Speech on Corruption in Hindi : आज का युग तेजी से बदल रहा है, पर एक समस्या जो हमारे समाज में जड़ें जमाए हुए है, वह है – भ्रष्टाचार। यह वह दीमक है जो हमारे समाज की नींव को धीरे-धीरे कमजोर करती जा रही है। छात्रों को इस विषय पर भाषण देने के लिए प्रेरित किया जाता है ताकि वे इसके दुष्प्रभावों को समझ सकें और इसके खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर सकें। भ्रष्टाचार एक ऐसी समस्या है जो न केवल देश की प्रगति को रोकती है बल्कि हमारी नैतिकता और सामाजिक ताने-बाने को भी नुकसान पहुंचाती है। इस ब्लॉग में हमने आपके लिए भ्रष्टाचार पर भाषण (Speech on Bhrashtachar in Hindi) के कुछ सैंपल प्रदान किए हैं, जिन्हें आप अपने स्कूल में प्रस्तुत कर सकते हैं।
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भ्रष्टाचार पर भाषण 1
भ्रष्टाचार पर यह भाषण यह दर्शाता है कि भ्रष्टाचार समाज की नींव को कमजोर करता है और हमें इसके खिलाफ मिलकर लड़ना चाहिए।
आदरणीय शिक्षकगण, अतिथि गण, और मेरे प्यारे साथियों,
आज मैं आपसे भ्रष्टाचार के विषय पर बात करना चाहता हूं। भ्रष्टाचार वह दीमक है जो हमारे समाज की नींव को धीरे-धीरे कमजोर करता जा रहा है। यह हर जगह फैल चुका है – सरकारी दफ्तरों से लेकर निजी संस्थानों तक। भ्रष्टाचार के कारण हमारे देश का विकास रुक जाता है और आम आदमी को इसकी कीमत चुकानी पड़ती है।
भ्रष्टाचार का मतलब सिर्फ रिश्वत देना या लेना नहीं है, बल्कि किसी भी प्रकार की अनैतिक गतिविधि जो हमारे समाज की नींव को हिला देती है। जब हम किसी भी प्रकार की अनुचित लाभ की मांग करते हैं, तो हम भ्रष्टाचार में संलिप्त हो जाते हैं। यह एक ऐसा जाल है जिसमें फंसकर हम अपनी नैतिकता और ईमानदारी को खो देते हैं।
भ्रष्टाचार के दुष्प्रभाव अनेक हैं – यह गरीबों की हकमारी करता है, आर्थिक असमानता बढ़ाता है, और देश की प्रगति को रोकता है। यह समाज में अविश्वास और असुरक्षा का माहौल बनाता है। हमें इस बुराई के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा होना होगा और इसे जड़ से उखाड़ फेंकना होगा। यह तभी संभव है जब हम अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक होंगे और ईमानदारी को अपने जीवन का हिस्सा बनाएंगे। हमें अपने आस-पास के लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करना होगा ताकि हम सब मिलकर एक स्वच्छ और ईमानदार समाज का निर्माण कर सकें।
धन्यवाद।
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भ्रष्टाचार पर भाषण 2
यह भ्रष्टाचार पर भाषण (Speech on Bhrashtachar in Hindi) यह बताएगा कि भ्रष्टाचार का उन्मूलन हमारी जिम्मेदारी है और हम सबको इसके लिए प्रयास करना चाहिए।
सम्माननीय प्रधानाचार्य महोदय, शिक्षकगण और मेरे प्यारे मित्रों,
भ्रष्टाचार एक ऐसी बीमारी है जो हमारे समाज को अंदर से खोखला कर रही है। यह एक ऐसी समस्या है जिसका समाधान हम सबकी जिम्मेदारी है। भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए हमें ईमानदारी और पारदर्शिता को अपनाना होगा।
भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सबसे पहले हमें अपने मनोवृत्ति में बदलाव लाना होगा। जब हम किसी भी प्रकार की अनैतिक गतिविधियों से खुद को दूर रखेंगे, तभी हम दूसरों को भी प्रेरित कर सकेंगे। भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए हमें अपने आस-पास के माहौल को भी बदलना होगा। हमें अपने परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों को भी इसके खिलाफ जागरूक करना होगा।
सरकार ने भी भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे कि सख्त कानून और नीतियां बनाना। लेकिन यह केवल कानून बनाने से संभव नहीं है। हमें भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में सक्रिय भूमिका निभानी होगी। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम खुद किसी भी प्रकार की अनैतिक गतिविधियों में संलिप्त न हों और दूसरों को भी ऐसा करने से रोकें।
जब हम सब मिलकर प्रयास करेंगे, तभी हम एक स्वच्छ और भ्रष्टाचार मुक्त समाज का निर्माण कर पाएंगे। हमें यह संकल्प लेना होगा कि हम कभी भी किसी भी प्रकार की रिश्वत नहीं देंगे और न ही लेंगे। हमें अपने समाज को एक बेहतर स्थान बनाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना होगा।
धन्यवाद।
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भ्रष्टाचार पर भाषण 3
यह भ्रष्टाचार पर भाषण (Speech on Bhrashtachar in Hindi) यह बताता है कि भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए शिक्षा और जागरूकता सबसे महत्वपूर्ण हथियार हैं।
प्रिय शिक्षकगण और सहपाठियों… आज का विषय है ‘भ्रष्टाचार’। भ्रष्टाचार हमारे देश की प्रगति में सबसे बड़ी बाधा है। इससे लड़ने के लिए सबसे महत्वपूर्ण हथियार हैं – शिक्षा और जागरूकता।
भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए हमें सबसे पहले अपनी शिक्षा प्रणाली में सुधार करना होगा। जब हम अपने बच्चों को ईमानदारी और नैतिकता का पाठ पढ़ाएंगे, तभी वे बड़े होकर एक जिम्मेदार नागरिक बनेंगे। हमें उन्हें यह समझाना होगा कि रिश्वत देना और लेना दोनों ही अपराध हैं और इससे हमारे समाज को बहुत नुकसान होता है।
शिक्षा के साथ-साथ जागरूकता भी बहुत महत्वपूर्ण है। हमें अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक होना होगा। हमें यह समझना होगा कि हम खुद अपने समाज को सुधार सकते हैं अगर हम ईमानदारी से काम करें। हमें अपने आस-पास के लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करना होगा ताकि हम सब मिलकर इस बुराई के खिलाफ लड़ सकें।
भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हम अपने सरकारी तंत्र को भी पारदर्शी और जिम्मेदार बनाएँ। इसके लिए हमें अपने नेताओं और अधिकारियों को भी इसके प्रति जागरूक करना होगा और उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि वे अपने कर्तव्यों का पालन ईमानदारी से करें।
जब हम सब मिलकर प्रयास करेंगे, तभी हम एक बेहतर और स्वच्छ समाज का निर्माण कर पाएंगे। हमें यह संकल्प लेना होगा कि हम कभी भी किसी भी प्रकार की रिश्वत नहीं देंगे और न ही लेंगे। हमें अपने समाज को एक बेहतर स्थान बनाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना होगा।
धन्यवाद।
भ्रष्टाचार पर भाषण 4
यह भ्रष्टाचार पर भाषण (Bhrashtachar Speech in Hindi) भ्रष्टाचार को रोकने के लिए हमें एकजुट होकर प्रयास करने के लिए प्रेरित करेगा।
प्रधानाचार्य महोदय, आदरणीय शिक्षकगण, और मेरे प्यारे मित्रों-
भ्रष्टाचार एक ऐसी समस्या है जो हमारे समाज को दिन-प्रतिदिन कमजोर कर रही है। इसे रोकने के लिए हमें एकजुट होकर प्रयास करना होगा। हमें यह संकल्प लेना होगा कि हम कभी भी किसी भी प्रकार की रिश्वत न देंगे और न ही लेंगे।
भ्रष्टाचार का उन्मूलन हमारी जिम्मेदारी है और इसे समाप्त करने के लिए हमें मिलकर प्रयास करना होगा। सबसे पहले हमें अपने आपसे शुरुआत करनी होगी। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम कभी भी किसी भी प्रकार की अनैतिक गतिविधियों में संलिप्त न हों और दूसरों को भी ऐसा करने से रोकें।
हमें अपने परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों को भी इसके खिलाफ जागरूक करना होगा। जब हम अपने आस-पास के लोगों को इसके प्रति जागरूक करेंगे, तभी हम इसे समाप्त कर पाएंगे। हमें यह समझना होगा कि भ्रष्टाचार सिर्फ एक व्यक्ति या संस्था की समस्या नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज की समस्या है और इसे समाप्त करने के लिए हमें मिलकर प्रयास करना होगा।
सरकार ने भी भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे कि सख्त कानून और नीतियां बनाना। लेकिन यह केवल कानून बनाने से संभव नहीं है। हमें भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में सक्रिय भूमिका निभानी होगी।
जब हम सब मिलकर प्रयास करेंगे, तभी हम एक स्वच्छ और भ्रष्टाचार मुक्त समाज का निर्माण कर पाएंगे। हमें यह संकल्प लेना होगा कि हम कभी भी किसी भी प्रकार की रिश्वत नहीं देंगे और न ही लेंगे। हमें अपने समाज को एक बेहतर स्थान बनाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना होगा।
धन्यवाद।
भ्रष्टाचार पर भाषण 5
भ्रष्टाचार पर प्रेरक भाषण (Speech on Corruption in Hindi) इस प्रकार है –
प्रिय साथियों…आज मैं आपसे भ्रष्टाचार के विषय पर चर्चा करना चाहता हूं। भ्रष्टाचार हमारे देश की प्रगति को बाधित कर रहा है। इसके खिलाफ लड़ने के लिए हमें नैतिकता और ईमानदारी को अपनाना होगा।
भ्रष्टाचार के दुष्प्रभाव अनेक हैं – यह गरीबों की हकमारी करता है, आर्थिक असमानता बढ़ाता है, और देश की प्रगति को रोकता है। यह समाज में अविश्वास और असुरक्षा का माहौल बनाता है। हमें इस बुराई के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा होना होगा और इसे जड़ से उखाड़ फेंकना होगा।
भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए हमें सबसे पहले अपनी सोच को बदलना होगा। हमें यह समझना होगा कि रिश्वत देना और लेना दोनों ही अपराध हैं। इसके लिए हमें नैतिकता और ईमानदारी को अपनाना होगा। जब हम ईमानदारी से काम करेंगे, तभी हम एक बेहतर समाज का निर्माण कर पाएंगे।
हमें यह भी समझना होगा कि भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए शिक्षा और जागरूकता सबसे महत्वपूर्ण हथियार हैं। हमें अपने बच्चों को ईमानदारी और नैतिकता का पाठ पढ़ाना होगा और उन्हें यह समझाना होगा कि रिश्वत देना और लेना दोनों ही गलत हैं।
जब हम सब मिलकर प्रयास करेंगे, तभी हम एक स्वच्छ और भ्रष्टाचार मुक्त समाज का निर्माण कर पाएंगे। हमें यह संकल्प लेना होगा कि हम कभी भी किसी भी प्रकार की रिश्वत नहीं देंगे और न ही लेंगे। हमें अपने समाज को एक बेहतर स्थान बनाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना होगा।
धन्यवाद।
भ्रष्टाचार पर भाषण (500 शब्दों में)
छात्रों के लिए Speech on Corruption in Hindi 500 शब्दों में इस प्रकार है –
प्रधानाचार्य महोदय, आदरणीय शिक्षकगण, और मेरे प्यारे मित्रों…
आज मैं एक ऐसे गंभीर विषय पर बात करने जा रहा हूँ, जो हमारे समाज और राष्ट्र की प्रगति में सबसे बड़ी बाधा बन गया है – भ्रष्टाचार। भ्रष्टाचार एक गहरी समस्या है, जो न केवल सरकार की कार्यप्रणाली को प्रभावित करती है, बल्कि हमारे समाज के हर वर्ग में विष घोलने का काम करती है।
“भ्रष्टाचार समाज की सबसे बड़ी बीमारी है, जो मानवता को खोखला कर देती है।” यह प्रसिद्ध उद्धरण हमें यह समझने में मदद करता है कि भ्रष्टाचार केवल एक अपराध नहीं, बल्कि यह हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित करता है। जब एक सरकारी अधिकारी रिश्वत लेता है या कोई व्यक्ति नियमों की अवहेलना करता है, तो इसका प्रभाव सिर्फ उस व्यक्ति तक सीमित नहीं रहता। यह पूरे समाज को प्रभावित करता है और विकास की राह में रुकावट डालता है।
हम सब जानते हैं कि भ्रष्टाचार के कारण समाज में असमानताएँ बढ़ती हैं। सार्वजनिक सेवाओं का वितरण भ्रष्टाचार के कारण बाधित होता है, और गरीब तबका अपने अधिकारों से वंचित रह जाता है। यह आर्थिक असमानता और सामाजिक तनाव को जन्म देता है। यही नहीं, भ्रष्टाचार से हमारे देश के विकास में भी बड़ी रुकावट आती है। जब सरकारी धन का दुरुपयोग होता है, तो वह शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे के विकास के बजाय निजी हितों में चला जाता है।
अब सवाल यह उठता है कि हम इससे कैसे निपट सकते हैं?
हम सभी का कर्तव्य है कि हम इस समस्या का समाधान खोजें और इसे जड़ से खत्म करें। पहला कदम है, अपनी सोच को बदलना। हमें ईमानदारी को अपनी आदत बनानी होगी और भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा होना होगा। “एक अकेला व्यक्ति क्या कर सकता है?” यह सवाल उठ सकता है, लेकिन जब पूरे समाज में जागरूकता फैलेगी, तो एक मजबूत आंदोलन खड़ा होगा। हमें सरकार की नीतियों को भी सही दिशा में सुधारने के लिए प्रयास करना होगा।
इसके अलावा, शिक्षा का क्षेत्र भी अहम है। बच्चों को बचपन से ही ईमानदारी, नैतिकता और समाजसेवा के महत्व के बारे में बताना होगा, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भ्रष्टाचार से लड़ने में सक्षम हों।
अंत में, मैं यही कहना चाहता हूँ कि भ्रष्टाचार केवल एक समस्या नहीं, बल्कि यह एक चुनौती है, जिसे हमें एकजुट होकर हराने की जरूरत है। “अगर हमें अपने देश को सच में एक समृद्ध और शक्तिशाली राष्ट्र बनाना है, तो हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरी ताकत से खड़ा होना होगा।”
धन्यवाद!
अध्यापक के लिए भ्रष्टाचार पर भाषण
अध्यापक भ्रष्टाचार पर भाषण इस प्रकार दे सकते हैं –
प्रिय छात्रों, आज हम एक महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करने जा रहे हैं – भ्रष्टाचार। यह एक ऐसी समस्या है जो हमारे समाज की नींव को हिला रही है। भ्रष्टाचार का मतलब सिर्फ रिश्वत देना या लेना नहीं है, बल्कि किसी भी प्रकार की अनैतिक गतिविधि जो हमारे समाज की नींव को कमजोर करती है।
भ्रष्टाचार के दुष्प्रभाव अनेक हैं – यह गरीबों की हकमारी करता है, आर्थिक असमानता बढ़ाता है, और देश की प्रगति को रोकता है। यह समाज में अविश्वास और असुरक्षा का माहौल बनाता है। हमें इस बुराई के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा होना होगा और इसे जड़ से उखाड़ फेंकना होगा।
भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए सबसे पहले हमें अपनी शिक्षा प्रणाली में सुधार करना होगा। जब हम अपने बच्चों को ईमानदारी और नैतिकता का पाठ पढ़ाएंगे, तभी वे बड़े होकर एक जिम्मेदार नागरिक बनेंगे। हमें उन्हें यह समझाना होगा कि रिश्वत देना और लेना दोनों ही अपराध हैं और इससे हमारे समाज को बहुत नुकसान होता है।
शिक्षा के साथ-साथ जागरूकता भी बहुत महत्वपूर्ण है। हमें अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक होना होगा। हमें यह समझना होगा कि हम खुद अपने समाज को सुधार सकते हैं अगर हम ईमानदारी से काम करें। हमें अपने आस-पास के लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करना होगा ताकि हम सब मिलकर इस बुराई के खिलाफ लड़ सकें।
भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हम अपने सरकारी तंत्र को भी पारदर्शी और जिम्मेदार बनाएँ। इसके लिए हमें अपने नेताओं और अधिकारियों को भी इसके प्रति जागरूक करना होगा और उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि वे अपने कर्तव्यों का पालन ईमानदारी से करें।
जब हम सब मिलकर प्रयास करेंगे, तभी हम एक बेहतर और स्वच्छ समाज का निर्माण कर पाएंगे। हमें यह संकल्प लेना होगा कि हम कभी भी किसी भी प्रकार की रिश्वत नहीं देंगे और न ही लेंगे। हमें अपने समाज को एक बेहतर स्थान बनाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना होगा।
धन्यवाद।
भ्रष्टाचार पर भाषण लिखने और बोलने के लिए टिप्स
भ्रष्टाचार पर भाषण (Speech on Corruption in Hindi) लिखने और बोलने के लिए टिप्स इस प्रकार हैं –
- सबसे पहले भ्रष्टाचार के विभिन्न पहलुओं, इसके प्रभाव और रोकथाम के उपायों के बारे में जानकारी हासिल कर लें।
- भाषण की शुरुआत, मध्य और समापन को स्पष्ट रूप से विभाजित करें।
- भाषण की शुरुआत में कोई दिलचस्प कहानी, तथ्य, या उद्धरण का प्रयोग करें।
- भाषण में 3-4 मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें।
- वास्तविक जीवन के उदाहरणों का उपयोग करें ताकि श्रोता विषय से जुड़ सकें।
- सटीक आंकड़े और तथ्य शामिल करें, जो भाषण को मजबूत बनाएं।
- भ्रष्टाचार के समाधान और रोकथाम के उपायों पर ध्यान केंद्रित करें।
- श्रोताओं को भावनात्मक रूप से जोड़ने के लिए दिल छूने वाली कहानियों का प्रयोग करें।
- भाषण को संक्षिप्त और सटीक रखें, ताकि श्रोता बोर न हों।
- बोलते समय अपने हाथों और चेहरे के हाव-भाव का सही उपयोग करें।
- आत्मविश्वास से बोलें और श्रोताओं से आँख मिलाकर बात करें।
- श्रोताओं से प्रश्न पूछकर उन्हें शामिल करें और उनके विचार जानें।
- भाषण देने से पहले बार-बार अभ्यास करें।
- किसी मित्र या परिवार के सदस्य से फीडबैक लें और सुधार करें।
- भाषण का समापन प्रेरणादायक संदेश या कार्रवाई के आह्वान के साथ करें।
FAQs
उत्तर: भ्रष्टाचार को रोकने के लिए हमें जागरूकता फैलानी चाहिए, कड़े कानून बनानी चाहिए, और सभी नागरिकों को ईमानदारी और नैतिकता का पालन करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
उत्तर: भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार को पारदर्शिता बढ़ानी होगी, दोषी व्यक्तियों को दंडित करना होगा और समाज में ईमानदारी को बढ़ावा देना होगा।
उत्तर: भ्रष्टाचार को समाज से दूर करने के लिए हमें शिक्षा, जागरूकता और कड़े कानूनों के माध्यम से भ्रष्टाचार के खिलाफ जनजागरूकता बढ़ानी होगी।
उत्तर: भ्रष्टाचार के 5 प्रमुख कारण हैं – 1. लालच 2. कमजोर कानून और नीति 3. पारदर्शिता की कमी 4. कुप्रबंधन 5. राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव।
उत्तर: भ्रष्टाचार मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं – 1. वित्तीय भ्रष्टाचार 2. प्रशासनिक भ्रष्टाचार।
उत्तर: भ्रष्टाचार किसी भी प्रकार की अनैतिक गतिविधि है जो व्यक्तिगत लाभ के लिए की जाती है, जैसे रिश्वत देना या लेना।
उत्तर: भ्रष्टाचार से गरीबों की हकमारी होती है, आर्थिक असमानता बढ़ती है, और देश की प्रगति रुकती है। यह समाज में अविश्वास और असुरक्षा का माहौल बनाता है।
उत्तर: भ्रष्टाचार को रोकने के लिए नैतिकता और ईमानदारी को अपनाना चाहिए, रिश्वत न देने और न लेने का संकल्प लेना चाहिए, और समाज को इसके प्रति जागरूक करना चाहिए।
उत्तर: शिक्षा प्रणाली में भ्रष्टाचार का सामना करने के लिए छात्रों को ईमानदारी और नैतिकता का महत्व सिखाना चाहिए और भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूकता फैलानी चाहिए।
उत्तर: समाज की भूमिका भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूकता फैलाने और ईमानदारी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण होती है। हमें मिलकर इस बुराई के खिलाफ खड़ा होना होगा और इसे जड़ से उखाड़ फेंकना होगा।
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