सिकंदर (जिसे अलेक्जेंडर भी कहा जाता था) का जन्म 20 जुलाई 356 ईसा पूर्व में “पेला” में हुआ था, जो की प्राचीन नेपोलियन की राजधानी थी। अलेक्जेंडर फिलिप द्वितीय का पुत्र था, जो मेक्डोनिया और ओलम्पिया के राजा थे और इसके पडोसी राज्य एपिरुस की राजकुमारी ओलिम्पिया उनकी माँ थी। एलेक्जेंडर की एक बहन भी थी।
सिकंदर का भारत पर आक्रमण
सिकंदर 328 ईसा पूर्व में सिकंदर भारत में पोरस की सेना से भिड़ा, दोनों की सेना में भयंकर युद्ध हुआ, सिकंदर की सेना ने अपना पूरा जोर लगा दिया था। आखिर में सिकंदर की जीत हुई। सिकंदर पोरस के पराक्रम से बहुत प्रभावित हुआ और उसे वापिस राजा बना दिया। सिकंदर ने सिन्धु के पूर्व की तरफ बढ़ने की कोशिश की, लेकिन उसकी सेना ने आगे बढने से मना कर दिया और वापिस लौटने को कहा। 325 ईसा पूर्व में सिकंदर ने ठीक होने के बाद अपनी सेना के साथ उत्तर की तरफ पर्शियन खाड़ी का रुख किया, उस समय बहुत से लोग बीमार पड़ गए, कुछ चोटिल हो गए, तो कुछ की मृत्यु हो गई। अपने नेतृत्व और प्रभाव को बनाए रखने के लिए उसने पर्शिया के प्रबुद्ध लोगों को मेक्डोनिया के प्रबुद्ध लोगों से मिलाने का सोचा, जिससे एक शासक वर्ग बनाया जा सके। इसी क्रम में उसने सुसा में उसने मेक्डोनिया के बहुत से लोगो को पर्शिया की राजकुमारियों से शादी करवाई।
सिकंदर ने जब 10 हजार की संख्या पर्शियन सैनिक अपनी सेना में नियुक्त कर लिए, तो उसने बहुत से मेक्डोनियन सैनिको को निकाल दिया। इस कारण सेना का बहुत बड़ा हिस्सा उससे खफा हो गया और उसने पर्शियन संस्कृति को अपनाने से भी मना कर दिया। सिकंदर ने तब 13 पर्शियन सेना नायकों को मरवाकर मेक्डोनीयन सैनिकों का क्रोध शांत किया। इस तरह सुसा में पर्शिया और मेक्डोनिया के मध्य सम्बन्धों को मधुर बनाने के लिए किया जाने वाला आयोजन सफल नहीं हो सका। सिकंदर की टक्कर के राजा सिर्फ पोरस ही थे, जिन्होंने सिकंदर को अपनी हार सामने याद दिला दी थी।
आशा है कि आपको इस ब्लाॅग में सिकंदर भारत कब आया था? इस बारे में पता चल गया होगा। इसी प्रकार के अन्य ऐतिहासिक ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।