भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी देश के पूर्व प्रधानमंत्री, उत्कृष्ट कवि, अच्छे सांसद और पत्रकार होने के साथ-साथ एक उम्दा वक्ता भी थे। उन्होंने भारत सरकार में प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और नेता प्रतिपक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया था। वे स्वतंत्रता से पूर्व वर्ष 1942 में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का भी हिस्सा रहे थे जिसने ब्रिटिश हुकूमत के शासन को अंत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। स्कूल और कॉलेजों में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में भाषण देने के लिए बोल दिया जाता है। यहाँ Atal Bihari Vajpayee Speech in Hindi दी गई हैं जिसकी सहायता से छात्र अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में भाषण देना सीख सकते हैं।
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अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में 200 शब्दों में भाषण
अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में 200 शब्दों में भाषण (Atal Bihari Vajpayee Speech in Hindi) इस प्रकार है –
आदरणीय प्राचार्य महोदय, शिक्षकगण एवं मेरे प्रिय साथियों,
आज मैं भारत के महान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी जी के बारे में अपने विचार प्रकट करना चाहता हूँ।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एक ऐसे नेता थे, जिनका व्यक्तित्व और भाषा शैली अद्भुत थी। वे एक कुशल राजनेता होने के साथ-साथ एक बेहतरीन कवि और पत्रकार भी थे। उन्होंने तीन बार वर्ष 1996, 1998 एवं 1999 में प्रधानमंत्री के रूप देश का नेतृत्व किया था। उनकी बहुत सारी नीतियों ने देश को बुलंदियों तक पहुंचाया, जिनमें से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ऐसी ही एक परियोजना का नाम था, जिसके तहत भारत के सभी गांवों को शहरों से जोड़ने का काम किया गया। वर्ष 1998 में पोखरण परमाणु परीक्षण के जरिए देश को परमाणु संपन्न बनांने में भी उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई थी, जिसने भारत का नाम विश्व की परमाणु शक्तियों में शामिल कर दिया।
अटल बिहारी वाजपेयी एक अजातशत्रु नेता थे। उनके विपक्षी पार्टियों में भी कई मित्र और प्रशंसक थे। दूसरे दलों के नेता भी उनकी तारीफें करते थे। वर्ष 1999 में हुए कारगिल युद्ध के समय भी उन्होंने देश का कुशल नेतृत्व किया था। अटल बिहारी वाजपेयी अपने राजनैतिक हितों से इतर, देश के हितों को ऊपर रखने वाले नेता थे।
16 अगस्त 2018 को भारत ने अपने इस सपूत को खो दिया। अटल बिहारी वाजपेयी को देश उनकी कल्याणकारी नीतियों के लिए हमेशा याद रखेगा और उनका व्यक्तित्व आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा स्तम्भ बना रहेगा।
जय हिन्द !
अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में 300 शब्दों में भाषण
अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में 300 शब्दों में भाषण (Atal Bihari Vajpayee Speech in Hindi) नीचे दिया गया है-
आदरणीय प्राचार्य महोदय, शिक्षकगण एवं मेरे प्रिय साथियों,
आज मैं भारत के महान प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी जी के विषय में आप सबके समक्ष अपने विचार रखना चाहता हूँ।
अटल बिहारी वाजपेयी एक महान नेता, कवि और विचारक थे। उन्होंने भारत के लिए अमूल्य योगदान दिया था। उनका जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के ग्वालियर जिले में हुआ था। वाजपेयी जी ने अपने करियर की शुरुआत एक पत्रकार के रूप में की थी लेकिन शीघ्र ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ गए।
वर्ष 1951 में, भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य बने जो बाद में भारतीय जनता पार्टी के रूप में विकसित हुआ। उनकी राजनैतिक दूरदर्शिता और अनोखी भाषण शैली ने उन्हें भारतीय राजनीति में एक विशेष स्थान प्राप्त करने में मदद की। वे कुल तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने और उनके नेतृत्व में भारत ने कई बुलंदियों को छुआ।
वाजपेयी जी का व्यक्तित्व अनेक विशेषताओं से भरपूर था। वे एक ऐसे नेता थे जो सभी दलों के नेताओं के साथ संवाद स्थापित करते थे और सभी दलों के नेता उनका बहुत सम्मान भी करते थे। उनके कार्यकाल में भारत ने परमाणु का सफल परीक्षण किया था। इसके साथ ही, उन्होंने वर्ष 1999 में भारत पाकिस्तान के बीच शान्ति स्थापित करने के उद्देश्य से लाहौर बस सेवा भी शुरू की थी।
वाजपेयी केवल एक राजनेता ही नहीं, बल्कि एक संवेदनशील कवि भी थे। उनकी कविताएं मानवीय भावनाओं को बड़े ही सहज तरीके से प्रस्तुत करती हैं। उनकी कुछ उत्तम कविताओं में से एक “हार नहीं मानूंगा” और “आज मौत से ठन गई” युवाओं के दिलों में नया जोश भर देती हैं।
वर्ष 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी जी ने सक्रीय राजनीति से सन्यास ले लिया। मगर इसके बावजूद भी उनका प्रभाव समाज पर बना रहा। 16 अगस्त 2018 को उनकी मृत्यु के साथ ही देश ने एक महान नेता को खो दिया। अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन और उनकी विरासत हमेशा हमें राष्ट्र सेवा और एकता के प्रति समर्पण की प्रेरणा देती रहेगी।
जय हिन्द !
अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में 500 शब्दों में भाषण
अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में 500 शब्दों में भाषण (Atal Bihari Vajpayee Speech in Hindi) नीचे दिया गया है-
आदरणीय प्राधानाचार्य महोदय, शिक्षकगण एवं मेरे प्रिय साथियों,
आज मैं आप सबके सामने भारत के महान नेता, कवि और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के बारे में कुछ शब्द कहने के लिए आज इस मंच पर आप सबके सामने उपस्थित हुआ हूँ।
अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति के वे युग पुरुष हुए हैं, जिनकी अद्भुत योग्यता और कर्मठता ने देश को नई दिशा दी थी।
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर नगर में हुआ था। वे एक साधारण परिवार से आते थे। उन्होंने प्राथमिक शिक्षा ग्वालियर में ही हुई। इसके बाद वे उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए कानपुर चले गए। छात्र जीवन के समय में ही वे राजनीति के तरफ झुकाव रखते थे। इसी कारण से उन्होंने अपने करियर की शुरुआत पत्रकार के रूप में की, लेकिन बाद में वे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए।
अटल जी की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि वे न केवल एक महान राजनेता थे, बल्कि एक महान कवि और लेखक भी थे। उनकी कविताएं आज भी लोगों के मन को छू जाती हैं। वे भारतीय जनसंघ दल के संस्थापक सदस्यों में से एक थे जो कि आगे चलकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) बनी।
अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने राजनैतिक करियर में कई उतार चढ़ाव देखे थे। उन्होने कई बार एक कुशल सांसद के रूप में देश की सेवा की और वर्ष 1996, 1998 एवं 1999 में कुल तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने। भारत के प्रधानमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल काफी प्रभावशाली रहा था। उन्होंने भारत को आर्थिक और कूटनीतिक आधार पर मजबूत बनाने के लिए कई निर्णायक कदम उठाए थे। उनका सबसे बड़ा योगदान वर्ष 1998 में पोखरण परीक्षण कराकर देश को एक परमाणु शक्ति बनाने के लिए जाना जाता है। इस समय उन्होंने दुनिया के सामने भारत की शक्ति का परचम लहराया था।
अटल जी का व्यक्तित्व बहुत ही विनम्र और संवेदनशील था। वे विपक्ष के नेताओं के प्रति भी आदर और सम्मान का भाव रखते थे और विपक्ष के नेता भी उनकी बहुत इज़्ज़त करते थे। वे एक शानदार वक्त थे। उनके भाषण लोगो में नए उत्साह का संचार करते थे।
अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की थीं। स्वर्णिम चतुर्भुज योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना इन्हीं प्रमुख योजनाओं में से थीं। इसके अतिरिक्त उन्होंने भारत पाकिस्तान के संबंधों को सुधारने के लिए भी कई प्रयास किए थे। उन्होंने वर्ष 1999 में भारत और पकिस्तान के बीच लाहौर बस सेवा शुरू की थी। इसके अलावा उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के उद्देश्य से ही वर्ष 2004 में पाकिस्तान के उस समय के राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ के साथ आगरा में शिखर वार्ता भी की थी।
16 अगस्त 2018 को अटल बिहारी वाजपेयी जी का निधन हो गया। उनका निधन देश के लिए एक अपूरणीय क्षति थी। लेकिन उनके विचार सदैव हमें प्रेरणा देते रहेंगे।
अंत में, मैं यही कहना चाहूंगा कि अटल बिहारी वाजपेयी केवल एक राजनेता नहीं थे, बल्कि वे एक युग पुरुष थे। उनके जीवन का संघर्ष और उपलब्धियां हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। हम सभी को उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलकर देश की सेवा करनी चाहिए।
जय हिन्द !
FAQs
मेरी इक्यावन कविताएँ अटल जी का प्रसिद्ध काव्यसंग्रह है।
अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय जनता पार्टी के सदस्य थे।
अटल बिहारी वाजपेयी ने तीन बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
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