उनकी सत्ता उनके हाथों से छीन न जाए। इसी कारण उन्हें खिलाफ कई प्रकार की साजिश की गई किंतु वह इससे तनिक भी विचलित नहीं हुए और धर्म का प्रचार करते रहे।
ईसा मसीह की मृत्यु
Jesus Christ in Hindi: ईसा मसीह के बढ़ते अनुयायियों और उनकी लोकप्रियता के कारण उन्हें रोमन गवर्नर ‘पोंटियस’ ने मृत्यु की सजा सुना दी। यह स्थान येरुशलम के ईसाई क्षेत्र ‘द चर्च ऑफ द होली सेपुलचर’ (Church of the Holy Sepulchre) में स्थित है, जो दुनियाभर के ईसाइयों की आस्था का केंद्रबिंदु माना जाता है। इसी स्थान पर ईसा मसीह की मृत्यु हुई थी और उन्हें सूली या क्रॉस पर चढ़ाया गया था। ईसा मसीह को जिस जगह पर सूली पर चढ़ाया गया था उस स्थान को ‘गोलगोथा’ नाम से जाना जाता है।
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“ईस्टर” की शुरुआत
माना जाता है कि ईसा मसीह (ईसा मसीह की कहानी) को सूली या क्रॉस पर चढ़ाए जाने के बाद वह तीन दिन के बाद पुनः जीवित होकर अपने अनुयायियों के बीच आ गए थे। इसी खुशी के कारण ईसाई धर्म के लोग ईस्टर (Easter) का पर्व बड़ी उमंग और हर्षोल्लास के साथ सेलिब्रेट करते हैं।
FAQs
ईसा मसीह की माता का नाम मरियम और पिता का नाम जोसेफ़ था।
ईसा मसीह के दो प्रमुख शिष्यों का नाम ‘पीटर’ और ‘एंड्रयू’ था।
ईसा मसीह ‘ईसाई धर्म’ के प्रवर्तक माने जाते हैं।
ईसा मसीह को रोमन गवर्नर पोंटियस ने सूली पर चढ़ाने की सजा दी थी।
बता दें कि हर वर्ष 25 दिसंबर को दुनियाभर में ईसा मसीह के जन्मदिन के अवसर पर क्रिसमिस का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
आशा है कि आपको ईसाई धर्म के प्रवर्तक ईसा मसीह का जीवन परिचय, ईसा मसीह की कहानी (Jesus Christ in Hindi, Jesus Christ story in Hindi) का संपूर्ण जीवन परिचय पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।