वर्तमान समय में टेलीफोन दूरसंचार का सबसे आधुनिक और आसान साधन माना जाता है। जिसकी सहायता से आप दुनिया के किसी भी देश के व्यक्ति या समूह से आसानी से संपर्क कर सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि Telephone Ka Avishkar 19वीं सदी के महान आविष्कारों में से एक माना जाता हैं। जिसने मानव जीवन को पूरी तरह बदलकर रख दिया। इसके साथ ही इस महान आविष्कार से दुनिया में प्रगति और विकास की राह आसान हुई। आइए जानते हैं Telephone Ka Avishkar किसने किया था? और कैसे हुई टेलीफोन पर ‘हैलो’ बोलने की शुरुआत।
कब हुआ टेलीफोन का आविष्कार
Telephone Ka Avishkar स्कॉटलैंड के वैज्ञानिक ‘ऐलेक्ज़ैन्डर ग्राहमबेल’ ने 02 जून 1875 ई में किया था। बता दें कि टेलीफोन के आविष्कार में ऐलेक्ज़ैन्डर ग्राहमबेल ने अपने साथी ‘टॉमस वॉटसन’ की सहायता ली थी। ग्राहमबेल ने इस आविष्कार को अगले साल 07 मार्च 1876 को अपने नाम से पेटेंट भी करवा लिया था।
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जानें कैसे हुई ‘हैलो’ बोलने की शुरुआत
क्या आप जानते हैं जब टेलीफोन की शुरुआत हुई और आम लोगों ने इसका इस्तेमाल करना शुरू किया। तो उस समय हैलो बोलने का प्रचलन नहीं था। बल्कि लोग हैलो की जगह ‘Are You There’ कहते थे, ऐसा इसलिए कहा जाता था क्योंकि वह यह जान सके की दूसरी तरफ जो व्यक्ति उनकी आवाज़ सुन रहा है उसे वह आवाज़ आ रही है या नहीं।
हालांकि वर्ष 1877 में टेलीफोन पर हैलो बोलने का प्रस्ताव रखा गया। जिसके बाद ही हैलो बोलने की शुरुआत हुई। आपको बता दें कि ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी के अनुसार, हैलो शब्द पुराने जर्मन शब्द ‘हाला’ से बना है, ये शब्द पुराने जर्मन शब्द ‘होला’ से इन्वेंट हुआ है। ‘होला’ का अर्थ होता है ‘कैसे हो’ लेकिन ये शब्द समय के साथ लहजे की वजह से बदलता चला गया।
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आशा है आपको Telephone Ka Avishkar से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह देश और दुनिया का इतिहास जानने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।