नेशनल एजुकेशन पाॅलिसी (NEP) के आने के बाद एजुकेशन में लगातार बदलाव हो रहे हैं। NCERT ने भी अपने सिलेबस में बदलाव ला रहा है। अब NCERT स्कूलों की टेक्स्ट बुक्स में ऑर्गन डोनेशन पर चैप्टर्स शामिल करेगा, जिससे स्टूडेंट्स जागरूक हो सकेंगे। स्कूली शिक्षा में ही अंगदान ( ऑर्गन डोनेशन) के बारे में जानकारी होने पर स्टूडेंट्स अपने आस-पास लोगों की मदद कर सकते हैं और लोगों का जीवन भी बचा सकते हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने हाल ही में ऑर्गन डोनेशन पर सिलेबस तैयार किया है और उसकी एक्सपर्ट्स के पैनल द्वारा माॅनिटरिंग की जा रही है। NCERT की ओर से बताया गया है कि इस सिलेबस का उद्देश्य है कि स्टूडेंट्स में ऑर्गन डोनेशन के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। सिलेबस में ऑर्गन डोनेशन के चैप्टर्स को शामिल करना सबसे जरूरी माना जा रहा है। कम उम्र के स्कूली स्टूडेंट्स को ऑर्गन डोनेशन की प्रक्रिया समझने में मदद मिलेगी।
स्टूडेंट्स में ऑर्गन डोनेशन संबंधित सही समझ होनी आवश्यक
कई बार देखा गया है कि ऑर्गन डोनेशन के लिए भारतीयों में जागरूकता में कमी है। अगर हम स्कूली स्तर पर छात्रों को शिक्षित करते हैं तो ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक किया जा सकेगा। स्टूडेंट्स को यह बताना आवश्यक है कि कौन ऑर्गन डोनेट कर सकता है और कौन से ऑर्गन डोनेट किए जा सकते हैं। टेक्स्ट बुक्स में जनरल इंग्लिश और रिजनल लैंग्वेज भी शामिल की जाए और प्रत्येक चैप्टर में स्टूडेंट्स के लिए ऑर्गन डोनेशन संबंधित समस्याओं और उनके समाधान पर विचार करने की जरूरत है।
दिल्ली और हरियाणा के 200 से अधिक स्कूलों में हुए हैं इंटरैक्टिव सेशन
पिछले एक दशक में दिल्ली और हरियाणा के 200 से अधिक स्कूलों में ऑर्गन डोनेशन पर जागरूकता बढ़ाने के लिए कई इंटरैक्टिव सेशन आयोजित किए गए हैं। हमने देखा है कि छात्र उस सब्जेक्ट के प्रति स्टूडेंट्स उत्सुक रहते हैं और ऑर्गन डोनेशन संबंधित जानकारी लेने के बाद वह उसे अन्य लोगों से भी शेयर करने के लिए कहते हैं। इस एजुकेशन से स्टूडेंट्स से उनके परिवारों और फ्रेंड्स तक जागरूकता लाई जा सकती है।
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