Speech on Pulwama Attack in Hindi: 14 फरवरी 2019 – यह दिन भारत के इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में दर्ज है। इस दिन जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में भारतीय सुरक्षाबलों के काफिले पर कायरतापूर्ण आतंकी हमला हुआ था, जिसमें हमारे 40 से अधिक वीर जवान शहीद हो गए। यह हमला न केवल देश की सुरक्षा के प्रति एक बड़ी चुनौती थी, बल्कि हर भारतीय के दिल में आक्रोश और शोक का कारण भी बना। इस ब्लॉग में पुलवामा हमले (ब्लैक डे) पर भाषण के सैंपल दिए गए हैं।
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पुलवामा हमले पर भाषण 100 शब्दों में
पुलवामा हमले पर भाषण (Speech on Pulwama Attack in Hindi) 100 शब्दों में इस प्रकार है:
आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, सम्मानित शिक्षकगण और मेरे प्रिय साथियों,
नमस्कार!
आज मैं यहां एक ऐसी घटना पर बोलने के लिए खड़ा हूं, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। 14 फरवरी 2019 – यह दिन भारत के इतिहास में काले दिन के रूप में दर्ज हो गया, जब जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में एक कायरतापूर्ण आतंकी हमला हुआ। जैश-ए-मोहम्मद संगठन के आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार ने विस्फोटकों से भरी अपनी गाड़ी सीआरपीएफ के काफिले से टकरा दी, जिसमें हमारे 40 वीर जवान शहीद हो गए। यह हमला न केवल देश की सुरक्षा के लिए चुनौती था, बल्कि हमारी भावनाओं पर भी गहरा आघात था। लेकिन भारत ने हमेशा साबित किया है कि हमारे वीर जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। हमें अपने शहीदों की कुर्बानी को याद रखना होगा और एकता एवं देशभक्ति की भावना को मजबूत करना होगा।
जय हिंद! धन्यवाद।
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पुलवामा हमले पर भाषण 200 शब्दों में
पुलवामा हमले पर भाषण (Speech on Pulwama Attack in Hindi) 200 शब्दों में इस प्रकार है:
आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, सम्मानित शिक्षकगण और मेरे प्रिय मित्रों,
आप सभी को मेरा सादर नमस्कार।
आज मैं एक ऐसी घटना पर बोलने के लिए खड़ा हूँ, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। यह घटना न केवल हमारे दिलों में गहरी पीड़ा छोड़ गई, बल्कि हमें एकजुट होकर अपने वीर सैनिकों के बलिदान को नमन करने की सीख भी दी। मैं बात कर रहा हूँ 14 फरवरी 2019 को हुए पुलवामा आतंकी हमले की।
इस कायराना हमले में 40 वीर सीआरपीएफ जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी। एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से भरे वाहन को हमारे सैनिकों के काफिले से टकरा दिया, जिससे यह हृदयविदारक त्रासदी हुई। उस दिन सिर्फ जवानों के परिवारों ने अपने बेटे और पिता को नहीं खोया, बल्कि पूरे देश ने अपने सच्चे रक्षक खो दिए।
लेकिन भारत ने इस कायरतापूर्ण हमले का करारा जवाब दिया। हमारे सशस्त्र बलों ने बालाकोट हवाई हमले के जरिए आतंकवाद के खिलाफ अपनी मजबूती और संकल्प का परिचय दिया। इस कार्रवाई से यह संदेश गया कि भारत अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा।
पुलवामा हमला हमें यह याद दिलाता है कि हमारे सैनिक हर दिन अपने प्राणों की आहुति देकर हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। हमें उनके बलिदान को कभी नहीं भूलना चाहिए और उनके परिवारों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए। आइए, हम पुलवामा के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करें और संकल्प लें कि हम एकजुट रहकर देश की सुरक्षा में योगदान देंगे।
जय हिंद! वंदे मातरम्!
पुलवामा हमले पर भाषण 450 शब्दों में
पुलवामा हमले पर भाषण (Speech on Pulwama Attack in Hindi) 450 शब्दों में इस प्रकार है:
सुप्रभात / आदरणीय प्रधानाचार्य जी, सभी शिक्षकगण और मेरे प्यारे साथियों,
आज हम एक ऐसे विषय पर बात करने के लिए एकत्र हुए हैं, जो हमारे देश के इतिहास में एक काला अध्याय बनकर दर्ज है—पुलवामा हमला। यह केवल एक घटना नहीं थी, बल्कि हमारे देश की संप्रभुता और वीर जवानों की शहादत पर किया गया एक कायरतापूर्ण हमला था।
14 फरवरी 2019—यह दिन भारतीयों के लिए सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि दर्द, आक्रोश और बलिदान की गाथा बन चुका है। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ (CRPF) के काफिले पर एक आत्मघाती हमला किया गया, जिसमें हमारे 40 से अधिक वीर जवानों ने अपनी जान गंवा दी। एक आतंकी ने विस्फोटकों से भरी गाड़ी को सैनिकों की बस से टकरा दिया, जिससे एक भीषण विस्फोट हुआ। यह हमला न केवल हमारे सैनिकों पर, बल्कि पूरे भारत के हृदय पर एक गहरी चोट थी।
इस अमानवीय कृत्य के पीछे आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का हाथ था, जिसने हमारे देश की शांति और सुरक्षा को चुनौती देने की नापाक कोशिश की। लेकिन हमारे वीर जवानों की कुर्बानी व्यर्थ नहीं गई। पुलवामा हमले के कुछ ही दिनों बाद, भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी 2019 को “बालाकोट एयरस्ट्राइक” के जरिए आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट कर दिया। यह कार्रवाई हमारे देश की शक्ति और आतंकवाद के प्रति “जीरो टॉलरेंस” की नीति का प्रतीक थी।
साथियों, यह हमला हमें कई सबक देता है। पहला सबक यह है कि हमारी सेना और सुरक्षाबलों का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। वे अपने परिवारों से दूर रहकर हमारी सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देते हैं। हमें हमेशा उनके बलिदान को याद रखना चाहिए और देश की रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।
दूसरा सबक यह है कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता ही सबसे बड़ा हथियार है। हमें जाति, धर्म या भाषा से ऊपर उठकर अपने राष्ट्र की सुरक्षा के लिए एकजुट होना होगा। आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, कोई इंसानियत नहीं होती—यह सिर्फ नफरत और हिंसा फैलाने का एक तरीका है।
तीसरा सबक यह है कि हमें सतर्क रहना होगा और राष्ट्र की सुरक्षा में योगदान देना होगा। यदि हमें कोई संदिग्ध गतिविधि नजर आए, तो हमें तुरंत सुरक्षा एजेंसियों को सूचित करना चाहिए।
अंत में, मैं उन सभी वीर जवानों को नमन करता हूँ जिन्होंने इस हमले में अपने प्राण न्योछावर कर दिए। वे आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी शहादत हमें हमेशा प्रेरित करती रहेगी।
आइए, हम सभी यह संकल्प लें कि हम अपने देश की सुरक्षा और सम्मान के लिए सदैव तत्पर रहेंगे। हम अपनी सेना के साथ खड़े रहेंगे और एक सशक्त, सुरक्षित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान देंगे।
“शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा!”
जय हिंद! वंदे मातरम्!
पुलवामा हमले पर भाषण कैसे दें?
पुलवामा हमले पर प्रभावी भाषण देने के लिए निम्न चरणों का पालन करें:
- अपने भाषण में सीआरपीएफ के जवानों द्वारा किए गए बलिदानों पर प्रकाश डालें।
- घटना और राष्ट्रीय सुरक्षा और एकता में इसके महत्व पर चर्चा करें।
- आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने के महत्व पर जोर दें।
- अपने भाषण को तीन भागों में विभाजित करें जिसमें प्रारंभिक भाग में परिचय, मुख्य भाग में विवरण और अंतिम भाग में निष्कर्ष होना चाहिए।
- भाषण को शहीदों को सम्मानित करने के लिए एक गंभीर नोट के साथ शुरू करें।
- पुलवामा हमले और उसके महत्व का संक्षिप्त परिचय दें।
- हमले का वर्णन करें जैसे कि क्या हुआ, राष्ट्र पर इसका प्रभाव और जानमाल का कितना नुकसान हुआ था।
- सैनिकों की बहादुरी और भारतीय सरकार की प्रतिक्रिया पर प्रकाश डालें।
- हमले के बाद भारतीयों द्वारा दिखाई गई एकता और देशभक्ति पर चर्चा करें।
- शहीदों के बलिदान का सम्मान करने के लिए दर्शकों को प्रेरित करें।
- एकता, सतर्कता और देशभक्ति के महत्व पर जोर दें।
- देश के शहीदों और उनके बलिदान पर चर्चा करें।
- सशस्त्र बलों का सम्मान करने और राष्ट्र की शांति और प्रगति में योगदान देने के लिए अपने श्रोताओं को प्रोत्साहित करें।
FAQs
14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकवादी हमला हुआ, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए। यह हमला जैश-ए-मोहम्मद संगठन के आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार द्वारा किया गया था, जिसने विस्फोटकों से भरी कार को सीआरपीएफ के काफिले से टकरा दिया था।
इस आतंकी हमले में आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदी एक कार को सीआरपीएफ की बस से टकरा दिया। टक्कर के तुरंत बाद एक भीषण विस्फोट हुआ, जिससे बस के टुकड़े-टुकड़े हो गए और जवान शहीद हो गए।
14 फरवरी 2019 को हुए इस हमले में 40 से अधिक जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी, जिससे पूरे देश में गम और गुस्से की लहर दौड़ गई। इस भयावह घटना को याद करने और आतंकवाद की निंदा करने के लिए भारत 14 फरवरी को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाता है।
इस दिन, जम्मू-कश्मीर के अवंतीपोरा के पास गोरीपोरा इलाके में आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला किया। इस काफिले में 78 बसें शामिल थीं, जिनमें 2500 से अधिक जवान सफर कर रहे थे। इस हमले में 40 से अधिक जवान शहीद हो गए थे।
भारत ने 12 दिनों के भीतर 26 फरवरी 2019 को ‘बालाकोट एयरस्ट्राइक’ के जरिए इस हमले का बदला लिया। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया, जिसमें लगभग 300 आतंकियों के मारे जाने का दावा किया गया।
पुलवामा आतंकी हमला 14 फरवरी 2019 को हुआ था, जिसे भारत के इतिहास में एक काले दिन के रूप में याद किया जाता है।
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