Speech on National Flag of India in Hindi: भारतीय राष्ट्रीय ध्वज पर भाषण

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Speech on National Flag of India in Hindi

भारत का राष्ट्रीय ध्वज न केवल स्वतंत्रता का प्रतीक है, बल्कि यह देश की अखंडता और गौरव का भी परिचायक है। यह ध्वज दर्शाता है कि भारत, बिना किसी विदेशी हस्तक्षेप के, अपने लोगों द्वारा शासित है। हमारा राष्ट्रीय ध्वज हमारी पहचान है और यह आक्रमणकारियों के लिए एक चेतावनी भी है। यह स्वराज ध्वज पर आधारित है, जिसे पिंगली वेणक्या ने डिज़ाइन किया था। छात्रों को राष्ट्रीय ध्वज के महत्व से अवगत कराने और उनमें देशभक्ति की भावना को जागृत करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय ध्वज ‘तिरंगा’ पर भाषण (Speech on National Flag of India in Hindi) दिए जाते हैं। यह भाषण न केवल छात्रों को ध्वज के प्रतीकात्मक महत्व के बारे में समझाता है, बल्कि स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान, ध्वज द्वारा दर्शाए गए मूल्य और हमारी राष्ट्रीय विरासत के बारे में भी शिक्षित करता है। इस ब्लॉग में छात्रों के लिए राष्ट्रीय ध्वज पर भाषण (National Flag of India Speech in Hindi) के कुछ सैंपल दिए गए हैं, जो उन्हें इस विषय को बेहतर तरीके से समझने में मदद करेंगे।

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज पर भाषण 100 शब्दों में 

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज पर भाषण (National Flag of India Speech in Hindi) 100 शब्दों में इस प्रकार है:

नमस्कार सभी को! आज मैं आपके सामने भारत के राष्ट्रीय ध्वज पर अपने विचार साझा करने के लिए खड़ा हूँ। हमारा राष्ट्रीय ध्वज केवल एक कपड़े का टुकड़ा नहीं है, बल्कि यह हमारे राष्ट्र की पहचान और गौरव का प्रतीक है। यह ध्वज भारत की विविधता और एकता का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है। इसे तिरंगा कहा जाता है, क्योंकि इसके तीन रंग हमें एकजुट करते हैं। सबसे ऊपर केसरिया रंग हमें साहस और बलिदान की याद दिलाता है, जबकि बीच में सफेद रंग शांति और सत्य का प्रतीक है। और सबसे नीचे हरा रंग समृद्धि और पृथ्वी से जुड़े होने का संकेत है। इसके बीच में स्थित अशोक चक्र, जिसमें 24 समान तीलियाँ हैं, हमें जीवन में निरंतर गति और प्रगति की ओर प्रेरित करता है। हम सभी को अपने राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना चाहिए और इसे ऊँचा रखने के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए।

धन्यवाद!

यह भी पढ़ें: राष्ट्रीय ध्वज पर निबंध 

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज पर भाषण 200 शब्दों में 

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज पर भाषण (Speech on National Flag of India in Hindi) 200 शब्दों में इस प्रकार है:

आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, समस्त शिक्षकगण और मेरे प्रिय साथियों, आप सभी को मेरा सादर नमस्कार। 

आज मैं यहाँ भारत के राष्ट्रीय ध्वज पर अपने विचार साझा करने के लिए उपस्थित हूँ। हमारा राष्ट्रीय ध्वज न केवल हमारे देश की पहचान है, बल्कि यह हमारे राष्ट्र की महानता, संघर्ष और एकता का प्रतीक भी है।

भारत का राष्ट्रीय ध्वज 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया था, जो हमारी आज़ादी के एक महत्वपूर्ण क्षण का प्रतीक है। इसे ‘तिरंगा’ कहा जाता है, क्योंकि इसमें तीन रंग होते हैं। सबसे ऊपर केसरिया रंग है, जो साहस, बलिदान और राष्ट्रप्रेम को दर्शाता है। बीच में सफेद रंग है, जो सत्य और शांति का प्रतीक है, और सबसे नीचे हरा रंग, जो समृद्धि, ऊर्जा और जीवन शक्ति का प्रतीक है।

सफेद पट्टी के बीच में नेवी ब्लू रंग का अशोक चक्र है, जिसमें 24 तीलियाँ हैं, जो जीवन की निरंतरता और प्रगति का प्रतीक हैं। अशोक चक्र को विजय, न्याय और सत्य का प्रतीक माना जाता है।

हमारा राष्ट्रीय ध्वज हमें न केवल देशभक्ति की भावना सिखाता है, बल्कि यह हमें शांति, एकता और मानवता का भी पाठ देता है। इसे हर साल 15 अगस्त को हमारे प्रधानमंत्री और 26 जनवरी को राष्ट्रपति द्वारा फहराया जाता है।

हमारे राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण खादी से होता है, जिसे महात्मा गांधी जी ने प्रोत्साहित किया था। यह हमें अपने कुटीर उद्योग और आत्मनिर्भरता की याद दिलाता है। हमें गर्व से अपने ध्वज को सम्मान देना चाहिए और इसे सही तरीके से फहराना चाहिए।

धन्यवाद!

तिरंगा पर भाषण 500 शब्दों में 

तिरंगा पर भाषण (Speech on National Flag of India in Hindi) 500 शब्दों में इस प्रकार है:

नमस्कार, आदरणीय मुख्य अतिथि, सम्मानित शिक्षकगण, और मेरे प्यारे साथियों। आज मैं आप सभी के सामने भारत के राष्ट्रीय ध्वज के महत्व और उसके इतिहास पर अपने विचार साझा करने के लिए खड़ा हूं। यह ध्वज हमारे राष्ट्र का गौरव, एकता और बलिदान का प्रतीक है।

हमारा राष्ट्रीय ध्वज “तिरंगा” कहलाता है, क्योंकि इसमें तीन रंगों का संयोजन है। सबसे ऊपर केसरिया रंग है, जो हमारे देश की शक्ति और साहस का प्रतीक है। इसके बीच में सफेद रंग है, जो शांति, सत्य और अहिंसा का प्रतीक है। सबसे नीचे हरा रंग हमारी मातृभूमि की उर्वरता, समृद्धि और विकास का प्रतीक है। सफेद पट्टी के बीच में स्थित अशोक चक्र, जिसमें 24 तीलियां हैं, यह जीवन की निरंतरता और प्रगति को दर्शाता है।

भारत के राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास भी बहुत दिलचस्प है। इसका प्रारंभ 1906 में हुआ था, जब पहला ध्वज कलकत्ता के पारसी बेगन स्क्वायर में फहराया गया। इसमें तीन रंग – लाल, हरा और पीला थे, और इसमें सूर्य और अर्धचंद्र का प्रतीक था। इसके बाद 1907 में पेरिस में दूसरा ध्वज फहराया गया, और फिर 1917 में होम रूल आंदोलन के दौरान तीसरे ध्वज को पेश किया गया। अंततः 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा द्वारा वर्तमान राष्ट्रीय ध्वज को अपनाया गया।

हमारा राष्ट्रीय ध्वज केवल एक कपड़े का टुकड़ा नहीं है, बल्कि यह हमारे देश के संघर्ष, एकता, और महान इतिहास की गाथा है। यह हमें यह याद दिलाता है कि हमें अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा से निभाना चाहिए, ताकि हम राष्ट्र की सेवा में अपना योगदान दे सकें। हमारा ध्वज केवल भारत के अंदर ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी हमारे देश का प्रतिनिधित्व करता है।

हमारे राष्ट्रीय ध्वज को खादी से बनाया जाता है, जिसे महात्मा गांधी जी ने प्रोत्साहित किया था। यह हमें आत्मनिर्भरता और देशभक्ति की भावना से जोड़ता है। इसके अलावा, हमें यह भी याद रखना चाहिए कि हमारा ध्वज हमेशा सम्मान के साथ फहराया जाना चाहिए। यह हमारे देश के सम्मान का प्रतीक है, और हमें इसे गर्व के साथ अपनी छाती पर लहराना चाहिए।

अंत में, मैं यही कहना चाहता हूं कि तिरंगा हमारी राष्ट्रीय एकता, अखंडता और संप्रभुता का प्रतीक है। यह हमें अपने देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी का एहसास कराता है और प्रेरित करता है कि हम राष्ट्र की सेवा में हर कदम आगे बढ़ें। हमें इसे अपने दिलों में हमेशा बनाए रखना चाहिए और इसके प्रति अपनी श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करना चाहिए।

धन्यवाद।
जय हिंद, जय भारत।

यह भी पढ़ें: राष्ट्रीय ध्वज के बारे में 20 रोचक तथ्य 

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज पर भाषण कैसे दें?

तिरंगा पर भाषण (National Flag of India Speech in Hindi) देने के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स इस प्रकार हैं, जो आपकी स्पीच को अधिक प्रभावी और प्रेरणादायक बनाएंगी:

  • अपने भाषण की संरचना को पहले से योजना बनाकर तैयार करें, ताकि आप ध्वज के बारे में विस्तार से और सही तरीके से जानकारी दे सकें।
  • भाषण की शुरुआत में अपने श्रोताओं का आदर और विनम्रता से अभिवादन करें, ताकि आप उनका ध्यान आकर्षित कर सकें।
  • अपने भाषण को एक प्रेरणादायक उद्धरण, सवाल या ऐतिहासिक तथ्य से शुरू करें, जिससे श्रोताओं में रुचि बनी रहे।
  • श्रोताओं का अभिवादन करने के बाद अपने विषय का संक्षेप में परिचय दें, ताकि वे समझ सकें कि आप किस बारे में बात करने जा रहे हैं।
  • अपने भाषण में भारतीय ध्वज का इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान इसकी यात्रा पर चर्चा करें। इसे कब अपनाया गया और इसका महत्व क्या है, इस पर भी बात करें।
  • तिरंगे के प्रत्येक रंग और अशोक चक्र के प्रतीकात्मक अर्थ को श्रोताओं तक पहुंचाएं, ताकि वे इसके महत्व को समझ सकें।
  • इस बारे में बात करें कि हमारा ध्वज किस तरह एकता, देशभक्ति और स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का प्रतिनिधित्व करता है।
  • भाषण में आप तिरंगे से जुड़ी कोई छोटी कहानी, किस्सा या घटना साझा कर सकते हैं, जो श्रोताओं को प्रेरित करें।
  • भाषण में महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस या अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान का उल्लेख करें, जिन्होंने तिरंगे को हमारे राष्ट्र का प्रतीक बनाने में अहम भूमिका निभाई।
  • भाषण तैयार होने के बाद, इसे आत्मविश्वास से प्रस्तुत करने के लिए पहले से अभ्यास करें। यह आपको भाषण के दौरान अधिक प्रभावी बनाने में मदद करेगा।

भारत के राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े रोचक तथ्य

भारत के राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े रोचक तथ्य इस प्रकार हैं:

  • पिंगली वेंकैया का योगदान: भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को आंध्र प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानी पिंगली वेंकैया ने डिजाइन किया था, जो एक दूरदर्शी थे और भारतीय ध्वज की प्रेरणा उन्हें देश के विविधता और एकता से मिली थी।
  • संविधान सभा का निर्णय: भारत का राष्ट्रीय ध्वज 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था, जो कि भारत की स्वतंत्रता से ठीक पहले का ऐतिहासिक क्षण था।
  • केसरिया रंग का मतलब: ध्वज में केसरिया रंग साहस, बलिदान और निस्वार्थता का प्रतीक है, जो देश की स्वतंत्रता के लिए किए गए संघर्षों का सम्मान करता है।
  • अशोक चक्र का महत्व: ध्वज के केंद्र में स्थित अशोक चक्र, जो सारनाथ में स्थित अशोक के सिंह स्तंभ से लिया गया है, में 24 तीलियाँ हैं। ये तीलियाँ प्रगति, अनुशासन और समय के शाश्वत चक्र का प्रतीक हैं।
  • स्वराज ध्वज से प्रेरणा: भारतीय राष्ट्रीय ध्वज, 1921 में बनाए गए स्वराज ध्वज से प्रेरित था, जिसमें केसरिया, सफेद और हरा रंग था और बीच में महात्मा गांधी का प्रिय चरखा था।
  • पहली बार फहराया गया: भारत के राष्ट्रीय ध्वज को पहली बार आधिकारिक तौर पर 15 अगस्त 1947 को प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा दिल्ली के लाल किले पर फहराया गया था।
  • ध्वज का अनुपात: ध्वज की लंबाई-चौड़ाई का अनुपात 3:2 है, जो भारतीय ध्वज संहिता में स्पष्ट रूप से निर्धारित है।
  • ध्वज संहिता का अद्यतन: 2002 में भारतीय ध्वज संहिता को अद्यतन किया गया, जिससे नागरिक किसी भी दिन इसे सम्मान और गरिमा के साथ फहरा सकते हैं।
  • खादी कपास से बना ध्वज: भारतीय ध्वज को महात्मा गांधी के सिद्धांतों का सम्मान करते हुए हाथ से कातें गए खादी कपास या रेशम से बनाया जाता है।
  • राकेश शर्मा का योगदान: 26 जनवरी 1984 को भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा अपने मिशन के दौरान भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को अंतरिक्ष में लेकर गए थे।
  • ध्वज का सम्मान: भारतीय ध्वज को कभी भी जमीन पर नहीं रखा जाना चाहिए। इसे हमेशा अन्य झंडों से ऊंचा फहराया जाना चाहिए और व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए इसका उपयोग नहीं किया जा सकता है।
  • गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस: हर साल 15 अगस्त और 26 जनवरी को भारत भर में ध्वज को प्रमुखता से फहराया जाता है, जो हमारे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बनता है।

FAQs

आप राष्ट्रीय ध्वज भाषण (National Flag of India Speech in Hindi) कैसे शुरू करते हैं?

सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य, शिक्षकों और मेरे प्यारे साथियों, मैं (अपना नाम बताएं) आज यहां भारतीय राष्ट्रीय ध्वज पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए उपस्थित हूं। हम सभी ने कभी न कभी हमारे तिरंगे को देखा है, जिसमें बीच में गहरे नीले रंग का अशोक चक्र है।

भारतीय ध्वज का संक्षिप्त विवरण क्या है?

भारत का राष्ट्रीय ध्वज हमारे देश की एकता, सम्मान और स्वतंत्रता का प्रतीक है। यह विभिन्न भाषाओं, संस्कृतियों, धर्मों और वर्गों के बावजूद हमारे देशवासियों की एकता को दर्शाता है। भारतीय ध्वज एक तिरंगे में बंटा हुआ है, जिसमें शीर्ष पर केसरिया रंग, मध्य में सफेद और नीचे हरा रंग है।

हमारे झंडे का नारा क्या है?

भारतीय संविधान का राष्ट्रीय नारा ‘सत्यमेव जयते’ है, जिसका अर्थ है ‘सत्य की हमेशा जीत होती है’। यह नारा अशोक के सिंह स्तंभ से लिया गया है और देवनागरी लिपि में अंकित है। यह भारतीय राष्ट्रीय प्रतीक का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

राष्ट्रीय ध्वज दिवस कौन सा दिन है?

भारत का राष्ट्रीय ध्वज दिवस 15 अगस्त 1947 को मनाया जाता है, जब देश ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की। इसके अलावा, 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को स्वीकार किया था, जिसे याद करते हुए यह दिवस मनाया जाता है।

भारत के राष्ट्रीय ध्वज के बारे में आप क्या जानते हैं?

भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में तीन समान पट्टियां हैं: सबसे ऊपर केसरिया रंग, बीच में सफेद रंग, और सबसे नीचे हरा रंग। ध्वज की लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 है।

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज पर भाषण तैयार करना क्यों महत्वपूर्ण है?

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज पर भाषण तैयार करना छात्रों और नागरिकों को ध्वज के इतिहास, प्रतीकवाद और महत्व को समझने में मदद करता है। यह देशभक्ति, राष्ट्रीय मूल्यों के प्रति सम्मान और देश की पहचान पर गर्व को बढ़ावा देता है।

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज पर मेरा भाषण कितना लंबा होना चाहिए?

आदर्श रूप से, आपका भाषण 3 से 5 मिनट के बीच होना चाहिए, जो लगभग 400 से 500 शब्दों में समाहित हो। इस समय सीमा में आप सभी प्रमुख बिंदुओं को कवर कर सकते हैं और श्रोताओं का ध्यान बनाए रख सकते हैं।

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